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करनाल के शेल्टर होम से 1638 प्रवासी मजदूरों की हुई घर वापसी - करनाल प्रवासी घर वापसी

करनाल से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है. शनिवार से करीब 1638 प्रवासी मजदूरों को उनके घर बिहार भेजा गया. करनाल प्रशासन ने मजदूरों से अपील की है कि कोई भी मजदूर पैदल ना चले. सभी को सुविधा के साथ घर पहुंचाया जाएगा.

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Published : May 23, 2020, 9:19 PM IST

करनाल: जिले के शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है. लॉकडाउन में फंसे होने के कारण कई प्रवासी मजदूरों ने पैदल ही अपने घर वापसी का निर्णय लिया था. प्रवासी मजदूरों की मजबूरी को देखते हुए जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया. इसके बाद इन्हें घर भेजने के लिए परिवहन सुविधा मुहैया करवाई गई.

1638 प्रवासी मजदूरों की हुई घर वापसी

बता दें कि करनाल से शनिवार को प्रशासन द्वारा 1638 प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गया. इन प्रवासी मजदूरों को पहले बस के द्वारा अंबाला रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया. फिर अंबाला से रेल के द्वारा उन्हे बिहार के लिये रवाना किया गया. पहले भी 1246 प्रवासी मजदूरों को करनाल से अंबाला पहुंचाने के बाद अंबाला रेलवे स्टेशन से जिला कटिहार बिहार के लिये रवाना किया गया था. जिला प्रशासन रोजाना करीब 25 बसों के जरिए इन प्रवासी को घर भेज रही है.

पूरी सविधा के साथ भेजा घर

प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने इनके लिए बस और रेल की सुविधा उपलब्ध करवाई है, ताकि प्रवासी मजदूर को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो और सभी अपने घर सुरक्षित पहुंच सके. वहीं एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने के लिये जिला प्रशासन ने बस और रेल की उचित सुविधा की है.

मजदूरों से पैदल ना चलने की अपील की

देश के उत्तर-पूर्व राज्यों असम, नागालैण्ड, मणिपुर, मेघालय इत्यादि राज्यों के मजदूरों को भी बस और रेल का उचित प्रबंध करके उनके राज्यों में भेजा जा चुका हैं. जिला करनाल से अन्य राज्यों जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को भी उनके राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है. प्रशासन प्रवासी मजदूरों से लगातार अपील कर रहा है कि कोई भी मजदूर पैदल ना चले.

करनाल: जिले के शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है. लॉकडाउन में फंसे होने के कारण कई प्रवासी मजदूरों ने पैदल ही अपने घर वापसी का निर्णय लिया था. प्रवासी मजदूरों की मजबूरी को देखते हुए जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया. इसके बाद इन्हें घर भेजने के लिए परिवहन सुविधा मुहैया करवाई गई.

1638 प्रवासी मजदूरों की हुई घर वापसी

बता दें कि करनाल से शनिवार को प्रशासन द्वारा 1638 प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गया. इन प्रवासी मजदूरों को पहले बस के द्वारा अंबाला रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया. फिर अंबाला से रेल के द्वारा उन्हे बिहार के लिये रवाना किया गया. पहले भी 1246 प्रवासी मजदूरों को करनाल से अंबाला पहुंचाने के बाद अंबाला रेलवे स्टेशन से जिला कटिहार बिहार के लिये रवाना किया गया था. जिला प्रशासन रोजाना करीब 25 बसों के जरिए इन प्रवासी को घर भेज रही है.

पूरी सविधा के साथ भेजा घर

प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने इनके लिए बस और रेल की सुविधा उपलब्ध करवाई है, ताकि प्रवासी मजदूर को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो और सभी अपने घर सुरक्षित पहुंच सके. वहीं एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने के लिये जिला प्रशासन ने बस और रेल की उचित सुविधा की है.

मजदूरों से पैदल ना चलने की अपील की

देश के उत्तर-पूर्व राज्यों असम, नागालैण्ड, मणिपुर, मेघालय इत्यादि राज्यों के मजदूरों को भी बस और रेल का उचित प्रबंध करके उनके राज्यों में भेजा जा चुका हैं. जिला करनाल से अन्य राज्यों जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को भी उनके राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है. प्रशासन प्रवासी मजदूरों से लगातार अपील कर रहा है कि कोई भी मजदूर पैदल ना चले.

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