चंडीगढ़: हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने कोविड-19 के दौरान प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस से सम्बंधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं. प्रदेश में स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले निजी स्कूलों में अनुपालना सुनिश्चित करें.
'सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकेंगे निजी स्कूल'
इस दिशा-निर्देश में कहा गया है कि निजी स्कूल मासिक आधार पर केवल ट्यूशन फीस ही लें, अन्य प्रकार के फंड जैसे बिल्डिंग फंड, रखरखाव फंड, प्रवेश शुल्क, कंप्यूटर शुल्क आदि कोविड-19 की असामान्य स्थिति के कारण स्थगित किए जाएं.
अन्य फीस वसूलने पर होगी कार्रवाई
बता दें कि राज्य के निजी स्कूलों में बच्चों को मासिक तौर पर ट्यूशन फीस जमा करानी होगी. इससे पहले अभिभावकों को तीन महीने की फीस एक बार में जमा करानी होती थी. इसके अलावा निजी स्कूल बढ़ी हुई ट्यूशन फीस नहीं ले सकेंगे. अगर किसी निजी स्कूल ने वर्दी, किताब के नाम पर फीस ली या फिर अन्य चार्ज वसूला, तो ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
आदेशों का पालन करने के दिए निर्देश
इसके अलावा जरूरत पड़ी तो मान्यता तक को भी रद्द किया जा सकता है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि जो लोग अभी फीस भरने में असमर्थ है तो निजी स्कूल उनसे जबरन फीस ना ले. डीईओ ने कहा कि निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस मासिक आधार पर लेनी होगी. सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने सभी डीईओ, डीईईओ को निर्देश दिए कि वे आदेशों की अनुपालन कराएं.
पाठ्यक्रम में बदलाव ना करने के लिए भी कहा
उन्होंने बताया कि निजी स्कूल लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि अभिभावकों को फीस जमा कराने के निर्देश जारी करें. सभी निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस में वृद्धि न करने लॉकडाउन की अवधि का यातायात शुल्क न वसूलने, स्कूल यूनिफार्म और पाठ्य-पुस्तकों में बदलाव न करने के भी निदेर्श दिए गए हैं.