ETV Bharat / briefs

HAU में बनेगी प्रदेश की पहली जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी

author img

By

Published : May 26, 2020, 10:16 AM IST

प्रदेश की पहली सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी को प्रदेश सरकार ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित करने की अनुमति दे दी है. इसकी जानकारी एचएयू हिसार के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने दी.

Haryana first organic certification agency to be set up at HAU
Haryana first organic certification agency to be set up at HAU

हिसार: हरियाणा सरकार ने प्रदेश की पहली सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में स्थापित करने की अनुमति दे दी है. इसकी जानकारी चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि हरियाणा जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी (होका) के रूप में जानी जाएगी.

प्रोफेसर के.पी. सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने हरियाणा पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम 2012 (हरियाणा अधिनियम संख्या नं. 1, 2012) के तहत होका का सोसायटी के रूप में पंजीकरण करवा लिया गया है. उन्होंने बताया कि ये सोसायटी एक राज्य सहायता प्राप्त जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण एजेंसी के रूप में काम करेगी. वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति सोसाइटी के पदेन अध्यक्ष और दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केन्द्र के नियन्त्रण अधिकारी इसके सदस्य सचिव होंगे.

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (ए.पी.ई.डी.ए.) केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से होका को मान्यता पाप्त करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. इसके बाद प्रदेश और प्रदेश से बाहर जैविक उत्पादों के विपणन और निर्यात में कोई बाधा नहीं आएगी.

उन्होंने बताया कि हरियाणा जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी और दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केन्द्र आपस में मिलकर कार्य करेंगे. विश्वविद्यालय अपनी प्रयोगशालाओं को मजबूत करने के साथ-साथ परीक्षण सेवाओं को भी बढ़ावा देगा. इस संस्था के स्थापित होने पर प्रदेश के किसानों को जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण से जुड़ी सभी जानकारियों का समय पर पता चल सकेगा और वे अपने जैविक उत्पाद को उचित मूल्य पर बेच पाएंगे.

उन्होंने बताया कि हरियाणा जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी और दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केन्द्र के उद्देश्यों में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार जैविक खेती एवं प्रक्रियाओं का प्रमाणन, आमजन के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देना. साथ ही जैविक खेती और जैविक उद्योगों के विभिन्न उत्पादों का परीक्षण करना, जैविक प्रमाणीकरण के लिए जैविक किसानों और उत्पादकों को वैज्ञानिक ढंग से प्रशिक्षित करना. साथ ही उनकी क्षमता का निर्माण करना, शुद्ध एवं पौष्टिक खाद्य उत्पादन आमजन की पहुंच तक सुनिश्चित करना, जैविक बीज से लेकर जैविक उत्पादों के विपणन के लिए बेहतर और अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करना शामिल है.

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में एजेंसी को स्थापित करने की मान्यता देना जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में बहुत ही सराहनीय कदम है. इससे किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि किसान जैविक प्रमाणीकरण की दो प्रणाली अपनाते हैं. इसमें पहली प्रणाली स्व-प्रमाणन प्रणाली (पार्टिसिपेटरी गारंटी स्कीम) होती है जो किसानों की फसल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विपणन के लिए प्रभावी नहीं करती.

ये भी पढ़िए: हरियाणा के किसानों को मिला मजदूरों का विकल्प, DSR मशीन से कर रहे धान की रोपाई

दूसरी प्रणाली थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन की है जो ज्यादातर निर्यात के उद्देश्य से अपनायी जाती है. अब किसानों को कम खर्च में जैविक उत्पादकों की लागत प्रभावी बनाने और पारदर्शी तरीके से तीसरे पक्ष का प्रमाणन प्राप्त करने में मदद मिलेगी. और वे अपने उत्पादों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रमाणन के साथ बेच सकेंगे.

हिसार: हरियाणा सरकार ने प्रदेश की पहली सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में स्थापित करने की अनुमति दे दी है. इसकी जानकारी चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि हरियाणा जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी (होका) के रूप में जानी जाएगी.

प्रोफेसर के.पी. सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने हरियाणा पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम 2012 (हरियाणा अधिनियम संख्या नं. 1, 2012) के तहत होका का सोसायटी के रूप में पंजीकरण करवा लिया गया है. उन्होंने बताया कि ये सोसायटी एक राज्य सहायता प्राप्त जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण एजेंसी के रूप में काम करेगी. वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति सोसाइटी के पदेन अध्यक्ष और दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केन्द्र के नियन्त्रण अधिकारी इसके सदस्य सचिव होंगे.

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (ए.पी.ई.डी.ए.) केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से होका को मान्यता पाप्त करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. इसके बाद प्रदेश और प्रदेश से बाहर जैविक उत्पादों के विपणन और निर्यात में कोई बाधा नहीं आएगी.

उन्होंने बताया कि हरियाणा जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी और दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केन्द्र आपस में मिलकर कार्य करेंगे. विश्वविद्यालय अपनी प्रयोगशालाओं को मजबूत करने के साथ-साथ परीक्षण सेवाओं को भी बढ़ावा देगा. इस संस्था के स्थापित होने पर प्रदेश के किसानों को जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण से जुड़ी सभी जानकारियों का समय पर पता चल सकेगा और वे अपने जैविक उत्पाद को उचित मूल्य पर बेच पाएंगे.

उन्होंने बताया कि हरियाणा जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी और दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केन्द्र के उद्देश्यों में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार जैविक खेती एवं प्रक्रियाओं का प्रमाणन, आमजन के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देना. साथ ही जैविक खेती और जैविक उद्योगों के विभिन्न उत्पादों का परीक्षण करना, जैविक प्रमाणीकरण के लिए जैविक किसानों और उत्पादकों को वैज्ञानिक ढंग से प्रशिक्षित करना. साथ ही उनकी क्षमता का निर्माण करना, शुद्ध एवं पौष्टिक खाद्य उत्पादन आमजन की पहुंच तक सुनिश्चित करना, जैविक बीज से लेकर जैविक उत्पादों के विपणन के लिए बेहतर और अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करना शामिल है.

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में एजेंसी को स्थापित करने की मान्यता देना जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में बहुत ही सराहनीय कदम है. इससे किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि किसान जैविक प्रमाणीकरण की दो प्रणाली अपनाते हैं. इसमें पहली प्रणाली स्व-प्रमाणन प्रणाली (पार्टिसिपेटरी गारंटी स्कीम) होती है जो किसानों की फसल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विपणन के लिए प्रभावी नहीं करती.

ये भी पढ़िए: हरियाणा के किसानों को मिला मजदूरों का विकल्प, DSR मशीन से कर रहे धान की रोपाई

दूसरी प्रणाली थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन की है जो ज्यादातर निर्यात के उद्देश्य से अपनायी जाती है. अब किसानों को कम खर्च में जैविक उत्पादकों की लागत प्रभावी बनाने और पारदर्शी तरीके से तीसरे पक्ष का प्रमाणन प्राप्त करने में मदद मिलेगी. और वे अपने उत्पादों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रमाणन के साथ बेच सकेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.