चंडीगढ़: विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल से साफ है कि इस बार भी बीजेपी की ही सरकार बन रही है.
सीएम ने पानी के संकट पर जताई चिंता
सीएम मनोहर लाल ने बढ़ती गर्मी और पानी की किल्लत पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि पानी का संकट गहराता जा रहा है. हरियाणा गर्म प्रदेश है और समुद्र से दूर है. जिस वजह से हमें ज्यादा पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है.
SYL पर सरकार कर रही है काम- सीएम
सीएम ने SYL के पानी का जिक्र करते हुए कहा कि सभी लोग SYL के पानी की मांग कर रहे हैं. इसे सरकार जल्द पूरी करने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि यमुना नदी का पानी भी 3 महीने ही चल पाता है. यही नहीं हरियाणा दिल्ली को भी पानी देता है. जिस वजह से हरियाणा में पानी का संकट गहरा रहा है. प्रदेश के कई जिले डार्क जोन में आ गए हैं. सीएम ने कहा कि दिल्ली के पानी की पूर्ति के लिए दूसरे प्रदेशों को भी आगे आना चाहिए.
प्रदेश के 9 जिले डार्क जोन में आए- सीएम
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि अंबाला सहित 9 जिले डार्क जोन की श्रेणी में आ गए हैं. प्रदेश में भूजल स्तर 20 से 30 मीटर नीचे चला गया है. सीएम ने कहा कि लोगों को धान की फसल की खेती शुरू करनी चाहिए.
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ब्रेकिंग -
मुख्यमंत्री मनोहर लाल का बयान ।
चुनाव हो चुका एक्सिट पोल आ चुके है ।
23 को होगी मतगणना ।
सीएम ने कहा कि काफी गंभीर विषय है जिसकी चिंता कई दिनों से है आयोग की परमिशन ली है ।
जल ही जीवन एहम मुद्दा है ।
पानी का संकट लगातार गहराता जा रहा है ।
सीएम ने कहा धान की फसल में पानी ज्यादा लगता है ।
हरियाणा गर्म प्रदेश है समुद्र से दूर है ।
हमारे यहाँ तक आते आते वर्षा कम होती है ।
कम वर्षा के चलते पानी के संकट में आ रहे है ।
यमुना नदी भी 3 महीने चल पाती है जिसके बाद पानी कम हो जाता है ।
जितना पानी हमें मिलता है उसमें दिल्ली को भी देना पड़ता है ।
दिल्ली की पूर्ति के लिए दूसरे राज्यों को भी आगे आना चाहिए ।
एसवाईएल की मांग है जो जल्द आना चाहिए ये प्रयास है ।
पाकिस्तान में व्यर्थ जा रहा है पानी उसपर भी चिंता शुरू हो गई है ।
सीएम ने कहा लोगों व खासकर किसानों को भी मदद करनी चाहिए ।
कई जिले डार्क जोन की तरफ बढ़ रहे है ।
अम्बाला समेत 9 जिले ऐसे है जो डार्क जोन की तरफ बढ़ रहे है ।
प्रदेश में भूजल स्तर नीचे गिरता जा रहा है और कुछ जगहों पर भूजल का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है
प्रदेश में भूजल स्तर 20 से 30 मीटर निचे चला गया है
हम इसलिए धान की फसल की वैकल्पिक फसल की खेती शुरू करना चाहते हैं
इसके लिए प्रदेश में 7 ब्लॉकों में वैकल्पिक खेती का पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है
1 लाख 95 हजार हेक्टेयर भूमि पर इन 7 ब्लॉकों में धान की खेती की जा रही है
यहां हम मक्का और अरहर की खेती को बढ़ावा देंगे
इसके लिए वैकल्पिक खेती करने वाले किसानों को 2 हजार रुपये प्रति एकड़ दिया जाएगा इसके साथ उच्च क्वालिटी का बीज और फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम की राशि सरकार देगी
वैकल्पिक खेती से होने वाली फसल को एमएसपी पर सरकार खरीदेगी
मक्का की फसल अवधि 90 से 95 दिन में तैयार होती है जबकि धान के लिए 130 की अवधि चाहिए
धान कम होने से पराली की समस्या भी कम होगी
Conclusion: