चंडीगढ़: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और हरियाणा के पूर्व बिजली मंत्री रणदीप सुरजेवाला की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं. सुरजेवाला के खिलाफ 16 साल पुराने एक मामले में विजिलेंस जांच (Vigilance Inquiry Against Randeep Surjewala) शुरू हो गई है. सुरजेवाला पर EPF और ESI में गड़बड़ी का आरोप है, हालांकि कहा जा रहा है कि इस मामले में सुरजेवाला की कोई भूमिका नहीं है लेकिन वे उस वक्त बिजली मंत्री थे इसलिए विजिलेंस जांच में उनका नाम शामिल किया गया है.
सुरजेवाला पर मैनपावर सप्लाई करने वाली एजेंसी से सांठगांठ करने के आरोप लगाए लगे थे. सुरजेवाला को इस मामले में आरोपी इसलिये (vigilance probe begins against randeep surjewala) बनाया गया है क्योंकि वो उस वक्त बिजली मंत्री थे. उनके कार्यकाल के दौरान करीब चार हजार लाइनमैन और सहायक लाइनमैन की भर्ती ठेके पर हुई थी. इन कर्मचारियों को ना ईपीएफ दिया गया और ना ही ईएसआई.
मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में कुल 31 लोगों को नोटिस भेजा गया है. विजिलेंस इस मामले में बिजली कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है. पंचकूला विजिलेंस ब्यूरो के डीएसपी देविंद्र सिंह ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण के भिवानी जिले के सुपरिंटेंडेंट को पत्र लिखकर 8 कर्मचारियों को 24 मई को जांच में शामिल होने को कहा है. 10 कर्मियों को 23 मई को बुलाया है. इससे पहले 18 मई को उनको जांच में शामिल होना था लेकिन कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा.
क्या है मामला- हिसार के कौत कलां निवासी सिक्योरिटी एजेंसी संचालक अजय संधू ने 2019 में गृहमंत्री अनिल विज को शिकायत दी थी. संधू ने विज को दी गई शिकायत में बताया था कि साल 2009-10 में रणदीप सिंह सुरेजवाला बिजली मंत्री थे. सुरजेवाला के समर्थक ईश्वर नैन ने बिजली मंत्री से उसकी मुलाकात करवाई. बदले में नैन को उसे अपने टेंडर में पार्टनर बनाया. उस समय प्रदेशभर में करीब चार हजार लाइनमैन और सहायक लाइनमैन की भर्ती ठेके के तहत की गई. इन्हें न तो ईपीएफ (EPF) दिया न ईएसआई (ESI). इस मामले में बिजली निगम ने सर्विस टैक्स चोरी और ईपीएफ, ईएसआई चोरी की शिकायत कर दी. भिवानी सहित 11 जिलों में एफआईआर दर्ज की गई. संधू ने बताया कि केवल उसे ही आरोपी बना दिया गया जबकि अन्य किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई.
विवादों मे रह चुकी है संधू मैन पावर एजेंसी- जिस मामले में रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू हुई है. उसमें जिस संधू मैनपावर सप्लाई एजेंसी को कर्मचारियों की भर्ती का ठेका दिया गया है. ये एजेंसी पहले से विवादों में रह चुकी है. एजेंसी के खिलाफ 32 अन्य मामलों में ईपीएफ गड़बड़ी के केस चल रहे हैं.
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