उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में मजदूरों को फंसे आधा महीना हो गया है. लेकिन मजदूरों को रेस्क्यू करने में लगातार अड़चनें आ रही हैं. बीते दिन अमेरिकन हैवी ऑगर मशीन जवाब दे गई. सुरंग में ड्रिलिंग के दौरान ऑगर मशीन की ब्लेड बुरी तरह डैमेज हो गई.जिसके बाद वर्टिकल ड्रीलिंग व मैनुअल ड्रीलिंग पर भी विचार किया जा रहा है. वहीं वर्टिकल ड्रीलिंग के लिए पहले ही सड़क बना ली गई है और स्थान को भी चिन्हित किया गया है. भले ही रेस्क्यू टीम के पास कई विकल्प हों, लेकिन मजदूरों को बाहर निकलने में इंतजार करना पड़ सकता है.
उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 15वां दिन है. सुरंग में फंसे 41 मजदूर पिछले आधे महीने से खुली हवा में सांस लेने के लिए उम्मीद बनाए हुए हैं. रेस्क्यू कार्य में बार-बार बाधा उत्पन्न हो रही है, अमेरिकन हैवी ऑगर मशीन में फिर खराबी आई है. ताजा स्थिति की बात करें तो रेस्क्यू कार्य में अमेरिकन ऑगर मशीन में जो अवरोध पैदा हुआ है, उसे तत्काल दुरुस्त करने की दिशा में कार्य किया जाएगा. साथ ही टनल में मैनुअल ड्रिलिंग कार्य भी किया जाएगा.वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी भी की जा रही है. जिसके लिए पूर्व में रोड और स्थान को चिन्हित कर लिया गया था और मशीन को भी तैयार रखा गया है.
टनल में मैनुअल ड्रिलिंग जल्द: टनल में रेस्क्यू कार्य में लगे अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि अमेरिकन ऑगर ड्रिलिंग मशीन को पाइपलाइन से बाहर जल्द निकाल लिया जाएगा. कहा कि मशीन को अब 22 मीटर पीछे ले जाया जा सकता है. वहीं रेस्क्यू से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मैनुअल ड्रिलिंग जल्द ही शुरू हो सकती है. बचा हुआ मलबा, जो लगभग 6 से 9 मीटर तक फैला हुआ है, ये बचाव दल और फंसे हुए मजदूरों के बीच है. जिसे मैनुअल ड्रिलिंग के माध्यम से जल्द हटा दिया जाएगा.
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रेस्क्यू कार्य में आ रही बाधा: गौर हो कि उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में चार बार मलबा हटाते के दौरान हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन कार्य करते समय लोहे के सरियाओं के जाल से टकराई हैं.जिस कारण ऑगर मशीन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है. वहीं निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद मजदूर भी निराश दिखाई दे रहे हैं. टनल निर्माण का कार्य दोबारा शुरू होने को लेकर भी मजदूरों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. सुरंग में काम करने वाले मजदूर अब बिना मानदेय के ही अपने घरों के लिए रवाना होने लगे हैं.