नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) ने सिविल सेवा के कुछ उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका का विरोध किया है, जिसमें मुख्य परीक्षा के लिए अतिरिक्त प्रयास की मांग की गई है. यूपीएससी मेन्स परीक्षा जनवरी देश भर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर 7, 8, 9, 15 और 16 जनवरी 2022 को आयोजित की गई थी. हालांकि कुछ लोग कोविड की वजह से इसमें शामिल नहीं हो पाए थे. यह मेन्स परीक्षा थी, जो सिविल सेवा परीक्षा का दूसरा स्तर है.
आयोग ने कहा कि यदि ऐसा होता है तो इसका अन्य परीक्षाओं पर प्रभाव पड़ेगा. सरकार के लिए समय पर भर्ती करने की अनुसूची का पालन करना महत्वपूर्ण है. शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत हलफनामे में आयोग ने कहा कि वह भर्ती के अलावा 13 परीक्षाएं आयोजित करता है. परीक्षा में किसी भी कारण से अनुपस्थित रहने पर उम्मीदवार को उपस्थित होने की अनुमति देने का कोई प्रावधान नहीं है.
आयोग का तर्क है कि कोविड प्रोटोकॉल के साथ परीक्षा का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया था. हालांकि कोविड संक्रमितों के लिए अलग व्यवस्था का कोई प्रावधान नहीं था. दरअसल, 21 मार्च को केंद्र और यूपीएससी को अदालत में दायर एक याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया था. याचिका में कोविड पॉजिटिव सिविल सेवा उम्मीदवारों की तरफ से मांग की गई है क्योंकि उनमें से कुछ लोगों को पेपर छोड़ना पड़ा था. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला था कि संक्रमित उम्मीदवारों के लिए यूपीएससी द्वारा कोई नीति नहीं थी.