काशीपुर: देश में इन दिनों आपने हिन्दू-मुस्लिम टकराव (Hindu Muslim conflict) की खबरें जरूर सुनी होंगी. जिससे समाज में अलगाव पैदा होता है. लेकिन काशीपुर से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रही है. यहां हिन्दू परिवार की दो बहनों ने अपनी 4 बीघा जमीन ईदगाह को दान में दे दी.
बता दें कि अपने दिवंगत पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए इन दोनों बहनों ने 4 बीघा जमीन ईदगाह के विस्तारीकरण के लिए दान में देकर न केवल पुत्री होने का फर्ज निभाया है, बल्कि मुस्लिम समाज को जमीन दान में देकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल भी पेश की है.
काशीपुर के ईदगाह मैदान के पास लाला बृजनंदन प्रसाद रस्तोगी के परिवार की कृषि भूमि है. इस जमीन पर खाता संख्या 827(1) व (2) का करीब 4 बीघा ईदगाह की बाउंड्री से सटा है. 25 जनवरी 2003 को बृजनंदन रस्तोगी ने अपने देहांत से पहले इस जमीन को ईदगाह के लिए दान करने की इच्छा जताई थी, लेकिन यह जमीन उनकी दोनों बेटियां सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी के नाम पर थी.
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बृजनंदन प्रसाद रस्तोगी ने अपनी इच्छा पूर्व सांसद (अब स्वर्गीय) सत्येंद्र चंद्र गुड़िया से भी जताई थी. बृजनंदन के ईदगाह कमेटी के पदाधिकारियों से काफी करीबी ताल्लुकात थे. वह हर साल ईदगाह के लिए चंदा भी देते थे. बृजनंदन के निधन के बाद दोनों बहनों को जब अपने पिता की इच्छा के बारे में पता चला तो, उन्होंने अपने भाई राकेश रस्तोगी की मदद से कमेटी के सदर हसीन खान से संपर्क कर ईदगाह से सटी जमीन दान करने की इच्छा जताई.
वर्तमान में सरोज का परिवार मेरठ और अनीता का परिवार दिल्ली में रहता है. दोनों की सहमति पर सरोज के पति सुरेंद्र वीर रस्तोगी और बेटे वीर रस्तोगी के साथ ही अनीता रस्तोगी के बेटे अभिषेक रस्तोगी ने काशीपुर पहुंचकर गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में जमीन की पैमाइश करवाई और ईदगाह से सटी जमीन कमेटी को दान कर दी. कमेटी ने जमीन पर बाउंड्री बनाने का काम भी शुरू कर दिया है.