सिलीगुड़ी: सांप के जहर के बाद तस्कर हिरण की खाल और सींग के साथ-साथ सांप के तेल की भी तस्करी कर रहे हैं. वन विभाग ने सोमवार की देर रात सिलीगुड़ी में तस्करी के लिए ले जाये जा रहे इन वन्यजीव उत्पादों को बरामद करने में सफलता हासिल की है. सिलीगुड़ी में वन विभाग की कार्रवाई के दौरान दो अंतरराष्ट्रीय तस्कर वन विभाग की गिरफ्त में आए. उनके कब्जे से स्पेक्टेकल्ड कोबरा का तेल बरामद किया गया.
इतना ही नहीं आरोपियों के कब्जे से हिरण की खाल और सींग भी जब्त किए गए. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन जीव उत्पादों की कीमत 1 करोड़ रुपये बताई जा रही है. दार्जिलिंग वन विभाग की रैपिड रिस्पांस फोर्स ने दार्जिलिंग वाइल्ड लाइफ विंग नंबर 1 में बरामदगी के बाद पूरी घटना की गहन जांच शुरू कर दी है. सिलीगुड़ी कॉरिडोर से तस्करी कोई नई बात नहीं है. सिलीगुड़ी कॉरिडोर का उपयोग तस्कर वन्यजीवों की तस्करी के लिए करते हैं.
हालांकि, वन विभाग के साथ-साथ पुलिस की गतिविधियों ने उन प्रयासों को विफल कर दिया. दार्जिलिंग वन्यजीव विभाग के रैपिड रिस्पांस फोर्स के विंग नंबर 1 के रेंजर दीपक रोसेली और टीम ने सांप के तेल के साथ-साथ हिरण की सींग और खाल भी बरामद की. घटना में दूसरे राज्य के दो तस्करों को सिलीगुड़ी जंक्शन से सटे इलाके से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सिकंदर कुमार और संजू लेग के तौर पर की गई है.
गिरफ्तार लोगों में सिकंदर उत्तर प्रदेश के खलीलाबाद और संजू बिहार के कटिहार का रहने वाला बताया जा रहा है. वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार दोनों लोगों पर वन विभाग काफी दिनों से नजर रख रहा था. आखिरकार सोमवार को गुप्त सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर छापेमारी कर सिलीगुड़ी जंक्शन इलाके से इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. शुरुआत में, यह बताया गया कि गिरफ्तार व्यक्ति वन्यजीवों के शवों के साथ-साथ सांप के तेल की तस्करी में भी शामिल थे.
उनके कब्जे से जब्त तेल का वजन 350 एमएल आंका गया है. वहीं हिरण की खाल के चार टुकड़े और हिरण के सींग के तीन टुकड़े भी थे. बरामद वन्यजीव उत्पादों का अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 1 करोड़ रुपये है. घटना के संबंध में रैपिड रिस्पांस फोर्स के रेंज ऑफिसर दीपक रसैली ने कहा कि दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में जांच चल रही है. इसमें कोई और भी शामिल है या नहीं, इस पर भी गौर किया जा रहा है.