नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शहजाद पूनावाला (Shehzad Poonawalla) को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया है. पूनावाला कांग्रेस के पूर्व नेता रहे हैं. कांग्रेस से अलग होने के बाद पूनावाला कांग्रेस पर तीखे हमले करने को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. सबसे ताजा घटनाक्रम में उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बयान को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि राहुल को चुनना होगा कि वे भारतीय शहीदों के साथ खड़े हैं या सिद्धू के साथ. भाजपा ने सिद्धू पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की प्रशंसा करने को लेकर हमला बोला था. इससे पहले 2017 में पूनावाला ने राहुल गांधी पर एक टिप्पणी में कहा था कि, वे शहजाद हैं, शहजादा नहीं हैं.
तीन साल पहले शहजाद पूनावाला ने एक अन्य बयान में दावा किया था कि राहुल गांधी भगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव मोदी से भेंट कर चुके हैं. राहुल गांधी और फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी की मुलाकात का दावा करते हुए पूनावाला ने कहा था कि वह सितंबर 2013 में एक होटल में कांग्रेस अध्यक्ष और नीरव मोदी की मुलाकात के गवाह थे. एएनआई से पूनावाला ने राहुल गांधी को लाई डिटेक्टर टेस्ट से गुजरने की चुनौती भी दी थी. पूनावाला ने कहा था कि साल 2013-14 में ही नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी को बैंकों से कर्ज मिला था.
गौरतलब है कि एक अन्य आर्थिक अपराधी और भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने लंदन कोर्ट के बाहर दावा किया था कि उन्होंने भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी. अलग-अलग सरकारों के दौरान आर्थिक अपराधियों के कथित संरक्षण संबंध में कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर जुबानी जंग देखी जा चुकी है.
राहुल गांधी पर वंशवाद को लेकर आक्रमण
दिसंबर, 2017 में पूनावाला ने राहुल गांधी पर हमला किया था और कहा था कि कांग्रेस पार्टी के पास 'शहजाद' के लिए कोई जगह नहीं थी, लेकिन शहजादा (राहुल गांधी) के लिए है. बता दें कि कांग्रेस में अपेक्षित स्थान न मिलने के बाद पूनावाला ने कांग्रेस के किनारा कर लिया था.
पूनावाला ने कहा था, 'मैं पिछले छह से आठ वर्षों से पार्टी के भीतर गैर-वंशवादियों के लिए वंशवादी राजनीति और उचित अवसर के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा हूं. मैंने इस पर राहुल जी को भी लिखा था.' उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों के बारे में मेरे दावों का जवाब देने के बजाय कांग्रेस में 'वन फैमिली वन टिकट रूल' जैसे हालात हैं. पूनावाला ने कहा था कि कांग्रेस मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रही है कि मैं बीजेपी का एजेंट हूं. उन्होंने कहा था कि वे व्हिसलब्लोअर बनना चाहते हैं. मैं कांग्रेस के अन्य नेताओं की तरह रीढ़विहीन नहीं.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा था, 'मैं शहजाद हूं, शहजादा नहीं.' (मैं शहजाद पूनावाला हूं, राहुल गांधी जैसा राजकुमार नहीं). पूनावाला ने कहा था कि कांग्रेस के पास उनके लिए जगह नहीं है.
कांग्रेस के उन दावों पर कि, वे पार्टी के नेता नहीं थे, पूनावाला ने कहा, 'अगर मैं कांग्रेस पार्टी का सदस्य नहीं था, तो अप्रैल 2016 में अशोक चव्हाण ने मुझे महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी का सचिव कैसे नियुक्त किया था. उन्होंने सबूत के तौर पर मीडिया को पत्र भी दिखाया था.
मां और मेरा शहजाद पूनावाला से कोई लेना-देना नहीं
पूनावाला से जुड़े एक अन्य दिलचस्प घटनाक्रम में उनके भाई तहसीन पूनावाला ने साल 2017 में कहा था कि शहजाद पूनावाला को शिकायतों को ट्विटर या मीडिया पर ले जाने के बजाय अपनी आवाज पार्टी फोरम पर उठानी चाहिए थी.
तहसीन पूनावाला ने कहा था, शहजाद ने मुझसे, मेरी पत्नी या मेरी मां से इस बारे में कभी चर्चा नहीं की कि वह क्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा था, 'मैं औपचारिक रूप से और दृढ़ता से मीडिया के सामने घोषणा करता हूं - मेरी पत्नी, मेरी मां और मेरा शहजाद पूनावाला से कोई लेना-देना नहीं है.'
गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को शहजाद पूनावाला की नियुक्ति के अलावा कई अन्य लोगों को भी अपनी टीम में शामिल किया है. नड्डा ने टीम में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री व वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े को भी शामिल किया है. तावड़े भाजपा महासचिव नियुक्त किए गए हैं.
नड्डा ने बिहार के ऋतुराज सिन्हा और झारखंड की आशा लकड़ा को राष्ट्रीय सचिव जबकि पश्चिम बंगाल की भारती घोष को भी राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया है. भारती घोष भारतीय पुलिस सेवा की पूर्व अधिकारी हैं. वह 2019 में भाजपा में शामिल हो गई थीं.
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भाजपा महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में इन नियुक्तियों की रविवार को घोषणा की गई. अरुण सिंह के अलावा कैलाश विजयवर्गीय, दुष्यंत गौतम, डी पुरंदेश्वरी, सी टी रवि, तरूण चुग और दिलीप सैकिया वर्तमान में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. अब इसमें नया नाम तावड़े का जुड़ गया है.
भाजपा की बिहार इकाई में पदाधिकारी रह चुके ऋतुराज सिन्हा पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यसभा सदस्य आर के सिन्हा के पुत्र हैं. आशा लकड़ा रांची की महापौर हैं.
(पीटीआई-भाषा)