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SC पहुंचा विहिप-बजरंग दल रैली मामला, दिल्ली-हरियाणा-यूपी को नोटिस,अगली सुनवाई 4 अगस्त को - rallies of VHP Bajrang Dal

नूंह हिसा के बाद बजरंग दल और विहिप की रैलियों पर रोक लगाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी किया है. वहीं कोर्ट ने सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने, नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Aug 2, 2023, 3:20 PM IST

Updated : Aug 2, 2023, 6:25 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की सीमा से लगे हरियाणा में सांप्रदायिक हिंसा में छह लोगों की मौत हो जाने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने तथा नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए. हालांकि, शीर्ष अदालत ने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के मार्च पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. नफरती भाषण से माहौल खराब होने का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस.वी. भट्टी की पीठ ने संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी अदेश दिया. साथ ही कोर्ट दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को नोटिस भेजा है. फिलहाल मामले में 4 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.

पीठ ने कहा, 'हमें उम्मीद और विश्वास है कि पुलिस अधिकारियों सहित राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत भरे भाषण न दिए जाएं और किसी तरह की हिंसा न हो, या संपत्ति को नुकसान न पहुंचाया जाए. और जहां भी आवश्यकता होगी, पर्याप्त संख्या में पुलिस बल या अर्धसैनिक बल तैनात किए जाएंगे.' शीर्ष अदालत ने केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू को निर्देश दिया कि वे तुरंत अधिकारियों से संपर्क करें और सुनिश्चित करें कि अब कोई अप्रिय घटना न हो.

राजू ने निर्देश लेने के लिए अदालत से समय मांगा. इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिए निर्धारित कर दी. पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर उदय सिंह ने अदालत से कहा कि दक्षिणपंथी संगठनों विहिप और बजरंग दल द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के विभिन्न हिस्सों में 23 प्रदर्शनों की घोषणा की गई है, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने यह आदेश पारित किया.

याचिकाकर्ता के वकील ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसके बाद इसे न्यायमूर्ति खन्ना और न्यायमूर्ति भट्टी की पीठ को सौंपा गया. गौरतलब है कि 31 जुलाई को भीड़ द्वारा विहिप के जुलूस को रोकने की कोशिश के बाद नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में दो होम गार्ड सहित छह लोगों की मौत हो गई. राज्य सरकार के अनुसार, हिंसा के सिलसिले में अब तक 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

हरियाणा के कुछ जिलों में हिंसा की घटनाओं को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी में संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हरियाणा के नूंह तथा गुरुग्राम में साम्प्रदायिक हिंसा के खिलाफ बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर प्रदर्शन किए, जिससे शहर के कई हिस्सों में यातायात अवरूद्ध हो गया. सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में बजरंग दल के समर्थक निर्माण विहार मेट्रो स्टेशन के समीप हनुमान चालीसा पढ़ते देखे जा सकते हैं. बाद में, उन्होंने विकास मार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया.

ये भी पढ़ें - Article 370 पर सुनवाई, सिब्बल बोले- जम्मू-कश्मीर का भारत में एकीकरण निर्विवाद था...है और हमेशा रहेगा

नई दिल्ली : दिल्ली की सीमा से लगे हरियाणा में सांप्रदायिक हिंसा में छह लोगों की मौत हो जाने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने तथा नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए. हालांकि, शीर्ष अदालत ने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के मार्च पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. नफरती भाषण से माहौल खराब होने का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस.वी. भट्टी की पीठ ने संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी अदेश दिया. साथ ही कोर्ट दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को नोटिस भेजा है. फिलहाल मामले में 4 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.

पीठ ने कहा, 'हमें उम्मीद और विश्वास है कि पुलिस अधिकारियों सहित राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत भरे भाषण न दिए जाएं और किसी तरह की हिंसा न हो, या संपत्ति को नुकसान न पहुंचाया जाए. और जहां भी आवश्यकता होगी, पर्याप्त संख्या में पुलिस बल या अर्धसैनिक बल तैनात किए जाएंगे.' शीर्ष अदालत ने केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू को निर्देश दिया कि वे तुरंत अधिकारियों से संपर्क करें और सुनिश्चित करें कि अब कोई अप्रिय घटना न हो.

राजू ने निर्देश लेने के लिए अदालत से समय मांगा. इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिए निर्धारित कर दी. पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर उदय सिंह ने अदालत से कहा कि दक्षिणपंथी संगठनों विहिप और बजरंग दल द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के विभिन्न हिस्सों में 23 प्रदर्शनों की घोषणा की गई है, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने यह आदेश पारित किया.

याचिकाकर्ता के वकील ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसके बाद इसे न्यायमूर्ति खन्ना और न्यायमूर्ति भट्टी की पीठ को सौंपा गया. गौरतलब है कि 31 जुलाई को भीड़ द्वारा विहिप के जुलूस को रोकने की कोशिश के बाद नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में दो होम गार्ड सहित छह लोगों की मौत हो गई. राज्य सरकार के अनुसार, हिंसा के सिलसिले में अब तक 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

हरियाणा के कुछ जिलों में हिंसा की घटनाओं को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी में संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हरियाणा के नूंह तथा गुरुग्राम में साम्प्रदायिक हिंसा के खिलाफ बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर प्रदर्शन किए, जिससे शहर के कई हिस्सों में यातायात अवरूद्ध हो गया. सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में बजरंग दल के समर्थक निर्माण विहार मेट्रो स्टेशन के समीप हनुमान चालीसा पढ़ते देखे जा सकते हैं. बाद में, उन्होंने विकास मार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया.

ये भी पढ़ें - Article 370 पर सुनवाई, सिब्बल बोले- जम्मू-कश्मीर का भारत में एकीकरण निर्विवाद था...है और हमेशा रहेगा

Last Updated : Aug 2, 2023, 6:25 PM IST
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