रोहतकः चार लोगों की ऐसी हत्या जिसने हरियाणा की पूरी कानून व्यवस्था को हिलाकर रख दिया, लेकिन जब उसका खुलासा हुआ तो वो और भी भयावह था. अपने पूरे परिवार को मौत के घाट उतारने वाला बेटा अभिषेक(Abhishek killed his family) मौज कर रहा था. जिस पैसे से पिता ने उसे बेदखल किया था अब वो सब उसका था, लेकिन कुदरत का हंटर चला और कानून के लंबे हाथों से वो ज्यादा दिन तक बच नहीं पाया. गिरफ्तारी के बाद जो उसने खुलासे किये हैं वो भी कम चौंकाने वाले नहीं हैं. अभिषेक नाम के इस शख्स ने दौलत और पैसे की भूख में अपने पूरे परिवार को खत्म कर दिया.
पुलिस की पूछताछ में अभिषेक ने बताया कि वो अपनी बहन को ज्यादा तवज्जो दिये जाने और पैसों की डिमांड पूरी ना होने से बेहद खफा था. वो अपने पिता से 5 लाख रुपये की मांग कर रहा था. इससे पहले वो अपनी बहन के नाम प्रॉपर्टी किये जाने से भी नाराज था, उसका कहना था कि बहन को माता-पिता हर जगह उससे ज्यादा अहमियत देते थे जो मुझसे बर्दाश्त नहीं होता था. लिहाजा उसने सबको अपने रास्ते से हटाने का प्लान बनाया.
वो गन लेकर सुबह के करीब 11 बजे अपने घर पहुंचा जहां नीचे के कमरे में उसके पिता लेटकर फोन पर किसी से बात कर रहे थे. अभिषेक ने घर में तेज म्यूजिक चलाया और अपने पिता पर एक के बाद एक तीन गोलियां दाग दीं. पहली गोली लगने के बाद उसके पिता बबलू कुछ हलचल कर रहे थे इसलिए उसने दो गोलियां और मारीं ताकि तस्दीक हो सके कि काम पूरा हो गया है. पिता को ढेर करने के बाद वो ऊपर पहुंचा जहां उसने अपनी बहन, मां और नानी को एक-एक गोली मारी. वारदात को अंजाम देने के बाद अभिषेक ने घर के दरवाजे बंद किये और बाहर निकल गया.
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इसके बाद अभिषेक पहले से इंतजार कर रहे अपने दोस्तों से जाकर मिला. वो घर की चाबी अपने साथ ले गया था. यहां से वो अपने दोस्तों को लेकर जश्न मनाने एक होटल में पहुंचा, वहां इन्होंने बहुत सारा खाना ऑर्डर किया, लेकिन बकौल अभिषेक उससे कुछ नहीं खाया गया. वहां बैठकर उसने लोगों और पुलिस को सुनाने के लिए एक कहानी गढ़ी और करीब ढाई घंटे बाद घर वापस लौट आया.
अभिषेक ने अपने प्लान के मुताबिक मामा को फोन करके बताया कि घर का दरवाजा बंद है और कोई खोल नहीं रहा है. उसके मामा ने दरवाजा तोड़ने की सलाह दी, जिस पर अमल करते हुए अभिषेक ने दरवाजा तोड़ दिया. लेकिन जब वो अंदर पहुंचा तो देखा कि उसकी बहन जिंदा थी. यहां उसने फिर से प्लान बदला और बहन को अस्पताल ले गया, लेकिन इससे पहले कि वो कुछ कह पाती, उसकी सांसे थम गईं.
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पुलिस और अपने रिश्तेदारों के सामने वो खूब रोया ताकि किसी को शक ना हो, लेकिन पहले दिन हुई थोड़ी सी पूछताछ में उस पर पुलिस को जरा शक हुआ पर उस वक्त पुलिस को कुछ भी करना ठीक नहीं लगा, क्योंकि अभिषेक के साथ लोगों की सहानुभूति थी और पुलिस के पास कोई सबूत नहीं था. लेकिन जब पुलिस ने सीसीटीवी और कॉल डीटेल्स खंगाली तो वारदात की परतें खुलती चली गईं.
जाट कॉलेज में बीए की पढ़ाई कर रहे अभिषेक उर्फ मोनू ने इस तरह से अपने पूरे परिवार को मौत की नींद सुला दिया. जिसके पीछे की वजह पुलिस पैसा और जायदाद बता रही है. लेकिन आसपास के लोगों में एक और चर्चा है कि अभिषेक एक गे था और वो किसी लड़के से शादी करना चाहता था. इसी वजह से घरवाले उससे बेहद नाराज थे और जायदाद भी अपनी बेटी के नाम कर दी थी. लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है अभी कहना मुश्किल है क्योंकि पुलिस जांच कर रही है और असली वजह जांच के बाद ही पता चलेगी.