ETV Bharat / bharat

हरियाणा विधानसभा में पास हुआ धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 10 साल तक की सजा का प्रावधान

हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को ध्वनिमत के साथ धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक (Anti Forcible Religion Conversion Bill) पारित कर दिया गया. अब हरियाणा में बल, अनुचित प्रभाव अथवा लालच देकर धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होगी.

Mnohar lal Khattar
मुख्यमंत्री मनोहर लाल
author img

By

Published : Mar 22, 2022, 11:01 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को ध्वनिमत के साथ धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक (haryana religion conversion prevention bill) पारित किया गया. अब हरियाणा में बल, अनुचित प्रभाव अथवा लालच देकर धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होगी. इसके तहत जबरन धर्मांतरण साबित होने पर अधिकतम 10 साल कैद व न्यूनतम चार लाख रुपये जुर्माना होगा. कांग्रेस ने विधेयक का जमकर विरोध किया और सदन से वॉकआउट किया. सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा विधिविरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक का मकसद क्राइम करने वालों में भय बैठाना है.

समय-समय पर चीजों में परिवर्तन होता है. कई बार किसी गंभीर मामले में आईपीसी एक्ट होने के बावजूद बी एक्ट बनाए जाते हैं, ताकि अपराध करने वालों के मान में हमेशा डर बैठा रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी मर्जी से जो भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जायेगी, लेकिन जबरदस्ती किसी के साथ ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. धोखे या किसी तरह का लालच देकर अगर धर्म परिवर्तन करवाय जाएगा तो उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार सालों के भीतर 6 जिलों में धर्म परिवर्तन के 127 से भी ज्यादा एफआईआर दर्ज हुई हैं.

पढ़ें : अडानी गोदाम में नहीं जाएगी किसानों की गेंहू की फसल, सरकार ने वापस लिया फैसला

मुख्यमंत्री ने कहा यमुनानगर, पानीपत, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद में धर्म परिवर्तन की काफी घटनाएं सामने आयी हैं. जो चिंताजनक हैं. कई मामलों में एफआईआर भी दर्ज हुई हैं. इस तरह की घटनाएं पूरे देश में हो रही हैं और अलग-अलग प्रदेशों ने अपने हिसाब से कानून बनाए हैं. इन सभी कारणों से इस विधेयक को लाया गया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में चंगाई सम्मेलन, ग्लोबल पीस जैसे एनजीओ पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ नामी एनजीओ जबरदस्ती लोगों का धर्म परिवर्तन कर रही है.

मनोहर लाल ने कहा कि यह विधायक हरियाणा के साथ साथ देश हित के लिए भी है. बता दें कि इस विधेयक के जरिए प्रदेश में धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने का प्रस्ताव है. अगर लालच, बल या धोखाधड़ी के जरिए धर्म परिर्वतन किया जाता है तो एक से पांच साल की सजा और कम से कम एक लाख रुपये के जुर्माना का प्रावधान है. विधेयक के मुताबिक, जो भी एक नाबालिग या एक महिला अथवा अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करता है या इसका प्रयास करता है तो उसे कम से कम चार साल जेल की सजा मिलेगी, जिसे बढ़ाकर 10 साल और कम से कम चार लाख रुपये का जुर्माना किया जा सकता है. इस बिल में गलत बयानी, गलत प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी तरह के कपट से शादी के लिए प्रभावित करना अब अपराध होगा.

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को ध्वनिमत के साथ धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक (haryana religion conversion prevention bill) पारित किया गया. अब हरियाणा में बल, अनुचित प्रभाव अथवा लालच देकर धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होगी. इसके तहत जबरन धर्मांतरण साबित होने पर अधिकतम 10 साल कैद व न्यूनतम चार लाख रुपये जुर्माना होगा. कांग्रेस ने विधेयक का जमकर विरोध किया और सदन से वॉकआउट किया. सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा विधिविरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक का मकसद क्राइम करने वालों में भय बैठाना है.

समय-समय पर चीजों में परिवर्तन होता है. कई बार किसी गंभीर मामले में आईपीसी एक्ट होने के बावजूद बी एक्ट बनाए जाते हैं, ताकि अपराध करने वालों के मान में हमेशा डर बैठा रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी मर्जी से जो भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जायेगी, लेकिन जबरदस्ती किसी के साथ ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. धोखे या किसी तरह का लालच देकर अगर धर्म परिवर्तन करवाय जाएगा तो उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार सालों के भीतर 6 जिलों में धर्म परिवर्तन के 127 से भी ज्यादा एफआईआर दर्ज हुई हैं.

पढ़ें : अडानी गोदाम में नहीं जाएगी किसानों की गेंहू की फसल, सरकार ने वापस लिया फैसला

मुख्यमंत्री ने कहा यमुनानगर, पानीपत, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद में धर्म परिवर्तन की काफी घटनाएं सामने आयी हैं. जो चिंताजनक हैं. कई मामलों में एफआईआर भी दर्ज हुई हैं. इस तरह की घटनाएं पूरे देश में हो रही हैं और अलग-अलग प्रदेशों ने अपने हिसाब से कानून बनाए हैं. इन सभी कारणों से इस विधेयक को लाया गया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में चंगाई सम्मेलन, ग्लोबल पीस जैसे एनजीओ पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ नामी एनजीओ जबरदस्ती लोगों का धर्म परिवर्तन कर रही है.

मनोहर लाल ने कहा कि यह विधायक हरियाणा के साथ साथ देश हित के लिए भी है. बता दें कि इस विधेयक के जरिए प्रदेश में धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने का प्रस्ताव है. अगर लालच, बल या धोखाधड़ी के जरिए धर्म परिर्वतन किया जाता है तो एक से पांच साल की सजा और कम से कम एक लाख रुपये के जुर्माना का प्रावधान है. विधेयक के मुताबिक, जो भी एक नाबालिग या एक महिला अथवा अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करता है या इसका प्रयास करता है तो उसे कम से कम चार साल जेल की सजा मिलेगी, जिसे बढ़ाकर 10 साल और कम से कम चार लाख रुपये का जुर्माना किया जा सकता है. इस बिल में गलत बयानी, गलत प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी तरह के कपट से शादी के लिए प्रभावित करना अब अपराध होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.