गुवाहाटी: उत्तर पूर्व कांग्रेस समन्वय समिति (एनईसीसीसी) ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को 'राजधर्म' का पालन करना चाहिए और राज्य में शांति बहाल करने पर ध्यान देना चाहिए. मणिपुर में हुई हिंसा हाल के दिनों में राज्य की राजनीति का ध्रुवीकरण किए जाने की 'गलतियों' का परिणाम है.
एनईसीसीसी के महासचिव दिगंत चौधरी ने कहा कि कर्नाटक के जनादेश से पता चलता है कि दक्षिणी राज्य के लोगों ने नफरत की राजनीति के बजाय प्यार की राजनीति को अपनाया है और सामाजिक सद्भाव और आर्थिक विकास के लिए मतदान किया है. चौधरी ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस आम लोगों के सामने आने वाले मुद्दों- जैसे बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, मूल्यवृद्धि आदि पर चुनाव मैदान में उतरी, जबकि भाजपा की 'डबल इंजन' सरकार धन बल और सांप्रदायिक राजनीति पर निर्भर थी.
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को कहा कि वह कर्नाटक के 'भूमिपुत्र' हैं. उनकी पार्टी ने शनिवार को घोषित विधानसभा चुनाव के परिणाम में 224 में से 136 सीटों पर जीत दर्ज की है. खड़गे ने एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, 'यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के भूमिपुत्र हैं, तो मैं कर्नाटक का भूमिपुत्र हूं.' खड़गे ने प्रचार के आखिरी चरण में दावा किया था कि कर्नाटक के लोगों को कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाकर अपना स्वाभिमान बनाए रखने में उनकी मदद करनी चाहिए. खड़गे ने कहा, 'में मेकेदातु पदयात्रा से गति मिली है. भारत जोड़ो यात्रा जहां से भी गुजरी है, हमने सभी सीटों पर जीत हासिल की है. यह भारत जोड़ो यात्रा की बड़ी उपलब्धि है.'
(आईएएनएस)