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पाकिस्तानी सेना ने रची थी पुलवामा अटैक की साजिश, जांच एजेंसियों को मिले थे सबूत

पुलवामा अटैक की बरसी पर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (रिटायर्ड) ने इस हमले से जुड़ीं कई जानकारियां दीं. उन्होंने बताया कि हमले के बाद जांच में पता चला कि इसकी साजिश पाकिस्तानी सेना ने रची थी. उसने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को पैसे और हथियार से लैस कर घाटी तक पहुंचाया था.

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Published : Feb 15, 2022, 10:13 AM IST

2019 Pulwama Attack
2019 Pulwama Attack

नई दिल्ली : 2019 में हुए पुलवामा अटैक में पाकिस्तानी आर्मी सीधे तौर से शामिल थी. यह जानकारी लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (रिटायर्ड) ने दी. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों की ओर से बरामद किए गए सबूत, दस्तावेज और हथियार साबित करते हैं कि इस आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना शामिल थी. पुलवामा हमले के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों तब जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में 15 कोर की कमान संभाल रहे थे. पुलवामा में किए गए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हो गई थी.

ढिल्लों ने बताया कि पुलवामा में हमले के बाद जांच कर रही एजेंसियों ने हथियार और दस्तावेज बरामद किए थे. उससे यह साबित हुआ कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को पाकिस्तान से ऑपरेट किया जा रहा था. आतंकियों के उसके लिए फंड और हथियार भी पाकिस्तानी सेना में उपलब्ध कराई थी. आतंकी कश्मीर घाटी में आए और सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया. इस तरह पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों के जरिये केंद्र शासित प्रदेश में शांति भंग की.

लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (रिटायर्ड) ने भारत के सुरक्षा बलों ने हमले के तुरंत बाद तलाश शुरू की और 100 घंटे के भीतर पुलवामा हमले में शामिल आतंकियों को मार गिराया था. सुरक्षा बलों ने एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान के नेतृत्व में चलाए गए मॉड्यूल को खत्म कर दिया. इसके बाद जैश ए मुहम्मद में सुरक्षा बलों के अभियान के कारण दहशत हो गई. इसके बाद कोई भी आतंकी इसका नेतृत्व करने को राजी नहीं हुआ. पाकिस्तान से आई एक कॉल को इंटरसेप्ट करने के बाद यह पता चला कि पाकिस्तानी आर्मी ने बचे हुए आंतकियों को जैश का जिम्मा संभालने के निर्देश किए थे, मगर उन्होंने मना कर दिया.

ढिल्लों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन एकजुट होकर काम करते हैं. कोई भी आदमी पाकिस्तानी सेना की मदद के बिना नियंत्रण रेखा पार नहीं कर सकता है.भारतीय सेना ने गुलमर्ग सेक्टर में एलओसी पर पाक नागरिकों को पकड़ा, जिन्हें पाकिस्तानी सेना वहां लाई थी.

बता दें कि 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी. हमलावर की पहचान जैश-ए-मुहम्मद के आदिल अहमद डार के तौर पर हुई थी.

पढ़ें : 16 फरवरी को रूस करेगा यूक्रेन पर हमला : व्लादिमीर जेलेंस्की

नई दिल्ली : 2019 में हुए पुलवामा अटैक में पाकिस्तानी आर्मी सीधे तौर से शामिल थी. यह जानकारी लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (रिटायर्ड) ने दी. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों की ओर से बरामद किए गए सबूत, दस्तावेज और हथियार साबित करते हैं कि इस आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना शामिल थी. पुलवामा हमले के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों तब जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में 15 कोर की कमान संभाल रहे थे. पुलवामा में किए गए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हो गई थी.

ढिल्लों ने बताया कि पुलवामा में हमले के बाद जांच कर रही एजेंसियों ने हथियार और दस्तावेज बरामद किए थे. उससे यह साबित हुआ कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को पाकिस्तान से ऑपरेट किया जा रहा था. आतंकियों के उसके लिए फंड और हथियार भी पाकिस्तानी सेना में उपलब्ध कराई थी. आतंकी कश्मीर घाटी में आए और सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया. इस तरह पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों के जरिये केंद्र शासित प्रदेश में शांति भंग की.

लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (रिटायर्ड) ने भारत के सुरक्षा बलों ने हमले के तुरंत बाद तलाश शुरू की और 100 घंटे के भीतर पुलवामा हमले में शामिल आतंकियों को मार गिराया था. सुरक्षा बलों ने एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान के नेतृत्व में चलाए गए मॉड्यूल को खत्म कर दिया. इसके बाद जैश ए मुहम्मद में सुरक्षा बलों के अभियान के कारण दहशत हो गई. इसके बाद कोई भी आतंकी इसका नेतृत्व करने को राजी नहीं हुआ. पाकिस्तान से आई एक कॉल को इंटरसेप्ट करने के बाद यह पता चला कि पाकिस्तानी आर्मी ने बचे हुए आंतकियों को जैश का जिम्मा संभालने के निर्देश किए थे, मगर उन्होंने मना कर दिया.

ढिल्लों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन एकजुट होकर काम करते हैं. कोई भी आदमी पाकिस्तानी सेना की मदद के बिना नियंत्रण रेखा पार नहीं कर सकता है.भारतीय सेना ने गुलमर्ग सेक्टर में एलओसी पर पाक नागरिकों को पकड़ा, जिन्हें पाकिस्तानी सेना वहां लाई थी.

बता दें कि 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी. हमलावर की पहचान जैश-ए-मुहम्मद के आदिल अहमद डार के तौर पर हुई थी.

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