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18 नंबर का क्या है श्रीमद भगवद गीता और अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव से ख़ास कनेक्शन, जान लीजिए फौरन - गीता के हैं 18 अध्याय

Number 18 importance in Gita : हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि न्यूमैरोलॉजी में पावरफुल नंबर कहे जाने वाले नंबर 18 का श्रीमद भगवद गीता और गीता महोत्सव से भी ख़ास कनेक्शन हैं.

Number 18 importance in Bhagwad Gita International Gita Mahotsava 2023 Kurukshetra Haryana News
18 नंबर का क्या है श्रीमद भगवद गीता और अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव से ख़ास कनेक्शन?
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 7, 2023, 9:54 PM IST

18 नंबर का क्या है श्रीमद भगवद गीता और अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव से ख़ास कनेक्शन ?

कुरुक्षेत्र : हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गुरूवार से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है जिसमें भारी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं. आपको बता दें कि कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर पर 7 दिसंबर से लेकर 24 दिसंबर तक गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. महाभारत के युद्ध में कुरुक्षेत्र की धरा पर ही आज से करीब 5100 साल पहले भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था और उसके बाद हिंदू धर्म में भगवद गीता सबसे बड़ा ग्रंथ बन गया जो आज भी लोगों को उसमें बताए गए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित कर रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि 18 नंबर का गीता से क्या कनेक्शन है. अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे.

Number 18 importance in Bhagwad Gita International Gita Mahotsava 2023 Kurukshetra Haryana News
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरुआत

18 दिन लड़ा गया था महाभारत का युद्ध : आपको जानकारी के लिए बता दें कि महाभारत का युद्ध 18 दिन लड़ा गया था. श्रीमद भगवद गीता के 18 अध्याय हैं. न्यूमैरोलॉजी में जो सबसे ताकतवर नंबर माना जाता है, वो भी 18 से मिलकर बनता है जिसका योग 9 आता है. वहीं ज्योतिष के मुताबिक भी 9 नंबर का बहुत ज्यादा महत्व होता है. कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर तीर्थ पुरोहित राकेश गोस्वामी ने बताया कि असत्य पर सत्य की विजय के लिए कुरुक्षेत्र की धरा पर महाभारत का युद्ध लड़ा गया था. इस युद्ध की खास बात ये है कि युद्ध 18 दिन तक लड़ा गया था जिसमें लाखों योद्धा और सैनिकों ने हिस्सा लिया था. माना जाता है कि गीता का और कृष्ण भगवान का 18 नंबर से काफी गहरा संबंध है. 18 नंबर से जुड़ी ऐसी कई बड़ी बातें हैं जो दर्शाती है कि गीता में और मानव जीवन में 18 नंबर बहुत महत्व रखता है.

श्रीमद भगवद गीता के हैं 18 अध्याय : कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर तीर्थ पुरोहित राकेश गोस्वामी ने बताया कि इतिहास और हमारे धार्मिक ग्रंथों में लिखा गया है कि 18 नंबर का बहुत ही ज्यादा महत्व है क्योंकि महाभारत का युद्ध 18 दिन लड़ने के साथ-साथ हमारे पवित्र ग्रंथ श्रीमद भागवत गीता के भी 18 अध्याय हैं.

18 दिन चलता है अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव : कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन कुरुक्षेत्र में किया जाता है. इस कार्यक्रम को भी 18 दिन के लिए आयोजित किया जाता है. माना जाता है कि 18 नंबर के महत्व को देखते हुए ही ऐसा किया जाता है.

18000 बच्चे करते हैं गीता के श्लोक का उच्चारण : उन्होंने आगे बताया कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर गीता जयंती के दिन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में एक गीता के ऊपर कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जहां पर एक जगह 18,000 बच्चे बैठकर गीता का पाठ करते हैं और गीता के मंत्र का उच्चारण करते हैं. कई बार ऐसा भी संयोग देखने को मिला है कि गीता जयंती 18 तारीख के दिन ही आती है.

महाभारत के युद्ध खत्म होने के बाद बचे थे 18 योद्धा : कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर तीर्थ पुरोहित राकेश गोस्वामी ने बताया कि जब महाभारत का युद्ध लड़ा गया था तो उस समय लाखों की संख्या में बड़े-बड़े योद्धा और सैनिक मारे गए थे लेकिन इसे संयोग ही कहा जाएगा कि युद्ध के खत्म होने के बाद 18 योद्धा ही बचे थे. जिनमें से 15 पांडव थे और तीन कौरव थे.

श्रीमद भगवद गीता में हैं 18000 श्लोक और 18 लाख शब्द : महाकाव्य श्रीमद भगवद गीता में 18000 श्लोक लिखे गए हैं और उन श्लोकों में पूरी गीता में शब्दों की संख्या भी 18 लाख है.

महाभारत में थी 18 18 अक्षौहिणी सेना : महाभारत के युद्ध में बड़े-बड़े योद्धाओं ने भाग लिया था. महाभारत में 18 अक्षौहिणी सेना शामिल थी जिसमें सात अक्षौहिणी सेना पांडवों की थी और ग्यारह अक्षौहिणी सेना कौरवों की थी.

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भारी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं

ये भी पढ़ें : अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का शंखनाद: कुरुक्षेत्र में सरस व शिल्प मेले का शुभारंभ, शिल्पकारों और कलाकारों ने बिखेरे संस्कृति के रंग

18 नंबर का क्या है श्रीमद भगवद गीता और अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव से ख़ास कनेक्शन ?

कुरुक्षेत्र : हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गुरूवार से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है जिसमें भारी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं. आपको बता दें कि कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर पर 7 दिसंबर से लेकर 24 दिसंबर तक गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. महाभारत के युद्ध में कुरुक्षेत्र की धरा पर ही आज से करीब 5100 साल पहले भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था और उसके बाद हिंदू धर्म में भगवद गीता सबसे बड़ा ग्रंथ बन गया जो आज भी लोगों को उसमें बताए गए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित कर रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि 18 नंबर का गीता से क्या कनेक्शन है. अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे.

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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरुआत

18 दिन लड़ा गया था महाभारत का युद्ध : आपको जानकारी के लिए बता दें कि महाभारत का युद्ध 18 दिन लड़ा गया था. श्रीमद भगवद गीता के 18 अध्याय हैं. न्यूमैरोलॉजी में जो सबसे ताकतवर नंबर माना जाता है, वो भी 18 से मिलकर बनता है जिसका योग 9 आता है. वहीं ज्योतिष के मुताबिक भी 9 नंबर का बहुत ज्यादा महत्व होता है. कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर तीर्थ पुरोहित राकेश गोस्वामी ने बताया कि असत्य पर सत्य की विजय के लिए कुरुक्षेत्र की धरा पर महाभारत का युद्ध लड़ा गया था. इस युद्ध की खास बात ये है कि युद्ध 18 दिन तक लड़ा गया था जिसमें लाखों योद्धा और सैनिकों ने हिस्सा लिया था. माना जाता है कि गीता का और कृष्ण भगवान का 18 नंबर से काफी गहरा संबंध है. 18 नंबर से जुड़ी ऐसी कई बड़ी बातें हैं जो दर्शाती है कि गीता में और मानव जीवन में 18 नंबर बहुत महत्व रखता है.

श्रीमद भगवद गीता के हैं 18 अध्याय : कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर तीर्थ पुरोहित राकेश गोस्वामी ने बताया कि इतिहास और हमारे धार्मिक ग्रंथों में लिखा गया है कि 18 नंबर का बहुत ही ज्यादा महत्व है क्योंकि महाभारत का युद्ध 18 दिन लड़ने के साथ-साथ हमारे पवित्र ग्रंथ श्रीमद भागवत गीता के भी 18 अध्याय हैं.

18 दिन चलता है अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव : कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन कुरुक्षेत्र में किया जाता है. इस कार्यक्रम को भी 18 दिन के लिए आयोजित किया जाता है. माना जाता है कि 18 नंबर के महत्व को देखते हुए ही ऐसा किया जाता है.

18000 बच्चे करते हैं गीता के श्लोक का उच्चारण : उन्होंने आगे बताया कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर गीता जयंती के दिन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में एक गीता के ऊपर कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जहां पर एक जगह 18,000 बच्चे बैठकर गीता का पाठ करते हैं और गीता के मंत्र का उच्चारण करते हैं. कई बार ऐसा भी संयोग देखने को मिला है कि गीता जयंती 18 तारीख के दिन ही आती है.

महाभारत के युद्ध खत्म होने के बाद बचे थे 18 योद्धा : कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर तीर्थ पुरोहित राकेश गोस्वामी ने बताया कि जब महाभारत का युद्ध लड़ा गया था तो उस समय लाखों की संख्या में बड़े-बड़े योद्धा और सैनिक मारे गए थे लेकिन इसे संयोग ही कहा जाएगा कि युद्ध के खत्म होने के बाद 18 योद्धा ही बचे थे. जिनमें से 15 पांडव थे और तीन कौरव थे.

श्रीमद भगवद गीता में हैं 18000 श्लोक और 18 लाख शब्द : महाकाव्य श्रीमद भगवद गीता में 18000 श्लोक लिखे गए हैं और उन श्लोकों में पूरी गीता में शब्दों की संख्या भी 18 लाख है.

महाभारत में थी 18 18 अक्षौहिणी सेना : महाभारत के युद्ध में बड़े-बड़े योद्धाओं ने भाग लिया था. महाभारत में 18 अक्षौहिणी सेना शामिल थी जिसमें सात अक्षौहिणी सेना पांडवों की थी और ग्यारह अक्षौहिणी सेना कौरवों की थी.

Number 18 importance in Bhagwad Gita International Gita Mahotsava 2023 Kurukshetra Haryana News
भारी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं

ये भी पढ़ें : अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का शंखनाद: कुरुक्षेत्र में सरस व शिल्प मेले का शुभारंभ, शिल्पकारों और कलाकारों ने बिखेरे संस्कृति के रंग

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