करनाल: हरियाणा में मुर्रा नस्ल की भैंस तो मशहूर है ही. इस नस्ल के भैंसों की डिमांड भी विदेशों तक है. मुर्रा भैंसों की एक प्रजाति है. इस नस्ल के पशु दूसरों की तुलना में अधिक काले होते हैं. इनकी आंखें बड़ी और चमकदार होती हैं. इनके सींग जलेबी की अकार में होते हैं. इसके अलावा इनकी पूंछ भी बाकि प्रजातियों के पशु की तुलना में ज्यादा बड़ी होती है. एक तरफ भैंसे अपने दूध के लिए प्रसिद्ध हैं तो दूसरी तरफ भैंसों का अलग ही स्वैग है.
हेनरी फोर्ड ने जब दुनिया की पहली लग्जरी कार बनाई थी, तब शायद उसने भी ये सोचा नहीं होगा कि एक दिन ऐसा आएगा कि उससे ज्यादा कीमत के भैंसे भी हो सकते हैं. हरियाणा में मुर्रा नस्ल के भैंसे की कीमत 25 करोड़ रुपये है. दावा किया जा रहा है कि ये विश्व का सबसे महंगा भैंसा है. इस भैंसे नाम शहंशाह है. हरियाणा के पानीपत जिले के डिडवाड़ी गांव के रहने वाले पशुपालक नरेंद्र सिंह शहंशाह के मालिक हैं. शहंशाह के मालिक नरेंद्र को इसके लिए 25 करोड़ रुपये का ऑफर मिल चुका है, लेकिन नरेंद्र ने इसे बचने से इंकार कर दिया.
ऐसी है शहंशाह की लाइफस्टाइल: शहंशाह के मालिक नरेंद्र सिंह के मुताबिक उसको हर दिन शैंपू से नहलाया जाता है. उसके बाद उसकी आधा किलो सरसों के तेल से मालिश की जाती है. सप्ताह में दो बार उसकी शेविंग भी की जाती है. शहंशाह के लिए स्विमिंग पूल भी बनवाया गया है. जहां वो रोजाना नहाता है. शहंशाह के रहने के लिए गद्देदार मैट बिछाए गए हैं. शहंशाह के मालिक नरेंद्र का दावा है कि वो अपने भैंसे पर हर महीने 50 हजार से ज्यादा रुपये खर्च करते हैं. शहंशाह की उम्र करीब 10 साल की है. उसकगी लंबाई करीब 15 फिट और ऊंचाई करीब 6 फीट है. शहंशाह ने पहली बार में ही मुर्रा नस्ल की चैंपियनशिप में तीस लाख रुपये का इनाम जीता था.
विदेशों तक शहंशाह के सीमन की डिमांड: शहंशाह के मालिक नरेश ने बताया कि उसके सीमन की विदेशों तक डिमांड है. नरेश एक महीने में करीब चार बार शहंशाह का सीमन निकालता है. एक बार के सीमन से करीब 800 डोज बनती हैं. जिसकी कीमत 300 रुपये प्रति डोज तक होती है. मतलब ये कि इस भैंसे के सीमन से नरेश महीने में 9 लाख 60 हजार रुपये कमाता है. शहंशाह के सीमन की डिमांड कोलंबिया, वेनजला और कोस्टारिका तक है.
21 करोड़ रुपये का भैंसा सुल्तान: अब बात करते हैं हरियाणा के दूसरे सबसे महंगे भैंसे सुल्तान की. सुल्तान भी शहंशाह की तरह मुर्रा नस्ल का भैंसा था. उसे महंगी व्हिस्की का शौक था. हरियाणा के कैथल जिले के बुड्ढा खेड़ा गांव में पशुपालक नरेश के ने उसकी परवरिश की थी. जिसकी कीमत 21 करोड़ लग चुकी थी. दो साल पहले हार्ट अटैक के चलते उसकी मौत हो गई थी. उसकी उम्र करीब 14 वर्ष थी.
सुल्तान की खुराक: सुल्तान अपने कद काठी और सुंदरता के लिए काफी मशहूर था. सुल्तान के मालिक नरेश ने बताया कि सुल्तान का वजन करीब 16 क्विंटल था. उसके शौक इंसानों से ज्यादा महंगे थे. सुल्तान 1 दिन में 15 किलो सेब, 10 किलो गाजर, 10 लीटर दूध, 15 किलोग्राम दाना लेता था. इसके अलावा वो हरा चारा भी खाता था. इस डाइट के साथ वो महंगी व्हिस्की पीने का भी शौकीन था. सुल्तान हर दिन 100 ग्राम व्हिस्की पीता था.
हर दिन अलग होता था ब्रांड का स्कॉच: सुल्तान नाम के भैंसे को हर रोज अलग-अलग ब्रांड का स्कॉच दिया जाता था. भैंसे का मंगलवार को ड्राई डे होता था. यानी मंगलवार को सुल्तान शराब नहीं पीता था. रविवार को सुल्तान टीचर्स, सोमवार को ब्लैक डॉग, बुधवार को 100 पाइपर, गुरुवार को बेलेनटाइन, शनिवार को ब्लैक लेबल या शिवास रिगल पीता था. वो करीब 20 प्रकार का खाना 1 दिन में खाता था.
सुल्तान का रखरखाव: सुल्तान को खुले स्थान में रखा जाता था. उसके बैठने के स्थान पर भी गद्दे बिछाए जाते थे. कुछ समय के लिए उसको रेत वाली जगह पर भी रखा जाता. गर्मियों में सुल्तान के लिए कूलर लगाए जाते. सुबह और शाम दो बार उसे शैंपू से नहलाया जाता है. उसके बाद उसकी सरसों के तेल से मालिश की जाती थी. 2 लोग दिनभर उसकी देखभाल के लिए लगे रहते थे. सुल्तान के मालिक ने बताया कि जब भैंसे उम्र करीब 6 महीने की थी, तब उसने उसको 2 लाख रुपये से ज्यादा की राशि में उसे खरीदा था. उसके बाद उसका अच्छे से पालन पोषण किया. जिसके चलते उसकी बोली 21 करोड़ रुपये लगी. सुल्तान के मालिक का दावा है कि वो भारत का सबसे ऊंचा भैंसा था.
सीमन से हर महीने 12 लाख की कमाई: सुल्तान के मालिक नरेश ने बताया कि वो सुल्तान के सीमन से हर महीने करीब 12 लाख रुपये कमाता था. खास बात ये थी कि उसके सीमन से पैदा होने वाले बच्चे का वजन जन्म के दौरान करीब 80 किलोग्राम होता था और बच्चे की हड्डियां बहुत ही ज्यादा मजबूत होती थी. हर महीने करीब पांच बार सुल्तान का सीमन निकाला जाता था. जिसकी करीब 4 हजार डोज 1 महीने में बनती थी. सुल्तान कई बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पहले स्थान पर रहा है. करोड़ों रुपये सुल्तान ने सिर्फ प्रतियोगिताओं में ही जीते हैं.
10 करोड़ का भैंसा युवराज: अब बात करते हैं कुरुक्षेत्र के भैंसे युवराज की. ये भी मुर्सा नस्ल का भैंसा है. जिसकी कीमत 10 करोड़ रुपये है. युवराज के मालिक कर्मवीर ने बताया कि उसके भैंसे का जन्म कुरुक्षेत्र के सुनारिया गांव में हुआ. जब भैंसा का जन्म हुआ तब क्रिकेटर युवराज सिंह अपने पीक पर थे. इसलिए भैंसे का नाम युवराज रखा. युवराज के ऊपर पहली बार एक मंडी में 50 लाख रुपये तक की बोली लगाई गई, लेकिन कर्मवीर ने उसको नहीं बेचा. धीरे-धीरे ये कीमत बढ़ती 10 करोड़ तक पहुंच गई. कर्मवीर के पास युवराज का पूरा परिवार है, जिसमें उसकी माता, पिता योगराज और भाई, बहन भी हैं.
युवराज की डाइट: भैंसे युवराज की जिंदगी किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है. मौसम के अनुसार युवराज को खाना दिया जाता है. युवराज को 1 दिन में 20 लीटर दूध, लगभग 5 से 6 किलो फीड और हरा चारा दिया जाता है. युवराज को उसकी हेल्थ के लिए टॉनिक भी दिए जाते हैं. जो उसको स्वस्थ रखते हैं. दिन करीब 15 से 20 किलो उसे हर तरीके के फल और सब्जियां खाने के लिए दी जाती हैं. युवराज पर एक महीने में लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्च होते हैं.
ये भी पढ़ें- फरारी कार से भी महंगा है पानीपत का भैंसा बादल, हर साल कमाता है 25 लाख रुपये
युवराज को दिन में तीन से चार जगहों पर रखा जाता है, ताकि वो एक जगह पर बोर ना हो. उसकी रखवाली के लिए कर्मवीर ने 3 से 4 नौकर रखे हैं. जो सारा दिन युवराज की देखरेख करते हैं. एक दिन में लगभग 5 से 6 किलोमीटर युवराज को सैर कराई जाती है. गर्मियों में दिन में चार बार उसको नहलाया जाता है. कर्मवीर ने बताया कि युवराज जैसा बुल हर किसान के घर में जरूर होना चाहिए.
शहंशाह का बेटा गोलू: अब बात करते हैं 10 करोड़ के भैंसे गोलू की. गोलू पानीपत के किसान नरेंद्र ने तैयार किया है. ये शहंशाह का ही बेटा है. शहंशाह की उम्र अब ज्यादा हो चुकी है, तो उसा बेटा गोलू अपने मालिक नरेंद्र का नाम रोशन कर रहा है. इन दोनों के कारण ही उनके मालिक नरेंद्र को साल 2019 में भारत सरकार ने पशुपालन में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया है. अभी गोलू की कीमत 10 करोड़ है.
ये भी पढ़ें- हरियाणा के मशहूर 21 करोड़ के भैंसे 'सुल्तान' की मौत, हर साल कमाकर देता था लाखों रुपये
हर साल ये 30 लाख रुपये से ज्यादा कमा रहा है. गोलू अपने पूर्वजों की तीसरी पीढ़ी है. गोलू के मालिक नरेंद्र ने बताया कि गोलू का वजन करीब 15 क्विंटल है. उसकी ऊंचाई करीब 6 फीट है. जबकि इसकी चौड़ाई साढ़े तीन फीट है. इसकी लंबाई करीब 14 फीट है. हर दिन गोलू सूखा और हरा चारा खाता है. इसके अलावा वो 10 किलोग्राम दाना खाता है. उसको हर रोज करीब 7 किलोग्राम गुड भी दिया जाता है. उसको मौसम के अनुसार दूध और घी भी खाने में दिया जाता है.