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Krishna Janmashtmi 2023 : भारत में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जन्मोत्सव के अगले दिन होता है दही हांडी उत्सव

इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन बुधवार और गुरुवार को मनाया जायेगा. अलग-अलग परंपराओं को मानने वालों के कारण यह त्योहार 2 दिन मनाये जाने की बात कही जा रही है. लेकिन दोनों के बीच जन्माष्टमी के प्रति आस्था कम नहीं है, हां कुछ जगहों पर इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. पढ़ें पूरी खबर,...

Krishna Janmashtmi 2023
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2023, 12:02 AM IST

हैदराबाद : भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भारत सहित दुनिया भर में फैले हिंदू धर्म को मानने वाले लोग बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं. कृष्ण जन्मोत्सव अलावा भी जन्माष्टमी को कई नामों से जाना जाता है. कई जगहों पर इसे गोकुल अष्टमी, श्रीकृष्ण जयंती का त्योहार भारत में भी अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. केरल में लोग इसे अष्टमी रोहिणी के नाम से जानते हैं. वहीं गुजरात में सतम अथम के नाम से जाना जाता है.

Krishna Janmashtmi 2023
भगवान श्रीकृष्ण

कई जगहों पर भव्य तरीके से होता है दही हांडी
कुल मिलाकर सभी जगहों पर जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण की अलग-अलग तरह से पूजा करते हैं. मुख्य रूप से यह 2 दिवसीय त्योहार है. पहले दिन श्री जन्माष्टमी मनाया जाता है. उसके अलगे दिन दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है. महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में दही हांडी का काफी बड़ा आयोजन होता है.

Krishna Janmashtmi 2023
दही हांडी प्रतियोगिता में हिस्सा लेते लोग (फाइल)

दिनभर निर्जला उपवास की परंपरा
जन्माष्टमी के अवसर भगवान कृष्ण के लिए पूरे दिन निर्जला उपवास रखने की परंपरा है. देर रात भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के बाद मंदिरों व घरों में धूम-धाम से पूजा करने के बाद उपवास मनाते हैं. जन्मोत्सव के बाद अलगे दिन भक्त मंदिर फल, मिठाई-मेवा, तुलसी पत्ता व फल-फूल चढ़ाकर स्वयं प्रसाद ग्रहण करते हैं और अन्य लोगों को वितरित करते हैं.

Krishna Janmashtmi 2023
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव

कैसे मनाएं भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव

  1. भगवान श्रीकृष्ण को माखन- मिश्री का भोग लगाएं. इसके बाद किसी नन्हें बालक को माखन-मिश्री प्रतीकात्म रूप से चखाएं.
  2. इस अवसर पर झूले को अपनी सुविधानुसार सजाएं और भगवान कृष्ण की प्रतिमा/चित्र को स्थापित करें
  3. संभव हो तो इस अवसर घर में नन्हें बच्चों को कृष्ण रूप में सजाएं-संवारें.
  4. धार्मिक मान्यता है कि जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण को गाय-बछड़ों से काफी लगाव था. घर में इस गाय-बछड़े की प्रतिमा लाने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और संतान संबंधी चिंताएं दूर होती हैं.
  5. भगवान श्री कृष्ण को मोर पंख काफी पसंद था. इसलिए संभव हो तो पूजन में मोर पंख जरूर जढ़ायें.
  6. भगवान श्रीकृष्ण को परिजात, हरश्रृंगार सहित कई फूलों कों से काफी लगाव था. इनमें से कोई एक फूल का उपयोग पूजन में अवश्य करें.

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हैदराबाद : भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भारत सहित दुनिया भर में फैले हिंदू धर्म को मानने वाले लोग बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं. कृष्ण जन्मोत्सव अलावा भी जन्माष्टमी को कई नामों से जाना जाता है. कई जगहों पर इसे गोकुल अष्टमी, श्रीकृष्ण जयंती का त्योहार भारत में भी अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. केरल में लोग इसे अष्टमी रोहिणी के नाम से जानते हैं. वहीं गुजरात में सतम अथम के नाम से जाना जाता है.

Krishna Janmashtmi 2023
भगवान श्रीकृष्ण

कई जगहों पर भव्य तरीके से होता है दही हांडी
कुल मिलाकर सभी जगहों पर जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण की अलग-अलग तरह से पूजा करते हैं. मुख्य रूप से यह 2 दिवसीय त्योहार है. पहले दिन श्री जन्माष्टमी मनाया जाता है. उसके अलगे दिन दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है. महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में दही हांडी का काफी बड़ा आयोजन होता है.

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दही हांडी प्रतियोगिता में हिस्सा लेते लोग (फाइल)

दिनभर निर्जला उपवास की परंपरा
जन्माष्टमी के अवसर भगवान कृष्ण के लिए पूरे दिन निर्जला उपवास रखने की परंपरा है. देर रात भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के बाद मंदिरों व घरों में धूम-धाम से पूजा करने के बाद उपवास मनाते हैं. जन्मोत्सव के बाद अलगे दिन भक्त मंदिर फल, मिठाई-मेवा, तुलसी पत्ता व फल-फूल चढ़ाकर स्वयं प्रसाद ग्रहण करते हैं और अन्य लोगों को वितरित करते हैं.

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव

कैसे मनाएं भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव

  1. भगवान श्रीकृष्ण को माखन- मिश्री का भोग लगाएं. इसके बाद किसी नन्हें बालक को माखन-मिश्री प्रतीकात्म रूप से चखाएं.
  2. इस अवसर पर झूले को अपनी सुविधानुसार सजाएं और भगवान कृष्ण की प्रतिमा/चित्र को स्थापित करें
  3. संभव हो तो इस अवसर घर में नन्हें बच्चों को कृष्ण रूप में सजाएं-संवारें.
  4. धार्मिक मान्यता है कि जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण को गाय-बछड़ों से काफी लगाव था. घर में इस गाय-बछड़े की प्रतिमा लाने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और संतान संबंधी चिंताएं दूर होती हैं.
  5. भगवान श्री कृष्ण को मोर पंख काफी पसंद था. इसलिए संभव हो तो पूजन में मोर पंख जरूर जढ़ायें.
  6. भगवान श्रीकृष्ण को परिजात, हरश्रृंगार सहित कई फूलों कों से काफी लगाव था. इनमें से कोई एक फूल का उपयोग पूजन में अवश्य करें.

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