ETV Bharat / bharat

स्वास्थ्य मंत्रालय ने NFHS तैयार करने वाले IIPS निदेशक को किया सस्पेंड, जानें वजह

आईआईपीएस के निदेशक केएस जेम्स को स्वास्थ्य मंत्रालय ने निलंबित कर दिया है. मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि आईआईपीएस स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण तैयार करता है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jul 29, 2023, 9:32 PM IST

नई दिल्ली : इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस) के भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितता को लेकर इसके निदेशक केएस जेम्स को निलंबित कर दिया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को यह जानकारी दी गई. मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में स्पष्ट किया गया है कि निलंबन आदेश कोई सजा नहीं है, बल्कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का मार्ग प्रशस्त करने के लिए विशिष्ट परिस्थितियों में इसका सहारा लिया जाता है.

जानकारी के मुताबिक, आईआईपीएस के निदेशक को उनके निलंबन का पत्र 28 जुलाई को भेजा गया था. आईआईपीएस, जो स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट तैयार करता है. बयान में कहा गया है, "निलंबन की अवधि 90 दिनों की या आगे की जांच के मुताबिक रहेगी, जिसे निलंबन रद्दीकरण समिति या मंत्रालय की समीक्षा समिति की मंजूरी के साथ ही रद्द किया जा सकता है."

गौरतलब है कि हाल ही में भर्ती, नियुक्ति और आरक्षण रोस्टर के अनुपालन में अनियमितता को लेकर कई शिकायतें मिली थीं. बयान में कहा गया, "इन मुद्दों की जांच के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक तथ्यान्वेषी समिति (Fact Finding Committee) का गठन किया गया था. आईआईपीएस से उपलब्ध दस्तावेजों, शिकायतकर्ताओं और प्रतिवादी दोनों के बयानों, विशेष ऑडिट टीम की रिपोर्ट, आईआईपीएस के आरक्षण और रोस्टर रजिस्टरों की जांच करने वाली टीम और हिंदी अधिकारी के गैर-चयन की जांच करने वाली उप समिति के आधार पर, समिति ने प्रत्येक शिकायतों की जांच की और अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दी."

पढ़ें : केंद्र स्वास्थ्य योजनाओं का शत-प्रतिशत विस्तार करने के लिए 'आयुष्मान भव' कार्यक्रम शुरू करेगा

समिति को प्राप्त 35 शिकायतों में से 11 में प्रथम दृष्टया अनियमितता देखी गई. स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है, "ये अनियमितताएं मुख्य रूप से कुछ नियुक्तियों, फैक्लटी की भर्ती, आरक्षण रोस्टर, डेड स्टॉक रजिस्टर आदि में देखी गई खामियों के संबंध में थीं. समिति ने संबंधित अवधि के लिए रजिस्ट्रार और निदेशक के खिलाफ विस्तृत जांच की भी सिफारिश की है." बयान में कहा गया है कि चूंकि आरोप गंभीर हैं और निदेशक आईआईपीएस संस्थान के प्रमुख होने के नाते भर्ती प्रक्रिया में पर्याप्त पर्यवेक्षण करने में विफल पाए जाने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं.

नई दिल्ली : इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस) के भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितता को लेकर इसके निदेशक केएस जेम्स को निलंबित कर दिया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को यह जानकारी दी गई. मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में स्पष्ट किया गया है कि निलंबन आदेश कोई सजा नहीं है, बल्कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का मार्ग प्रशस्त करने के लिए विशिष्ट परिस्थितियों में इसका सहारा लिया जाता है.

जानकारी के मुताबिक, आईआईपीएस के निदेशक को उनके निलंबन का पत्र 28 जुलाई को भेजा गया था. आईआईपीएस, जो स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट तैयार करता है. बयान में कहा गया है, "निलंबन की अवधि 90 दिनों की या आगे की जांच के मुताबिक रहेगी, जिसे निलंबन रद्दीकरण समिति या मंत्रालय की समीक्षा समिति की मंजूरी के साथ ही रद्द किया जा सकता है."

गौरतलब है कि हाल ही में भर्ती, नियुक्ति और आरक्षण रोस्टर के अनुपालन में अनियमितता को लेकर कई शिकायतें मिली थीं. बयान में कहा गया, "इन मुद्दों की जांच के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक तथ्यान्वेषी समिति (Fact Finding Committee) का गठन किया गया था. आईआईपीएस से उपलब्ध दस्तावेजों, शिकायतकर्ताओं और प्रतिवादी दोनों के बयानों, विशेष ऑडिट टीम की रिपोर्ट, आईआईपीएस के आरक्षण और रोस्टर रजिस्टरों की जांच करने वाली टीम और हिंदी अधिकारी के गैर-चयन की जांच करने वाली उप समिति के आधार पर, समिति ने प्रत्येक शिकायतों की जांच की और अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दी."

पढ़ें : केंद्र स्वास्थ्य योजनाओं का शत-प्रतिशत विस्तार करने के लिए 'आयुष्मान भव' कार्यक्रम शुरू करेगा

समिति को प्राप्त 35 शिकायतों में से 11 में प्रथम दृष्टया अनियमितता देखी गई. स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है, "ये अनियमितताएं मुख्य रूप से कुछ नियुक्तियों, फैक्लटी की भर्ती, आरक्षण रोस्टर, डेड स्टॉक रजिस्टर आदि में देखी गई खामियों के संबंध में थीं. समिति ने संबंधित अवधि के लिए रजिस्ट्रार और निदेशक के खिलाफ विस्तृत जांच की भी सिफारिश की है." बयान में कहा गया है कि चूंकि आरोप गंभीर हैं और निदेशक आईआईपीएस संस्थान के प्रमुख होने के नाते भर्ती प्रक्रिया में पर्याप्त पर्यवेक्षण करने में विफल पाए जाने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.