रोहतक: एशियन गेम में पहली बार शामिल हुए महिला क्रिकेट में भारतीय टीम ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. स्वर्ण पदक जीतने वाली इस टीम में हरियाणा की बेटी शेफाली वर्मा की अहम भूमिका रही. भारतीय टीम के गोल्ड मेडल जीतने से शेफाली के जिले रोहतक में भी उनका परिवार बेहद खुश है. शेफाली वर्मा एशियन गेम में हाफ सेंचुरी बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी हैं. उन्होंने ये कारनामा क्वार्टर फाइनल में किया था.
शेफाली के पिता ने जताई खुशी: शेफाली वर्मा की इस उपलब्धि पर परिजन बेहद खुश है. शेफाली वर्मा के पिता संजीव वर्मा का कहना है कि बेटी की उपलब्धि ने पूरे देश का नाम रोशन किया है. उन्होंने शेफाली वर्मा के एग्रेसिव होने पर कहा कि लंबे समय तक क्रीज पर टिके रहने के लिए शेफाली को प्रयास करने होंगे. शेफाली के पिता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है एशियाई गेम्स में भारत के लिए खिलाड़ी और भी गोल्ड मेडल लेकर आएंगे.
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शेफाली वर्मा ने जड़ा अर्धशतक: एशियन गेम में हाफ सेंचुरी बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी शेफाली वर्मा ने प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है. 19 साल की शेफाली वर्मा एशियन गेम्स में अर्धशतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बन गई हैं. उन्होंने क्वार्टर फाइनल में 39 गेंद पर चार चौके और पांच छक्कों की मदद से 67 ताबड़तोड़ रन बनाए थे. शेफाली वर्मा ने मुकाबले में यह मुकाम 11वें ओवर की दूसरी गेंद पर छक्का जड़कर हासिल किया था.
कई दिनों बाद बेटी के बैट से रन निकले हैं. सबसे अहम बात है कि इंडिया के लिए गोल्ड मेडल आया है. क्वार्टर फाइनल का छोटा मैच हुआ था, जिसमें शेफाली ने रिकॉर्ड भी बनाया है. हमें बहुत अच्छा लगा है. आगे आने वाली सीरीज में भी ज्यादा से ज्यादा रन बनाकर शेफाली टीम को जिताएं और सीनीयर वर्ल्ड कप लेकर आए टीम इंडिया. आज का टीम वर्क अच्छा था जिसकी वजह से टीम इंडिया गोल्ड जीती है. संजीव वर्मा, शेफाली के पिता
शेफाली ने खेली 67 रन की पारी: गौरतलब है कि भारतीय और मलेशिया महिला क्रिकेट टीम के बीच में वीरवार को एशियाई गेम 2023 का क्वार्टर फाइनल मैच खेला गया. क्वार्टर फाइनल मैच बारिश के कारण रद्द जरूर हो गया था, लेकिन बेहतर रैंकिंग की वजह से टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई. इस मैच में 19 वर्षीय हरियाणा के रोहतक जिले की शेफाली वर्मा ने ताबड़तोड़ 67 रन की पारी खेल इतिहास बना दिया. जो अभी तक किसी भी भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी के नाम नहीं है.
सालों तक लड़का बनकर खेलती रहीं शेफाली: आपको बता दें कि शेफाली की जिंदगी में एक दौर ऐसा भी था, जब उन्हें लड़का बनकर क्रिकेट खेलना पड़ा था. उस समय उनके होम टाउन में लड़कियों को खेलने के लिए कोई एकेडमी नहीं बनाई गई थी. जिसके बाद शेफाली के पिता ने शेफाली के बाल कटवाकर लड़कों की एकेडमी में दाखिला दिलवाया और कई सालों तक शेफाली लड़का बनकर खेलती रहीं.
महिला क्रिकेट टीम में सबसे कम उम्र में हुई शामिल: शेफाली वर्मा भारतीय महिला क्रिकेट टीम में डेब्यू करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं. उनकी मेहनत का ऐसा फल मिला कि वो 15 साल की उम्र में ही उन्हें सेलेक्ट कर लिया गया.
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मास्टर-ब्लास्टर का रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं शेफाली: साल 2019 में शेफाली वर्मा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था. 15 वर्षीय शेफाली इंटरनेशनल क्रिकेट में अर्धशतक बनाने वाली भारत की सबसे युवा क्रिकेटर हैं. शेफाली वर्मा ने अपने पहले मैच में 49 गेंदों में 73 रन बनाकर सचिन तेंदुलकर का 30 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ा है.
श्रीलंका को हराकर भारत ने जीता गोल्ड: बता दें कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने सोमवार को एशियाई खेलों के फाइनल मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका को 19 रनों से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है. क्रिकेट में भारत का ये पहला गोल्ड है. इस मैच में भारत ने श्रीलंका को 117 रनों का लक्ष्य दिया. इस लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका की टीम ने 20 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 97 रन ही बना पाई और भारत ने 19 रनों से मैच जीत लिया.
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