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महाराष्ट्र: लॉकडाउन में बाल विवाह में आई तेजी, टॉप फाइव राज्यों में है शामिल

देश की कई पुरातन रुढ़ियों को अभी भी निभाया जा रहा है. ऐसी ही एक प्रथा बाल​ विवाह (Child Marriage) देश के कई राज्यों में जारी है. इन राज्यों में देश का प्रमुख विकसित राज्य महाराष्ट्र भी शामिल है.

Maharashtra News, child marriage
बाल​ विवाह
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Published : Aug 6, 2021, 1:45 AM IST

मुंबई: महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने गुरुवार को बताया कि राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौरान प्रदेश में 790 बाल विवाह (Child Marriage) रुकवाया है. राज्य सरकार, यूनिसेफ और गैर सरकारी संगठन अक्षय सेंटर ने संयुक्त रूप से ऐसे विवाह पर रोक लगाने के लिये एक नए अभियान की शुरूआत की. ठाकुर इसी मौके पर संवाददाताओं से बातचीत कर रही थी. यूनिसेफ की राजेश्वरी चंद्रशेखर के अनुसार के महाराष्ट्र बाल विवाह के मामले में देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है.

बताया कि लॉकडाउन के दौरान बाल विवाह में अचानक तेजी देखी गई, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस ताजा अभियान की शुरूआत की. अभियान पांच अगस्त से सितंबर के आखिर तक चलेगा. अधिकारियों के अनुसार, अप्रैल 2020 के बाद से अब तक सोलापुर सर्वाधिक 88 बाल विवाह रूकवाया गया जहां 18 साल से कम उम्र लड़कियों की शादी करवाई जा रही थी.

पढ़ें: घरवालों ने नाबालिग की जबरन कराई शादी, घर छोड़कर निकली लड़की

इस सूची में सोलापुर के बाद औरंगाबाद (62), उस्मानाबाद और नांदेड़ (45-45), यतवतमाल (42) और बीड (40) का स्थान आता है. ठाकुर ने बताया कि बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2008 में बदलाव करने के उद्देश्य से सुझाव देने के लिये एक समिति गठित की गई है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने गुरुवार को बताया कि राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौरान प्रदेश में 790 बाल विवाह (Child Marriage) रुकवाया है. राज्य सरकार, यूनिसेफ और गैर सरकारी संगठन अक्षय सेंटर ने संयुक्त रूप से ऐसे विवाह पर रोक लगाने के लिये एक नए अभियान की शुरूआत की. ठाकुर इसी मौके पर संवाददाताओं से बातचीत कर रही थी. यूनिसेफ की राजेश्वरी चंद्रशेखर के अनुसार के महाराष्ट्र बाल विवाह के मामले में देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है.

बताया कि लॉकडाउन के दौरान बाल विवाह में अचानक तेजी देखी गई, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस ताजा अभियान की शुरूआत की. अभियान पांच अगस्त से सितंबर के आखिर तक चलेगा. अधिकारियों के अनुसार, अप्रैल 2020 के बाद से अब तक सोलापुर सर्वाधिक 88 बाल विवाह रूकवाया गया जहां 18 साल से कम उम्र लड़कियों की शादी करवाई जा रही थी.

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इस सूची में सोलापुर के बाद औरंगाबाद (62), उस्मानाबाद और नांदेड़ (45-45), यतवतमाल (42) और बीड (40) का स्थान आता है. ठाकुर ने बताया कि बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2008 में बदलाव करने के उद्देश्य से सुझाव देने के लिये एक समिति गठित की गई है.

(पीटीआई-भाषा)

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