नई दिल्ली/चंडीगढ़ : किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच आज चौथे दौर की बातचीत होने वाली है. इससे पहले मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच वार्ता बेनतीजा रही थी. जानकारी के मुताबिक बातचीत से पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे.
बता दें कि प्रदर्शनकारी किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं और सरकार से नये कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनमें से ज्यादातर किसान पंजाब से हैं.
किसानों और केंद्र के बीच अगले दौर की वार्ता से पहले गृह मंत्री से मिलेंगे अमरिंदर सिंह
जानकारी के मुताबिक पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध पर कृषक नेताओं के साथ आज केंद्र की अगले दौर की वार्ता से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे.
सूत्रों ने बताया कि सिंह गतिरोध का सौहार्द्रपूर्ण हल ढूंढने के लिए बृहस्पतिवार सुबह को दिल्ली में शाह के साथ चर्चा करेंगे.
बता दें कि,तीन केन्द्रीय मंत्रियों के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की मंगलवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही. देश में नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए एक समिति गठित करने की सरकार की पेशकश को किसान संगठनों ने ठुकरा दिया। हालांकि, दोनों पक्ष बृहस्पतिवार को फिर से बैठक को लेकर सहमत हुये हैं.
सरकार की ओर से कानूनों को निरस्त करने की मांग को खारिज कर दिया. सरकार ने किसानों संगठनों को नए कानूनों को लेकर उनकी आपत्तियों को उजागर करने तथा बृहस्पतिवार को होने वाले वार्ता के अगले दौर से पहले बुधवार को सौंपने को कहा है.
आंदोलन तेज किया जाएगा
किसान संगठनों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं हैं तब तक देश भर में आंदोलन तेज किया जायेगा.
बैठक में 35 किसान नेताओं ने भाग लिया था. किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका विरोध प्रदर्शनआज भी जारी है.
विज्ञान भवन में 35 किसान यूनियनों के साथ की बैठक के बारे में, तोमर ने कहा था कि, हमने अच्छी चर्चा की. हमने किसान यूनियनों से कहा कि कानूनों को खंडवार चर्चा करने के लिए एक छोटा समूह बनाना बेहतर होगा. लेकिन वे सभी प्रतिनिधियों के साथ ही चर्चा चाहते थे. उन्होंने कहा, सरकार को इससे कोई समस्या नहीं है. हम पहले चर्चा के लिए तैयार थे, अब भी हम तैयार हैं और हम भविष्य में भी तैयार रहेंगे. इसलिए तीन दिसंबर को हम चौथे दौर की वार्ता करेंगे.
सितंबर में कृषि से जुड़े तीनों कानून बनाये गये थे
सितंबर में ये तीनों कानून बनाये गये थे और सरकार का दावा है कि उनसे बिचौलिये हटेंगे एवं किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच पायेंगे तथा कृषि क्षेत्र में सुधार आयेगा.
किसानों को डर है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी तथा मंडी खत्म हो जाएंगे. हालांकि, सरकार का कहना है कि एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी तथा नये कानून किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए और विकल्प उपलबध करायेंगे.
किसानों के समर्थन में ट्रांसपोर्टर
किसानों के समर्थन में ट्रांसपोर्टरों ने आठ दिसंबर से उत्तर भारत में परिचालन बंद करने की धमकी दी
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ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हुए उत्तर भारत में आठ दिसंबर से परिचालन बंद करने की बुधवार को धमकी दी.
संगठन ने कहा कि यदि सरकार किसान समुदाय की चिंताओं को दूर करने में विफल रहती है, तो उत्तर भारत में ट्रांसपोर्टर परिचालन बंद कर देंगे.
एआईएमटीसी लगभग 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और अन्य संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है.