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किसान आंदलोन में शामिल कई संगठनों ने राजनीतिक मोर्चा संभाला, SKM ने बनाई दूरी - punjab farmers organisation join politics

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल रहे पंजाब के 22 किसान संगठनों ने एक राजनीतिक मोर्चा बनाया है और घोषणा की कि वे एक 'राजनीतिक बदलाव' के लिए आगामी राज्य विधानसभा चुनाव (farmer organization participate in Punjab election) लड़ेंगे. हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि उनकी मंच का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

farmers protest concept photo
किसान आंदोलन में शामिल नेता
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Published : Dec 26, 2021, 1:02 PM IST

Updated : Dec 26, 2021, 1:41 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल रहे पंजाब के 22 किसान संगठनों ने एक राजनीतिक मोर्चा बनाया और घोषणा की कि वे एक 'राजनीतिक बदलाव' के लिए आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेंगे (farmer organization participate in punjab election). चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की गई. ये 22 किसान संगठन पंजाब के उन 32 किसान संगठनों में से हैं, जिन्होंने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.

हालांकि, कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा (sanyukt kissan morcha not participate in Punjab election) है.

किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने रविवार को चंडीगढ़ में संवाददाताओं से कहा कि पंजाब में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया गया है. मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बयान जारी कर कहा है कि चंडीगढ़ में पंजाब के कुछ किसान संगठनों द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" के नाम से पंजाब के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा की यह नीति है कि हमारे नाम और मंच का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा के नाम का चुनाव में इस्तेमाल करना मोर्चे के अनुशासन का उल्लंघन होगा.

बाजवा ने कहा संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल जो किसान संगठन या नेता चुनाव में भाग लेते हैं, वह मोर्चे में शामिल रह सकते हैं या नहीं, इसके बारे में संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी की आगामी राष्ट्रीय बैठक में फैसला लिया जाएगा.

इस बीच कृषि मंत्री ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें यह खबर सामने आई थी कि सरकार फिर से कृषि कानून को वापस ला रही है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.

tweet of agriculture minister
कृषि मंत्री का ट्वीट

ये भी पढ़ें : भारतीय किसान संघ करेगा देशव्यापी आंदोलन, लाभकारी मूल्य की मांग

नई दिल्ली/गाजियाबाद : केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल रहे पंजाब के 22 किसान संगठनों ने एक राजनीतिक मोर्चा बनाया और घोषणा की कि वे एक 'राजनीतिक बदलाव' के लिए आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेंगे (farmer organization participate in punjab election). चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की गई. ये 22 किसान संगठन पंजाब के उन 32 किसान संगठनों में से हैं, जिन्होंने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.

हालांकि, कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा (sanyukt kissan morcha not participate in Punjab election) है.

किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने रविवार को चंडीगढ़ में संवाददाताओं से कहा कि पंजाब में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया गया है. मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बयान जारी कर कहा है कि चंडीगढ़ में पंजाब के कुछ किसान संगठनों द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" के नाम से पंजाब के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा की यह नीति है कि हमारे नाम और मंच का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा के नाम का चुनाव में इस्तेमाल करना मोर्चे के अनुशासन का उल्लंघन होगा.

बाजवा ने कहा संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल जो किसान संगठन या नेता चुनाव में भाग लेते हैं, वह मोर्चे में शामिल रह सकते हैं या नहीं, इसके बारे में संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी की आगामी राष्ट्रीय बैठक में फैसला लिया जाएगा.

इस बीच कृषि मंत्री ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें यह खबर सामने आई थी कि सरकार फिर से कृषि कानून को वापस ला रही है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.

tweet of agriculture minister
कृषि मंत्री का ट्वीट

ये भी पढ़ें : भारतीय किसान संघ करेगा देशव्यापी आंदोलन, लाभकारी मूल्य की मांग

Last Updated : Dec 26, 2021, 1:41 PM IST

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