नई दिल्ली/मुजफ्फरनगर : राकेश टिकैत महापंचायत में पहुंच गए हैं. साढ़े 11 बजे के आसपास उनका काफिला मुजफ्फरनगर पहुंच गया था. टिकैत कुछ देर में किसानों को भी संबोधित करेंगे. सभा के लिए टिकैत सुबह गाजीपुर से निकल गए थे.
राकेश टिकैत के स्वागत के लिए सैकड़ों की तादाद में भीड़ इकट्ठी हुई है. राकेश टिकैत ने गाड़ी पर खड़े होकर भीड़ अभिवादन किया. वहीं दूसरी ओर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर किसानों के दर्द को समझने की बात कही है.
उन्होंने लिखा, 'मुजफ्फरनगर में आज प्रदर्शन के लिए लाखों किसान जुटे हैं. वो हमारे अपने ही खून हैं. हमें उनके साथ फिर से सम्मानजनक तरीके से जुड़ने की जरूरत है. उनका दर्द समझें, उनका नजरिया देखें और जमीन तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें.'
अगले वर्ष की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस आयोजन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मुजफ्फरनगर की सड़कों पर सैकड़ों-हजारों की तादाद में किसान जुटे हैं. बताया जा रहा है कि जीआईसी मैदान पर ही लाखों किसान बैठे हैं और इतने ही किसान बाहर भी हैं. मुजफ्फरनगर की सड़कों पर पैर रखने की जगह नहीं है.
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर किसान आंदाेलन का समर्थन किया है. उन्होंने लिखा हक की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है. आगे लिखा - किसानों की हुंकार के सामने सत्ता का अहंकार नहीं चलता.
मंच पर किसानों के कई बड़े नेता मौजूद हैं. ये वो नेता हैं जिन्होंने पिछले 10 महीने से चले आ रहे किसान आंदोलन का नेतृत्व किया है. इनमें राकेश टिकैत के अलावा योगेंद्र यादव समेत कई किसान संगठनों के नेता मौजूद हैं.
महापंचायत को लेकर एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार का कहना है कि अब तक सबकुछ सही तरीके से चल रहा है और जहां भीड़ है वहां सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है. आयोजकों से भी बात कर ली गई है कि कोई भी असामाजिक या उपद्रवी तत्व उनके बीच ने आ जाए, जिससे कोई गड़बड़ी हो. किसान आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है. विश्वास है कि ये रैली सकुशल संपन्न होगी और जब तक सारे किसान वापस नहीं चले जाते, तब तक सारी व्यवस्थाएं बनी रहेंगी.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक के अनुसार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे विभिन्न राज्यों में फैले 300 किसान संगठनों के किसान कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे हैं. इस बीच, मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने आयोजन स्थल और महापंचायत के प्रतिभागियों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने के राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अनुरोध को खारिज कर दिया है. सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह ने रालोद के अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि सुरक्षा कारणों से इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.
रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने जिला प्रशासन से आंदोलन कर रहे किसानों के सम्मान में महापंचायत पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने की अनुमति मांगी थी.जिला प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक उमेश मलिक के आवासों पर पुलिस तैनात कर दी है.
नेता राकेश टिकैत के पहुंचने से किसानाें का उत्साह दाेगुना हाे गया है. वहीं यहां तीन कृषि कानूनाें काे रद्द करने की मांग काे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी और सीएम याेगी के खिलाफ नारे लगे हैं.
किसानों का कहना है कि वो इन तीन कानूनों की वापसी चाहते हैं. किसानों का कहना है कि वो सरकार को बताना चाहते हैं कि अगर सरकार ने उनपर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में सरकार को नुकसान उठाना होगा. बता दें कि शनिवार से ही काफी संख्या में अलग अलग किसान संघटनों के कार्यकर्ता यहां पहुंच रहे हैं. जिसमें महिलाएं भी बढ़चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.
महापंचायत को लेकर मुजफ्फरनगर में आज किसानों का सुबह से ही जमावड़ा है. सरकार की नीतियों के विरोध में आयोजित इस महापंचयत में शामिल होने आए किसानों का कहना है की सरकार को हर हाल में ये समझना होगा कि किसानों के हित की अगर चिंता है तो वो इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लें, नहीं तो किसान अपना विरोध जारी रखेंगे. अलग अलग राज्यों से यहां पहुंच रहे किसानों का कहना है कि सरकार जिद पर अड़ी है किसान इसे बर्दाश्त नहीं करने वाले.
जिले में रविवार को होने वाली किसान महापंचायत (kisan mahapanchayat) को लेकर एडीजी जोन राजीव सभरवाल लगातार स्वयं हर चीज पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं. एडीजी ने बताया कि खास तौर से ट्रैफिक व क्राउड मैनेजमेंट पर खास फोकस रहेगा. महापंचायत को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से तमाम प्लानिंग खास तरह से की गई है. सुरक्षा के लिए पुलिस चप्पे-चप्पे पर भीड़ को नियंत्रित करने का काम करेगी.
रविवार को मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत को लेकर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जा चुके हैं. ADG मेरठ जोन राजीव सभरवाल का कहना है कि ड्रोन कैमरों की मदद से भी निगरानी की जाएगी. उन्होंने बताया कि खास तौर से ट्रैफिक व क्राउड मैनेजमेंट पर खास फोकस पुलिस का है. उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं.उन्होंने बताया कि महापंचायत जिस मैदान पर होनी हैं, वहां अतिरिक्त द्वार भी बनाए गए हैं, ताकि वहां आने वाले किसानों को आने-जाने में कोई बाधा न हो.
एडीजी ने बताया कि ऐसे अधिकारियों की भी ड्यूटी मुजफ्फरनगर में लगाई गई है, जो कि पूर्व में यहां अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उन्होंने बताया कि महापंचायत में जो लोग वाहनों से पहुंचेंगे, उनके लिए अलग-अलग कुल पांच मेजर पार्किंग ग्राउंड बनाए गए हैं. इन स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से आने वाले किसानों के लिए अलग व्यवस्था रहेगी, जबकि बसों के लिए अलग पार्किंग स्थल बनाया गया है. जबकि वहीं कारों के लिए अलग पार्किंग व्यवस्था की गई है.
एडीजी ने कहा कि चूंकि गैर राज्यों से भी किसान पंचायत में किसानों के पहुंचने की जानकारी है, इसलिए पहले से ही पुलिसकर्मियों को इस तरह से तैनात किया गया है, ताकि आवाजाही बाधित न हो. एडीजी ने कहा कि आयोजनकर्ताओं से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं. किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो पाएगी.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को दावा किया था कि 15 राज्यों के हजारों किसानों ने आज होने वाली किसान महापंचायत में हिस्सा लेने के लिये उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पहुंचना शुरू कर दिया है. पुलिस ने बताया कि किसान महापंचायत की ड्राेन से निगरानी की जाएगी.
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे एसकेएम ने कहा कि महापंचायत से साबित हो जाएगा कि आंदोलन को सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों, छोटे व्यापारियों और समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है.
एसकेएम ने एक बयान में कहा कि पांच सितंबर की महापंचायत योगी-मोदी सरकार को किसानों, खेत मजदूरों और कृषि आंदोलन के समर्थकों की शक्ति का एहसास कराएगी. मुजफ्फरनगर महापंचायत पिछले नौ महीनों में अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होगी.
बयान में कहा गया है कि किसानों के वास्ते भोजन की व्यवस्था के लिए 500 लंगर सेवाएं शुरू की गई हैं, जिसमें सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर चलने वाली मोबाइल लंगर प्रणाली भी शामिल है, महापंचायत में भाग लेने वाले किसानों के लिए 100 चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं.
पंजाब के कुल 32 किसान संघों ने राज्य सरकार को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने के लिए 8 सितंबर की समय सीमा दी है. एसकेएम ने कहा कि अगर मामले वापस नहीं लिए गए तो किसान 8 सितंबर को बड़े विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार करेंगे.
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन को नौ महीने से अधिक समय हो गया है. किसानों को डर है कि ये कानून एमएसपी प्रणाली को खत्म कर देंगे और उन्हें बड़े कॉरपोरेट घरानों की दया पर छोड़ दिया जाएगा.
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने मुजफ्फरनगर में बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत देश के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों किसान महापंचायत में हिस्सा लेने के लिये पहुंचने लगे हैं.
उन्होंने बताया कि बीकेयू महासचिव युद्धवीर सिंह भी किसान महापंचायत में शामिल होने पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी इसमें शामिल हाेंगे. राकेश टिकैत के बेटे चरण सिंह टिकैत ने कहा कि उनके पिता तब तक घर नहीं आएंगे, जब तक सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती. इस बीच, मुजफ्फरनगर जिले के अधिकारियों ने महापंचायत के मद्देनजर सभी शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है.
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जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि शनिवार शाम छह बजे से पांच सितंबर को महापंचायत खत्म होने तक शराब की सभी दुकानें बंद रहेंगी. उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से यह कदम उठाया गया है.