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गुजरात विधानसभा चुनाव: सीईसी राजीव कुमार ने चुनावी तैयारियों की समीक्षा की

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठक की. वहीं, शिवसेना के मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हम 'बहुमत के नियम' का सिद्धांत लागू करेंगे.

सीईसी राजीव कुमार
सीईसी राजीव कुमार
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Published : Sep 27, 2022, 8:26 PM IST

Updated : Sep 27, 2022, 8:57 PM IST

गांधीनगर: निर्वाचन आयोग की टीम ने मंगलवार को गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया. मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठक की. सीईसी राजीव कुमार ने गांधीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि गुजरात में अब तक 4.83 करोड़ मतदाता पंजीकृत हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि 182 विधानसभा क्षेत्रों में 51,782 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे.

  • Gandhinagar | Chief Election Commissioner Rajiv Kumar & EC Anup Chandra Pandey held a meeting with enforcement agencies today to review poll preparedness for inducement-free & smooth conduct of forthcoming assembly elections in Gujarat pic.twitter.com/4QbY1OsXfK

    — ANI (@ANI) September 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीईसी ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को चुनने पर राजनीतिक दलों को तर्कसंगत जवाब देना होगा. ऐसे उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में तीन बार विज्ञापन देना होगा ताकि नागरिक सोच-समझकर निर्णय ले सकें.

शिवसेना के मुद्दे पर सीईसी की प्रतिक्रिया
वहीं, शिवसेना के मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हम 'बहुमत के नियम' का सिद्धांत लागू करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत का निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को 'असली' शिवसेना के तौर पर मान्यता देने तथा उसे पार्टी का धनुष-बाण का चुनाव चिह्न आवंटित करने के मुद्दे पर 'बहुमत के नियम' की पारदर्शी प्रक्रिया लागू करेगा. उन्होंने यह बयान तब दिया है जब उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को शिंदे गुट की याचिका पर सुनवाई जारी रखने की अनुमति दे दी है.

सीईसी ने कहा कि निर्वाचन आयोग के पास ‘बहुमत के नियम’ की पारदर्शी प्रक्रिया है और वह मामले पर गौर करते हुए इसे लागू करेगा. उन्होंने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बारे में पूछे जाने पर कहा, पहले ही एक स्थापित प्रक्रिया है. वह प्रक्रिया हमें अधिकार देती है और हम ‘बहुमत का नियम’ लागू करके इसे बेहद पारदर्शी प्रक्रिया के तौर पर परिभाषित करते हैं. जब भी हम इस मामले पर गौर करेंगे तो ‘बहुमत का नियम’ लागू करेंगे. उच्चतम न्यायालय का फैसला पढ़ने के बाद यह किया जाएगा.

गांधीनगर: निर्वाचन आयोग की टीम ने मंगलवार को गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया. मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठक की. सीईसी राजीव कुमार ने गांधीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि गुजरात में अब तक 4.83 करोड़ मतदाता पंजीकृत हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि 182 विधानसभा क्षेत्रों में 51,782 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे.

  • Gandhinagar | Chief Election Commissioner Rajiv Kumar & EC Anup Chandra Pandey held a meeting with enforcement agencies today to review poll preparedness for inducement-free & smooth conduct of forthcoming assembly elections in Gujarat pic.twitter.com/4QbY1OsXfK

    — ANI (@ANI) September 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीईसी ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को चुनने पर राजनीतिक दलों को तर्कसंगत जवाब देना होगा. ऐसे उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में तीन बार विज्ञापन देना होगा ताकि नागरिक सोच-समझकर निर्णय ले सकें.

शिवसेना के मुद्दे पर सीईसी की प्रतिक्रिया
वहीं, शिवसेना के मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हम 'बहुमत के नियम' का सिद्धांत लागू करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत का निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को 'असली' शिवसेना के तौर पर मान्यता देने तथा उसे पार्टी का धनुष-बाण का चुनाव चिह्न आवंटित करने के मुद्दे पर 'बहुमत के नियम' की पारदर्शी प्रक्रिया लागू करेगा. उन्होंने यह बयान तब दिया है जब उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को शिंदे गुट की याचिका पर सुनवाई जारी रखने की अनुमति दे दी है.

सीईसी ने कहा कि निर्वाचन आयोग के पास ‘बहुमत के नियम’ की पारदर्शी प्रक्रिया है और वह मामले पर गौर करते हुए इसे लागू करेगा. उन्होंने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बारे में पूछे जाने पर कहा, पहले ही एक स्थापित प्रक्रिया है. वह प्रक्रिया हमें अधिकार देती है और हम ‘बहुमत का नियम’ लागू करके इसे बेहद पारदर्शी प्रक्रिया के तौर पर परिभाषित करते हैं. जब भी हम इस मामले पर गौर करेंगे तो ‘बहुमत का नियम’ लागू करेंगे. उच्चतम न्यायालय का फैसला पढ़ने के बाद यह किया जाएगा.

Last Updated : Sep 27, 2022, 8:57 PM IST
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