कोटा. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कोटा दौरे पर हैं. यहां उन्होंने देशभर से कोटा इंजीनियरिंग व मेडिकल एंट्रेस की तैयारी करने कोटा आए छात्रों से संवाद किया है. जिसमें छात्रों ने मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम (NEET) इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (JEE main) और कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) पर सवाल पूछा.
इस प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों को कहा (Union education minister on common entrance test) कि छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. बच्चे जिसकी तैयारी कर रहे हैं, वहीं तैयारी करते रहें. इन तीनों परीक्षाओं को मर्ज करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. अगले साल भी ऐसा कोई मर्जर नहीं होगा. इस मामले में भारत सरकार ने भी कोई निर्णय नहीं लिया है. निर्णय लेने में भी अभी समय लगेगा.
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मंत्री प्रधान ने कहा कि परीक्षाओं को मर्ज करने के विषय में अभी कोई सैद्धांतिक निर्णय नहीं लिया गया है. इसलिए किसी को डरने की कोई जरूरत नहीं है. जो जिसको पढ़ रहा है, उसको पढ़ता रहे. अभी तक कोई प्रस्ताव ऐसा नहीं है, इसके लिए हम पहले नोटिस देंगे. यह एक आईडिया है. इस पर कंक्रीट निर्णय होने में समय लगेगा. अगले 11वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स परीक्षा दे देंगे, उनके भी कोई मर्जर नहीं होगा.
एनईपी के तहत तैयार किया जा रहा है करिकुलमः मंत्री प्रधान ने नई शिक्षा नीति के तहत नई बुक्स तैयार होने की बात भी कही. साथ ही कहा कि फाउंडेशन चार साल का होगा. जिसमें कक्षा 1 व 2 से लेकर शामिल होंगे. इसके बाद कक्षा 5 प्लस की पढ़ाई होगी. इसके लिए तीन साल की बुक्स तैयार की जाएंगी. जिसमें 3, 4 व 5वीं कक्षा होगी. इसके बाद छठीं, सातवीं व आंठवीं कक्षा होगी. बाद में कक्षा 9 से 12वीं तक होगी. इनकी अलग से बुक्स तैयार ही रही है. इन किताबों में ही एग्जाम की तैयारी के अनुरूप ही करिकुलम तैयार किया जा रहा है. यह बुक्स भी 2 साल में बाहर आ जाएगी. धर्मेंद्र प्रधान ने स्टूडेंट से अपील की है कि नेशनल करिकुलम सिटीजन सर्वे वेबसाइट के जरिए करवाया जा रहा है. इसमें कोटा में तैयारी करने आए ढाई लाख बच्चे भी अपने सुझाव दें. जिसमें पाठ्यक्रम कैसे होने चाहिए, करिकुलम कैसे होने चाहिए.
मीडिया से बोले एनटीए की उम्र कमः धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को बने हुए कम समय हुआ है. देश में नई पीढ़ी को टेक्नॉलॉजी के माध्यम से निर्मूल एग्जामिनेशन देने की कोशिश की जा रही है. इस साल तीन बड़े एंट्रेंस कंडक्ट कर रहे हैं, तकनीकी कुछ सुविधा है और कुछ चुनौती भी है. सरकार इनको संज्ञान में ले रही है, यह कंटीन्यूअस प्रोसेस है. इनके लिए सरकार काफी कोशिश कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी लेते हैं, इसको इंप्रूव करेंगे. स्टूडेंट से भी सुझाव मांगे हैं.
ग्लोबल सिटीजन बनाने में मदद कर रहे हैंः प्रधान ने कहा कि भारत को विकसित देश बनाना है. ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था है. आज जो बच्चा स्कूल व कॉलेज में है. आने वाले लगभग 70-80 साल तक इन्हीं के विचार देश व विश्व को प्रभावित करेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इसकी कल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है. उसको ध्यान में रखते हुए 21वीं सदी की ग्लोबल सिटीजन बनाने लायक पाठ्यक्रम हम बना रहे हैं, जो भारत के संस्कार के साथ जुड़े हुए रहेंगे.
बिरला को बताया हेड मास्टरः धर्मेंद्र प्रधान ने कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को देश का हेड मास्टर बताया. साथ ही कहा कि वे हमारी भी डांट लगा देते हैं. संसद में ठीक से आंसर देने व कम शब्दों में बोलने को कहते हैं. ये ऐसे हेड मास्टर हैं जो प्रधानमंत्री को भी वह उठक बैठक करा सकते हैं, यह ताकत स्पीकर बिरला की है. उन्हीं का आग्रह था, इसीलिए मैं कोटा आया हूं. इस कार्यक्रम में एलन कोचिंग संस्थान से निवेशक गोविंद माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, बृजेश माहेश्वरी और नवीन माहेश्वरी भी मौजूद रहे.
सोशल मीडिया पर कमेंट पढ़कर रात भर नहीं सो पायाः शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वे बीते साल से इस मंत्रालय को संभाल रहे हैं. नीट यूजी व जेईई मेन परीक्षाओं को लेकर छात्रों का विरोध सोशल मीडिया पर रहता है. उन्होंने कहा कि एक रात मैने छात्रों के कमेंट पढ़ लिए थे. जिसके बाद मैं सो नहीं पाया था. छात्रों का एक वर्ग परीक्षा करवाने मांग कर रहा था, वहीं दूसरा वर्ग इस परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहा था. यह दोनों की वर्ग मुझ पर कमेंट कर रहे थे कि मेरे बच्चे नहीं हैं. कोविड-19 चल रहा है इतनी जल्दी क्या है एग्जाम करवाने की. हमने पढ़ाई पूरी नहीं की है. कुछ बच्चे मांग कर रहे थे कि परीक्षा समय से होनी चाहिए. ऐसे में मैं खुद निर्णय इस मामले में नहीं ले पाया. साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे तो मुझे सोशल मीडिया पर गाली भी दे रहे. इसी को लेकर मैं घबराया हुआ था कि पिछली बार जेईई मेन, नीट व सीयूईटी में क्या हुआ?
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मोदी पर बोले- बॉस इज ऑलवेज राइटः एक बालिका ने सवाल पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोटा को शिक्षा की काशी कहते हैं, तो आप क्या कहेंगे. तब मंत्री प्रधान ने जवाब दिया कि बॉस इज ऑलवेज राइट. जब हमारे प्रधानमंत्री ने ही इस आधुनिक भारत के काशी कहा है, तब मैं क्या कह सकता हूं?
बच्चे बोले- रयूमर फैला, एग्जाम में होती है कंट्रोवर्सीः बच्चों ने पूछा कि इनको लेकर काफी कंट्रोवर्सी चल रही है और रयूमर फैला हुआ है कि तीनों परीक्षाएं जल्द ही मर्ज हो जाएंगी. जब एक एग्जाम में ही इतनी प्रॉब्लम आती है और कंट्रोवर्सी होती है, तब एक साथ 40 लाख से ज्यादा बच्चे परीक्षा देंगे तब कितनी प्रॉब्लम होगी. बच्चे डरे हुए हैं. इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब दिया कि डरने की जरूरत किसी को भी नहीं है. तत्काल कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा.
बच्चों ने पूछे ऐसे सवाल:
- एक बालिका ने कहा कि नीट में एज लिमिट काफी ज्यादा है, अटेंप्ट भी अनलिमिटेड होते हैं. वहीं सीट भी काफी कम है और रिजर्वेशन भी होता है इसके चलते हमें समस्या होती है. रिजर्वेशन के सवाल पर धर्मेंद्र प्रधान ने कोई जवाब नहीं दिया.
- एक छात्रा ने सवाल पूछा कि हम नीट की तैयारी कर रहे हैं. जिसके लिए हम बुक्स और सिलेबस के जरिए पढ़ते हैं, लेकिन सब कुछ बुक्स से नहीं आता है. ऐसे में इसकी तैयारी के लिए पूरी बुक कंप्लीट होनी चाहिए, उसी में से प्रश्न पूछे जाने चाहिए.
- एक स्टूडेंट ने पूछा कि जेईईमेन में साल में दो टाइम होती है. जबकि नीट के लिए एक ही अटेम्प्ट साल में होता है. इस पर मंत्री प्रधान ने जवाब दिया कि जेईई मेन के बाद एडवांस देना होता है. जबकि नीट में अनलिमिटेड चांस होते हैं और जेईई एडवांस के केवल दो ही चांस होते हैं.
- एक स्टूडेंट ने पूछा कि मैं ड्रॉपर बैच से हूं. इस बार जेईई में सिस्टम में प्रॉब्लम आई थी. सिस्टम कोलेप्स हो गया था और कंप्यूटर काम नहीं कर रहे थे. इसके चलते उन्हें परीक्षा में परेशानी हुई है. साथ ही मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से एश्योरिटी मांगी कि अगली बार ऐसा नहीं होगा. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नई पीढ़ी की जो तकनीक के माध्यम से परीक्षा ली जा रही है. उसके लिए सरकार काफी कोशिश कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी लेते हैं, इसको इंप्रूव करेंगे. स्टूडेंट से भी सुझाव मांगे है.
- स्टूडेंट ने पूछा कि रिजर्वेशन पर सीट मिल जाती है, जनरल को क्यों नहीं मिलती है, इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने कोई जवाब नहीं दिया.
- नीट की बुक को ही हम प्रिफर करते हैं, लेकिन बाहर से भी सवाल आते हैं. ड्रॉपर बैच से हूं, जेईई में सिस्टम कोलेप्स हुआ था. इमेज ब्लर था. मंत्री प्रधान बोले cuet में भी प्रॉब्लम हुआ था.