नूंह : राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बंपर जीत से बीजेपी के हौसले बुलंद हैं. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में इन नतीजों के बाद ख़ासा उत्साह देखने को मिल रहा है. राजस्थान की कामां विधानसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार नौक्षम चौधरी ने भी जीत दर्ज की है. माना जा रहा है कि राजस्थान से सटे हरियाणा के जिलों में इस जीत का असर आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है. नूंह जिले के बीजेपी कार्यकर्ताओं में नौक्षम चौधरी की इस जीत से उत्साह का माहौल है. उन्हें लग रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका असर दिखेगा और नूंह में बीजेपी बाज़ी मारेगी.
नूंह जिले की रहने वाली हैं नौक्षम चौधरी : वरिष्ठ पत्रकार खलील अहमद एडवोकेट ने ईटीवी भारत को बताया कि नौक्षम चौधरी नूंह जिले के पेमा खेड़ा गांव की रहने वाली हैं. कई भाषाओं पर उनकी अच्छी पकड़ है. हाई प्रोफाइल कल्चर में पली बढ़ी नौक्षम चौधरी को हरियाणा की पुन्हाना विधानसभा से पिछले चुनाव में भले ही हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इस बार राजस्थान की कामां विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने उन पर भरोसा जताया और अब वे बीजेपी की विधायक बन चुकी हैं. चौधरी हरियाणा की सियासत में पिछले 5 साल से ख़ासा सक्रिय रही हैं. इसलिए भले ही वे राजस्थान के चुनाव में जीत गई हो, लेकिन इसके बावजूद भी वे हरियाणा आती-जाती रहेंगी और आने वाले चुनाव में इसका असर भी दिखेगा. बताया जा रहा है कि नौक्षम चौधरी का असर नूंह जिले की तीनों विधानसभा सीटों के उम्मीवारों के टिकट पर भी पड़ सकता है. साथ ही पार्टी उन्हें नूंह जिले में प्रचार-प्रसार के लिए पोस्टर गर्ल भी बना सकती है.
नौकरी नहीं भाई, सियासत में आई : नौक्षम चौधरी ने दिल्ली के मिरांडा कॉलेज से पढ़ाई की है और वो छात्र नेता भी रही हैं. इसके बाद नौक्षम चौधरी ने मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई का फैसला लिया और लंदन चली गई. वहां उन्होंने कई बड़ी कंपनियों में नौकरी की लेकिन राजनीति से लगाव होने के चलते वापस लौटी और सियासत में कूद गई. बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया और 2019 का पुन्हाना विधानसभा सीट से किस्मत आजमाने का मौका दिया लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली. वहीं इस बार राजस्थान के कामां से उन्हें पार्टी ने दोबारा मौका दिया और उन्होंने पार्टी को निराश ना करते हुए जीत के झंडे गाड़ दिए. नौक्षम को 10 लैंग्वेज आती हैं. उनके पिता रिटायर्ड जज हैं, वहीं उनकी मां हरियाणा कैडर में आईएएस अफसर हैं.
राजस्थान का इम्पैक्ट हरियाणा में दिखेगा ? हरियाणा में पिछले चुनाव की बात करें तो नूंह विधानसभा से पूर्व विधायक चौधरी जाकिर हुसैन, फिरोजपुर झिरका विधानसभा से पूर्व विधायक नसीम अहमद और पुन्हाना से नौक्षम चौधरी को बीजेपी ने टिकट दिया था. लेकिन तीनों ही चुनाव हार गए थे. इससे पहले के इतिहास में भी अगर झांके तो बीजेपी को नूंह में वोटर्स ने कभी ज्यादा तवज्जो नहीं दी, लेकिन तीनों विधानसभा चुनाव में बंपर जीत से माहौल बदला है और नूंह की नौक्षम चौधरी ने जिस तरह राजस्थान में जीत हासिल की है, उससे माना जा रहा है कि वो असर नूंह जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर भी देखने को मिल सकता है. साफ है कि राजस्थान के चुनावी नतीजे से हरियाणा की राजनीति में अभी से गर्माहट देखने को मिल रही है.