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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : 100 युवाओं संग मिसाल कायम कर रहीं हरियाणा की ऋतु

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Published : Jan 13, 2020, 7:03 AM IST

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम नो प्लास्टिक लाइफ फैंटास्टिक रखी गई है. देखें इस मुहिम की 33वीं कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

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डिजाइन इमेज

कुरुक्षेत्र : हरियाणा के कुरुक्षेत्र में युवाओं की एक टीम ने देश और दुनिया को 87 हजार और 297 इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक बैग से एक विशालकाय कछुआ बनाकर एकल-उपयोग-प्लास्टिक मुक्त बनाने का संदेश दिया. प्लास्टिक से बने इस कछुए की लंबाई 23 फीट और चौढ़ाई 6.6 फीट मापी गई है.

कुरुक्षेत्र की एक छात्रा ऋतु ने एनआईसी के 100 अन्य युवाओं के साथ मिलकर इस कछुए को तैयार किया है.

अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, ऋतु ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय से पर्यावरण अनुसंधान में स्नातकोत्तर किया है.

ऋतु मानव स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और कीटनाशकों के प्रभाव को स्थापित करने के लिए एक परियोजना पर काम कर रही हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

दरअसल, ऋतु के पिता की कैंसर से मौत हो गई थी. जिसके बाद उन्होंने कैंसर के सबसे बड़े कारणों में एक को खत्म करने के लिए लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया.

उल्लेखनीय यह है कि ऋतु की टीम ने इस्तेमाल किए गए कैरीबैग और पतले प्लास्टिक से यह कछुआ तैयार किया है.

ऋतु की टीम का कहना है कि यह प्लास्टिक से बनाई गई सबसे बड़ी आकृति है. इसलिए उन्होंने विश्व रिकॉर्ड का दावा करने के लिए भी आवेदन किया है.

इससे पहले सिंगापुर में 21 अप्रैल 2012 को इस्तेमाल की गई प्लास्टिक से ऑक्टोपस की एक आकृति बनाई गई थी, जो फिलहाल एक विश्व रिकॉर्ड भी है. अब कछुए की यह आकृति उस रिकॉर्ड को तोड़ने और प्लास्टिक का उपयोग न करने का संदेश फैलाने के लिए बनाई गई.

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प्लास्टिक बैग से तैयार विशालकाय कछुआ.

ऋतु ने संदेश को फैलाने के लिए कछुए का चयन करने पर कहा कि कछुआ एक ऐसा जीव है, जो पानी और जमीन दोनों पर रह सकता है और उसकी आयु लगभग 300 वर्ष है, लेकिन प्लास्टिक का उपयोग और इसके दुष्प्रभाव इतने फैल गए हैं कि अब कछुओं की उम्र भी बहुत कम स्तर पर आ गई है.

ऋतु ने कहा कि न केवल इंसान और जानवर, चाहे वे धरती पर रह रहे हों या पानी में रह रहे हों, बल्कि कोई भी प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से बचने में सक्षम नहीं है.

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ऋतु ने कहा कि न केवल इंसान और जानवर, चाहे वे धरती पर रह रहे हों या पानी में रह रहे हों, बल्कि कोई भी प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से बचने में सक्षम नहीं है.

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