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'ऑपरेशन स्माइल' : 3600 गुमशुदा बच्चों को ढूंढ परिवारों से मिलाया - आईजी लाकड़ाट

तेलंगाना में पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. पुलिस ने लापता बच्चों को खोजने के लिए 'ऑपरेशन स्माइल' चलाया, जिसके जरिए उसने 3600 बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया है. पढ़ें पूरी खबर...

telangana operation smile
3600 लापता बच्चों को परिवार से मिलाया
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Published : Feb 2, 2020, 9:13 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 8:49 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना में पुलिस ने लापता हुए बच्चों को ढूढ़ने के लिए एक ऑपरेशन चलाया, जिसका नाम 'ऑपरेशन स्माइल' रखा गया. इसके तहत तकरीबन 3600 बच्चों को ढूंढ कर उनके परिवारों से सौंप दिया गया है.

मामले के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) स्वाति लाकड़ा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि लापता बच्चों को बचाने के लिए एक जनवरी से 31 जनवरी तक राज्य में 'ऑपरेशन स्माइल VI' चलाया गया. इसके तहत 2923 लड़कों और 677 लड़कियों को बचाया गया है.

तेलंगाना पुलिस का ऑपरेशन स्माइल

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इसके अलावा विभिन्न धाराओं के तहत 411 मामले भी दर्ज किए गए हैं.

आईजी लाकड़ा ने बताया, 'इस अभियान का मकसद गायब हो गए तथा बाल मजदूरी, भीख मांगने जैसे कामों में धकेल दिए गए बच्चों को मुक्त कराना था.'

उन्होंने कहा, 'हमने पहले उन जगहों की पहचान की, जहां पर सबसे अधिक बाल श्रमिक काम करते हैं. इसमें रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, मैकेनिक शॉप, चाय की दुकानों, फुटपाथ, ट्रैफिक लाइट्स जैसी जगहें शामिल हैं.'

अधिकारी के मुताबिक, मुक्त कराए गए बच्चों में 1292 बच्चे राज्य के बाहर के हैं. कुल 3600 में से 1982 को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया है, जबकि 1618 को रेस्क्यू होम में भर्ती कराया गया है. इस अभियान में बच्चों की पहचान के लिए चेहरों की पहचान करने वाले ऐप की मदद भी ली गई.

इनमें से 2,923 लड़के हैं जबकि 677 लड़कियां हैं. 1,982 बच्चों को उनके माता-पिता और रिश्तेदारों को सौंप दिया गया.

पढ़ें : चाइल्ड लाइन की मुहिम लाई रंग, खोए हुए बच्चे को माता - पिता से मिलवाया

बता दें 1,618 बच्चों को पुनर्वास केंद्रों में ले जाया गया. अन्य राज्यों और देशों के 1,292 बच्चे हैं. पुलिस ने 13 नेपाल और चार म्यांमार के बच्चों को बचाया.

इनमें से सैकड़ों की संख्या में बच्चे उत्तरी राज्यों से हैं, वहीं ओडिशा के 304 बच्चों को बचाया गया है .

गौरतलब है कि इन बच्चों को खोजने के लिए पुलिस ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, धार्मिक स्थलों, ट्रैफिक जाम वाले स्थानों पर खासतौर से जोर दिया.

साइबराबाद कमिश्नरी के तहत कैथेडन के औद्योगिक क्षेत्र में एक उद्योग में, 12 बाल श्रमिकों की पहचान की गई है. पहाड़ी शरीफ के पुराने गोदाम से ग्यारह बच्चों को बचाया गया है. बचाए गए सभी बच्चों को महिला और बाल कल्याण विभाग द्वारा संचालित केंद्रों में ले जाया गया.

इन बच्चों का विवरण और चेहरे की पहचान सभी थानों से जुड़े हुए हैं क्योंकि संबंधित थानों के भीतर बच्चों के अपहरण के मामले दर्ज हैं.

पुलिस ने बच्चों की तस्करी पर खासतौर से ध्यान दिया है. ऑपरेशन मुस्कान के एक हिस्से के रूप में तकरीबन 411 ऐसे लोगों पर मामले दर्ज किए गए, जो बच्चों को अपनी दुकानों और गैरेज में काम करवाते हैं. साइबराबाद पुलिस ने 404 बच्चों को बचाया था.

डीजीपी महेंद्र रेड्डी ने ऑपरेशन स्माइल में शामिल पुलिस टीमों को बधाई दी.

हैदराबाद : तेलंगाना में पुलिस ने लापता हुए बच्चों को ढूढ़ने के लिए एक ऑपरेशन चलाया, जिसका नाम 'ऑपरेशन स्माइल' रखा गया. इसके तहत तकरीबन 3600 बच्चों को ढूंढ कर उनके परिवारों से सौंप दिया गया है.

मामले के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) स्वाति लाकड़ा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि लापता बच्चों को बचाने के लिए एक जनवरी से 31 जनवरी तक राज्य में 'ऑपरेशन स्माइल VI' चलाया गया. इसके तहत 2923 लड़कों और 677 लड़कियों को बचाया गया है.

तेलंगाना पुलिस का ऑपरेशन स्माइल

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इसके अलावा विभिन्न धाराओं के तहत 411 मामले भी दर्ज किए गए हैं.

आईजी लाकड़ा ने बताया, 'इस अभियान का मकसद गायब हो गए तथा बाल मजदूरी, भीख मांगने जैसे कामों में धकेल दिए गए बच्चों को मुक्त कराना था.'

उन्होंने कहा, 'हमने पहले उन जगहों की पहचान की, जहां पर सबसे अधिक बाल श्रमिक काम करते हैं. इसमें रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, मैकेनिक शॉप, चाय की दुकानों, फुटपाथ, ट्रैफिक लाइट्स जैसी जगहें शामिल हैं.'

अधिकारी के मुताबिक, मुक्त कराए गए बच्चों में 1292 बच्चे राज्य के बाहर के हैं. कुल 3600 में से 1982 को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया है, जबकि 1618 को रेस्क्यू होम में भर्ती कराया गया है. इस अभियान में बच्चों की पहचान के लिए चेहरों की पहचान करने वाले ऐप की मदद भी ली गई.

इनमें से 2,923 लड़के हैं जबकि 677 लड़कियां हैं. 1,982 बच्चों को उनके माता-पिता और रिश्तेदारों को सौंप दिया गया.

पढ़ें : चाइल्ड लाइन की मुहिम लाई रंग, खोए हुए बच्चे को माता - पिता से मिलवाया

बता दें 1,618 बच्चों को पुनर्वास केंद्रों में ले जाया गया. अन्य राज्यों और देशों के 1,292 बच्चे हैं. पुलिस ने 13 नेपाल और चार म्यांमार के बच्चों को बचाया.

इनमें से सैकड़ों की संख्या में बच्चे उत्तरी राज्यों से हैं, वहीं ओडिशा के 304 बच्चों को बचाया गया है .

गौरतलब है कि इन बच्चों को खोजने के लिए पुलिस ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, धार्मिक स्थलों, ट्रैफिक जाम वाले स्थानों पर खासतौर से जोर दिया.

साइबराबाद कमिश्नरी के तहत कैथेडन के औद्योगिक क्षेत्र में एक उद्योग में, 12 बाल श्रमिकों की पहचान की गई है. पहाड़ी शरीफ के पुराने गोदाम से ग्यारह बच्चों को बचाया गया है. बचाए गए सभी बच्चों को महिला और बाल कल्याण विभाग द्वारा संचालित केंद्रों में ले जाया गया.

इन बच्चों का विवरण और चेहरे की पहचान सभी थानों से जुड़े हुए हैं क्योंकि संबंधित थानों के भीतर बच्चों के अपहरण के मामले दर्ज हैं.

पुलिस ने बच्चों की तस्करी पर खासतौर से ध्यान दिया है. ऑपरेशन मुस्कान के एक हिस्से के रूप में तकरीबन 411 ऐसे लोगों पर मामले दर्ज किए गए, जो बच्चों को अपनी दुकानों और गैरेज में काम करवाते हैं. साइबराबाद पुलिस ने 404 बच्चों को बचाया था.

डीजीपी महेंद्र रेड्डी ने ऑपरेशन स्माइल में शामिल पुलिस टीमों को बधाई दी.

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Last Updated : Feb 28, 2020, 8:49 PM IST
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