- कुछ दिन में नवरात्रि का पर्व आ रहा है. यह शक्ति उपासना का पर्व है. भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े, यही शुभकामना है.
- मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में भी आप अपने कर्तव्यों का, अपने दायित्वों का इसी तरह निर्वहन करते रहेंगे. हां, मैं मानता हूं कि ऐसे समय में कुछ कठिनाइयां भी आती हैं, आशंकाओं और अफवाहों का वातावरण भी पैदा होता है.
- पिछले दो महीनों में, 130 करोड़ भारतीयों ने, देश के हर नागरिक ने, देश के सामने आए इस संकट को अपना संकट माना है, भारत के लिए, समाज के लिए उससे जो बन पड़ा है, उसने किया है.
- मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां, जीवन के लिए जरूरी ऐसी आवश्यक चीजों की कमी ना हो, इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं.
- संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत, उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें.
- ये टास्क फोर्स, ये भी सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं, उन पर प्रभावी रूप से अमल हो.
- कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड-19- इकोनॉमिक रेस्पांस टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया है.
पीएम की अपील- रविवार को 'जनता कर्फ्यू' का करें पालन, जरूरी सामानों की जमाखोरी न करें
20:34 March 19
पीएम मोदी का संबोधन
20:34 March 19
पीएम मोदी का संबोधन
- मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं. ये है 'जनता कर्फ्यू'. जनता कर्फ्यू यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू.
- इस रविवार यानी 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, 'जनता कर्फ्यू' का पालन करना है.
- साथियों, 22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे.
- संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही 'जनता कर्फ्यू' के बारे में भी बताए. साथियों,ये 'जनता कर्फ्यू' एक प्रकार से हमारे लिए, भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा.
- ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है. आपके इन प्रयासों के बीच, 'जनता कर्फ्यू' के दिन, 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं.
- मैं चाहता हूं कि 22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें. रविवार को ठीक शाम पांच बजे, हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बॉलकनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर पांच मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें.
- पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को शाम पांच बजे, सायरन की आवाज से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं. सेवा परमो धर्म के हमारे संस्कारों को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें पूरी श्रद्धा के साथ अपने भाव व्यक्त करने होंगे.
- संकट के इस समय में, आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर, हमारे हॉस्पिटलों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है. इसलिए मेरा आपसे आग्रह यह भी है कि रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें.
20:33 March 19
पीएम मोदी का संबोधन
- आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी, लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी, तो गांव गांव में ब्लैकआउट किया जाता था. घरों के शीशों पर कागज लगाया जाता था, लाइट बंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे.
- मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजंस हों, 65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें.
- इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो, तभी अपने घर से बाहर निकलें. जितना संभव हो सके, आप अपना काम, चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करें.
- ऐसी स्थिति में, जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है. इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम और संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना. आजकल जिसे सोशल डिस्टेंसिंग कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, यह बहुत ज्यादा आवश्यक है.
- आज हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे. साथियों, इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- 'हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ.'
- आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे.
- आज जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं, तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है. इसलिए, इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है. पहला- संकल्प और दूसरा- संयम.
20:09 March 19
पीएम मोदी का संबोधन
- इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है. इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है. भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है.
- अभी तक विज्ञान, कोरोना महामारी से बचने के लिए, कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है. ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है.
- मैं आप सभी देशवासियों से, आपसे, कुछ मांगने आया हूं. मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए, आपका आने वाला कुछ समय चाहिए.
- साथियों, आपसे मैंने जब भी, जो भी मांगा है, मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है. ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं.
- वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है. इसलिए, प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है.
- इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं. लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है, जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है.
- आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है, लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है, जिसने विश्वभर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है.
- मेरे प्रिय देशवासियों, पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है.
19:40 March 19
पीएम मोदी का संबोधन
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर उत्पन्न हो रही स्थिति और इससे निबटने के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर देश को संबोधित किया.
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय एक ट्वीट में कहा कि पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से निबटने के लिए जारी प्रयासों की समीक्षा करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इसमें कहा गया, 'भारत की तैयारियों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई. इसमें जांच सुविधाएं और बढ़ाना शामिल था.'
पीएम मोदी इस सप्ताह के शुरू में दक्षेस देशों के एक वीडियो सम्मेलन में भी शामिल हुए थे, जिसमें इस महामारी से निबटने के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करने पर चर्चा हुई.
इस बीच देश में कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 173 हो गए हैं. वहीं, इस वायरस से अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है.
प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से निबटने के लिए एक तंत्र बनाने के लिए व्यक्तियों, स्थानीय समुदायों और संगठनों के साथ सक्रिय रूप से चर्चा करने पर जोर दिया है. उन्होंने साथ ही अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों से कहा कि वे आगे उठाये जाने वाले कदमों पर विमर्श करें.
प्रधानमंत्री नियमित रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से स्वयं को तैयार करने, लेकिन नहीं घबराने की अपील कर रहे हैं. उन्होंने इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए गैर जरूरी यात्राएं से बचने और लोगों के एक जगह एकत्रित होने से बचने के विचार का समर्थन किया है.
मोदी ने साथ ही उन लोगों के प्रति आभार जताया है जो आगे रहकर कोरोना वायरस से मुकाबला कर रहे हैं जिसमें राज्य सरकारें, चिकित्सा क्षेत्र के लोग, पैरामेडिकलकर्मी, सशस्त्र बलकर्मी और अर्धसैनिक बलकर्मी, उड्डयन क्षेत्र से जुड़े लोग और निकायकर्मी शामिल हैं.
20:34 March 19
पीएम मोदी का संबोधन
- कुछ दिन में नवरात्रि का पर्व आ रहा है. यह शक्ति उपासना का पर्व है. भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े, यही शुभकामना है.
- मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में भी आप अपने कर्तव्यों का, अपने दायित्वों का इसी तरह निर्वहन करते रहेंगे. हां, मैं मानता हूं कि ऐसे समय में कुछ कठिनाइयां भी आती हैं, आशंकाओं और अफवाहों का वातावरण भी पैदा होता है.
- पिछले दो महीनों में, 130 करोड़ भारतीयों ने, देश के हर नागरिक ने, देश के सामने आए इस संकट को अपना संकट माना है, भारत के लिए, समाज के लिए उससे जो बन पड़ा है, उसने किया है.
- मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां, जीवन के लिए जरूरी ऐसी आवश्यक चीजों की कमी ना हो, इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं.
- संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत, उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें.
- ये टास्क फोर्स, ये भी सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं, उन पर प्रभावी रूप से अमल हो.
- कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड-19- इकोनॉमिक रेस्पांस टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया है.
20:34 March 19
पीएम मोदी का संबोधन
- मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं. ये है 'जनता कर्फ्यू'. जनता कर्फ्यू यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू.
- इस रविवार यानी 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, 'जनता कर्फ्यू' का पालन करना है.
- साथियों, 22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे.
- संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही 'जनता कर्फ्यू' के बारे में भी बताए. साथियों,ये 'जनता कर्फ्यू' एक प्रकार से हमारे लिए, भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा.
- ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है. आपके इन प्रयासों के बीच, 'जनता कर्फ्यू' के दिन, 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं.
- मैं चाहता हूं कि 22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें. रविवार को ठीक शाम पांच बजे, हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बॉलकनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर पांच मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें.
- पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को शाम पांच बजे, सायरन की आवाज से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं. सेवा परमो धर्म के हमारे संस्कारों को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें पूरी श्रद्धा के साथ अपने भाव व्यक्त करने होंगे.
- संकट के इस समय में, आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर, हमारे हॉस्पिटलों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है. इसलिए मेरा आपसे आग्रह यह भी है कि रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें.
20:33 March 19
पीएम मोदी का संबोधन
- आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी, लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी, तो गांव गांव में ब्लैकआउट किया जाता था. घरों के शीशों पर कागज लगाया जाता था, लाइट बंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे.
- मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजंस हों, 65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें.
- इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो, तभी अपने घर से बाहर निकलें. जितना संभव हो सके, आप अपना काम, चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करें.
- ऐसी स्थिति में, जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है. इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम और संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना. आजकल जिसे सोशल डिस्टेंसिंग कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, यह बहुत ज्यादा आवश्यक है.
- आज हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे. साथियों, इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- 'हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ.'
- आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे.
- आज जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं, तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है. इसलिए, इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है. पहला- संकल्प और दूसरा- संयम.
20:09 March 19
पीएम मोदी का संबोधन
- इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है. इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है. भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है.
- अभी तक विज्ञान, कोरोना महामारी से बचने के लिए, कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है. ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है.
- मैं आप सभी देशवासियों से, आपसे, कुछ मांगने आया हूं. मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए, आपका आने वाला कुछ समय चाहिए.
- साथियों, आपसे मैंने जब भी, जो भी मांगा है, मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है. ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं.
- वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है. इसलिए, प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है.
- इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं. लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है, जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है.
- आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है, लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है, जिसने विश्वभर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है.
- मेरे प्रिय देशवासियों, पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है.
19:40 March 19
पीएम मोदी का संबोधन
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर उत्पन्न हो रही स्थिति और इससे निबटने के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर देश को संबोधित किया.
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय एक ट्वीट में कहा कि पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से निबटने के लिए जारी प्रयासों की समीक्षा करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इसमें कहा गया, 'भारत की तैयारियों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई. इसमें जांच सुविधाएं और बढ़ाना शामिल था.'
पीएम मोदी इस सप्ताह के शुरू में दक्षेस देशों के एक वीडियो सम्मेलन में भी शामिल हुए थे, जिसमें इस महामारी से निबटने के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करने पर चर्चा हुई.
इस बीच देश में कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 173 हो गए हैं. वहीं, इस वायरस से अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है.
प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से निबटने के लिए एक तंत्र बनाने के लिए व्यक्तियों, स्थानीय समुदायों और संगठनों के साथ सक्रिय रूप से चर्चा करने पर जोर दिया है. उन्होंने साथ ही अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों से कहा कि वे आगे उठाये जाने वाले कदमों पर विमर्श करें.
प्रधानमंत्री नियमित रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से स्वयं को तैयार करने, लेकिन नहीं घबराने की अपील कर रहे हैं. उन्होंने इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए गैर जरूरी यात्राएं से बचने और लोगों के एक जगह एकत्रित होने से बचने के विचार का समर्थन किया है.
मोदी ने साथ ही उन लोगों के प्रति आभार जताया है जो आगे रहकर कोरोना वायरस से मुकाबला कर रहे हैं जिसमें राज्य सरकारें, चिकित्सा क्षेत्र के लोग, पैरामेडिकलकर्मी, सशस्त्र बलकर्मी और अर्धसैनिक बलकर्मी, उड्डयन क्षेत्र से जुड़े लोग और निकायकर्मी शामिल हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी