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जाट आरक्षण संघर्ष समिति की राजस्थान सरकार से वार्ता विफल, महापड़ाव की घोषणा

भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज को ओबीसी वर्ग में आरक्षण देने को लेकर राजस्थान सरकार के साथ हुई चार घंटे की वार्ता विफल हो गई. इसके बाद जाट समाज के नेताओं ने 25 दिसंबर से जयपुर-भरतपुर हाईवे के पास खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव की घोषणा की है.

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जाट आरक्षण संघर्ष समिति
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Published : Dec 24, 2020, 10:36 PM IST

जयपुर : राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज को केंद्र में ओबीसी वर्ग में आरक्षण को लेकर राज्य सरकार के साथ हुई चार घंटे की वार्ता विफल हो गई. वार्ता विफल होने के साथ जाट समाज ने आर-पार की लड़ाई की घोषणा कर दी है.

जाट समाज ने साफ कर दिया कि आज हम आए हैं वार्ता करने, अब सरकार आएगी वार्ता के लिए. जाट संघर्ष समिति ने 25 दिसंबर यानी शुक्रवार से जयपुर-भरतपुर हाईवे के पास खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव की घोषणा कर दी है.

दरअसल, भरतपुर और धौलपुर जाट समाज आरक्षण की मांग को लेकर 25 दिसंबर को जयपुर-भरतपुर हाईवे के पास खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव की घोषणा के बाद सरकार ने जाट आरक्षण संघर्ष समिति को वार्ता के लिए बुलाया.

जाट आरक्षण संघर्ष समिति की सरकार के साथ हुई विफल

राज्य सचिवालय में सामाजिक न्याय अधिकारिता, गृह विभाग, कार्मिक विभाग के अधिकारियों के साथ चार घंटे से भी अधिक वार्ता हुई, लेकिन वार्ता में तीन बिंदुओं में से दो पर तो सहमति बन गई, लेकिन एक प्रमुख मांग बार बात नहीं बनी तो जाट समाज असंतुष्ट हो गए.

वार्ता के बाद जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष नेम सिंह ने कहा कि आज जाट समाज सरकार के वार्ता करने के लिए आया है, अब सरकार वार्ता करने के लिए आएगी. सरकार जाट समाज को कमजोर आंक रही है. कल महाराजा सूरज मल की जयंती पर समाज खेड़ली मोड़ पर एकत्रित होगा. वहीं से महापड़ाव की घोषणा होगी.

पढ़ें- किरोड़ी सिंह बैंसला की तबीयत बिगड़ी, SMS अस्पताल के ICU में भर्ती

नेम सिंह ने बताया कि आज की वार्ता में सरकार में जाट आंदोलन के समय जाट समाज के लोगों पर लगे मुकदमे वापस लेने, 2017 के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर सहमति तो बन गई, लेकिन समाज की जो प्रमुख मांग जाट समाज को आरक्षण देने के लिए केंद्र को लिखी जाने वाली चिट्ठी पर सहमति नहीं बनी.

उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि भरतपुर और धौलपुर के जाट समाज को ओबीसी में आरक्षण मिले, इसलिए सरकार चिट्ठी लिखने में आनाकानी कर रही है. अब वक्त आ गया है कि सरकार को समाज अपनी ताकत दिखाए.

बता दें कि भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के द्वारा केंद्र में भरतपुर-धौलपुर के जाटों के लिए ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर काफी समय से संघर्ष किया जा रहा है. जाट समाज की मांग है कि धौलपुर-भरतपुर के जाटों को केंद्र में ओबीसी वर्ग के लिए सिफारिशी चिट्ठी भेजने, जाट आंदोलन के समय जाट समाज के लोगों पर लगे मुकदमे वापस सहित राज्य सरकार से 2017 के आंदोलन के समय जो समझौता हुआ था, उसे लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन समझौते के धरातल पर नहीं आने से जाट समाज में आक्रोश बढ़ता गया.

यहां तक कि सरकार को 20 दिन का अल्टीमेटम तक भी दिया गया, लेकिन सरकार ने जाट समाज को संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जिस पर भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 25 दिसंबर को खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव का एलान किया गया है.

जयपुर : राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज को केंद्र में ओबीसी वर्ग में आरक्षण को लेकर राज्य सरकार के साथ हुई चार घंटे की वार्ता विफल हो गई. वार्ता विफल होने के साथ जाट समाज ने आर-पार की लड़ाई की घोषणा कर दी है.

जाट समाज ने साफ कर दिया कि आज हम आए हैं वार्ता करने, अब सरकार आएगी वार्ता के लिए. जाट संघर्ष समिति ने 25 दिसंबर यानी शुक्रवार से जयपुर-भरतपुर हाईवे के पास खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव की घोषणा कर दी है.

दरअसल, भरतपुर और धौलपुर जाट समाज आरक्षण की मांग को लेकर 25 दिसंबर को जयपुर-भरतपुर हाईवे के पास खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव की घोषणा के बाद सरकार ने जाट आरक्षण संघर्ष समिति को वार्ता के लिए बुलाया.

जाट आरक्षण संघर्ष समिति की सरकार के साथ हुई विफल

राज्य सचिवालय में सामाजिक न्याय अधिकारिता, गृह विभाग, कार्मिक विभाग के अधिकारियों के साथ चार घंटे से भी अधिक वार्ता हुई, लेकिन वार्ता में तीन बिंदुओं में से दो पर तो सहमति बन गई, लेकिन एक प्रमुख मांग बार बात नहीं बनी तो जाट समाज असंतुष्ट हो गए.

वार्ता के बाद जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष नेम सिंह ने कहा कि आज जाट समाज सरकार के वार्ता करने के लिए आया है, अब सरकार वार्ता करने के लिए आएगी. सरकार जाट समाज को कमजोर आंक रही है. कल महाराजा सूरज मल की जयंती पर समाज खेड़ली मोड़ पर एकत्रित होगा. वहीं से महापड़ाव की घोषणा होगी.

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नेम सिंह ने बताया कि आज की वार्ता में सरकार में जाट आंदोलन के समय जाट समाज के लोगों पर लगे मुकदमे वापस लेने, 2017 के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर सहमति तो बन गई, लेकिन समाज की जो प्रमुख मांग जाट समाज को आरक्षण देने के लिए केंद्र को लिखी जाने वाली चिट्ठी पर सहमति नहीं बनी.

उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि भरतपुर और धौलपुर के जाट समाज को ओबीसी में आरक्षण मिले, इसलिए सरकार चिट्ठी लिखने में आनाकानी कर रही है. अब वक्त आ गया है कि सरकार को समाज अपनी ताकत दिखाए.

बता दें कि भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के द्वारा केंद्र में भरतपुर-धौलपुर के जाटों के लिए ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर काफी समय से संघर्ष किया जा रहा है. जाट समाज की मांग है कि धौलपुर-भरतपुर के जाटों को केंद्र में ओबीसी वर्ग के लिए सिफारिशी चिट्ठी भेजने, जाट आंदोलन के समय जाट समाज के लोगों पर लगे मुकदमे वापस सहित राज्य सरकार से 2017 के आंदोलन के समय जो समझौता हुआ था, उसे लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन समझौते के धरातल पर नहीं आने से जाट समाज में आक्रोश बढ़ता गया.

यहां तक कि सरकार को 20 दिन का अल्टीमेटम तक भी दिया गया, लेकिन सरकार ने जाट समाज को संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जिस पर भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 25 दिसंबर को खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव का एलान किया गया है.

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