श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में बीते पांच दिनों से भारी सुरक्षाबलों की तैनाती है. संवैधानिक प्रावधानों में हुए बदलाव के बाद गृह मंत्रालय ने एहतियात के तौर पर ऐसा किया है. ताजा घटनाक्रम में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
दरअसल, कश्मीर का इलाका संवेदनशील माना जाता है. 12 अगस्त को बकरीद का त्योहार है. इसके मद्देनजर प्रशासनिक पाबंदियों को कम किया गया है. कई इलाकों में कर्फ्यू से राहत दी गई है.
इसी बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने लोगों से अफवाहों और भड़काने वाले समाचार पर ध्यान न देने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि पिछले छह दिनों में कश्मीर में फायरिंग की कोई घटना नहीं हुई है.
मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने कहा है कि घाटी में फायरिंग या किसी भी तरह के शरारतपूर्ण और भड़काने वाले समाचारों पर भरोसा न करें. उन्होंने कहा है कि पिछले छह दिनों में पुलिस ने एक भी गोली नहीं चलाई है.
बकौल DGP और मुख्य सचिव, जम्मू-कश्मीर में हालात शांतिपूर्ण हैं. लोग सहयोग कर रहे हैं. प्रदेश के दोनों शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था का आकलन कर कर्फ्यू व अन्य बंदिशों में राहत दी जा रही है.
उन्होंने बताया कि श्रीनगर समेत अन्य शहरों में काफी लोग ईद की खरीदारी के लिए घरों से बाहर निकले. सड़कों पर काफी भीड़ देखी गई.
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बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोवाल को जम्मू-कश्मीर में आम लोगों के साथ बातचीत करते देखा गया है. वे लोगों को आश्वस्त कर रहे हैं कि केंद्र सरकार का फैसला उनकी बेहतरी के लिए लिया गया है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 8 अगस्त को देश को संबोधित किया था.
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पीएम मोदी ने करीब 48 मिनट के अपने संबोधन के दौरान जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्र की नीति का जिक्र करते हुए 60 से ज्यादा बार जम्मू-कश्मीर कहा. इसे केंद्र की 'हिलिंग टच' (healing touch) बताया जा रहा है. खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद कई इलाकों में हालात बेहतर हुए हैं.