जयपुर : भड़काऊ भाषण देने के आरोप में सात महीने तक जेल में कैद रहे पूर्व व्याख्याता डॉ. कफील खान की रिहाई हो चुकी है, जिसके बाद वह जयपुर पहुंचे और प्रेस वार्ता कर अपना पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि प्रियंका गांधी ने राजस्थान आने के लिए कहा और काफी मदद की. इसलिए उन्होंने भरतपुर के जरिए प्रदेश में एंट्री ली. उन्होंने कहा कि यहां कांग्रेस की सरकार है, इसलिए हम यहां सुरक्षित हैं.
इस दौरान उन्होंने कहा कि परिवार को लगता है कि उनकी जान को खतरा है और उत्तर प्रदेश सरकार झूठे केस में फंसा सकती है इसलिए वह राजस्थान आ गए हैं और यहांं सुरक्षित हैं. प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस का घेरा भी कफील खान की सुरक्षा में दिखा.
'जेल में मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया'
कफील खान ने जेल का दर्द बयां करते हुए कहा कि पिछले साढ़े सात महीने मानसिक उत्पीड़न हुआ और शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया गया. उन्होंने कहा कि अब वह यह सबकुछ भूलकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुजारिश करके फिर से अपनी नौकरी ज्वाइन करने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि इसलिए मैं उन्हें पत्र लिखूंगा. खान ने कहा कि मेरे परिवार को लगता है कि मुझे फिर से किसी केस में फंसाया जा सकता है. ऐसे में राजस्थान के बाद वह बिहार, असम और केरल में अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगे.
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गौरतलब है कि कफील संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ पिछले साल अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत करीब साढ़े सात महीने से मथुरा जेल में बंद थे. बाद में उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई हुई, जिसके बाद बुधवार को डॉ. कफील खान जेल से रिहा हुए हैं.
बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 2017 में ऑक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की मौत की घटना के बाद डॉ. कफील खान चर्चा में आए थे. आपात परिस्थितियों में ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था कर बच्चों की जान बचाने को लेकर डॉ. कफील की प्रशंसा हुई थी.