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थिएटर कमांड जिसके बनते ही भारतीय सेनाएं बन जाएंगी 'बाहुबली' - ऑपरेशनल आर्मी कमांड

सीमा पर जंग के दौरान तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए थिएटर कमांड बेहद उपयोगी माना जाता है. यहां से बनी रणनीति से दुश्मन पर अचूक वार करना काफी आसान हो जाता है. भारतीय सेना में अगले महीने थिएटर कमांड के निर्माण से संबंधित योजनाओं को प्रस्तुत किया जा सकता है. पढ़ें वरिष्ठ पत्रकार संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

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Published : Aug 26, 2020, 1:48 PM IST

Updated : Aug 26, 2020, 5:58 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय सेना सितंबर तक थिएटर कमांड के निर्माण से संबंधित 'निष्पादन योग्य' योजनाएं प्रस्तुत कर सकती है. जल, थल और वायु सेना थिएटर कमांड का हिस्सा होंगी.

आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसके लिए तीन स्टार अधिकारी, जिनमें एक भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल, एक नौसेना के वाइस एडमिरल और एक वायुसेना के एयर मार्शल शामिल होंगे.

थिएटर कमांड्स का सबसे सही उपयोग युद्ध के दौरान तब होता है जब बात तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की होती है. जानकारी के मुताबिक चीन से तनाव के बीच थिएटर कमांड बनाने की तैयारी तेज कर दी गई है.

एक अधिकारी ने इस पूरे विषय पर ईटीवी भारत को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर उत्पन्न तनाव के कारण थिएटर कमांड के निर्माण की प्रगति को प्रभावित किया है. अब इससे संबंधित निष्पादन योग्य योजनाएं सितंबर में प्रस्तुत किए जाने की संभावना है.

सेना की कार्यप्रणाली में होंगे व्यापक सुधार

बता दें कि रक्षा सेवाओं के प्रमुख (सीडीएस) के नव-सृजित पद की निगरानी के तहत भारतीय सेना को थिएटर कमांड आर्किटेक्चर के साथ बदलकर सेना की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार किए जाएंगे. यह वास्तव में एक ऐतिहासिक कार्य होगा. क्योंकि इससे सेना की कार्यप्रणाली का आधुनिकीकरण होने की संभावना प्रबल है.

थिएटर कमांड्स का सबसे सही उपयोग लड़ाई के मौके पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगा. यही कारण है कि सेना, वायुसेना और नौसेना को एक साथ लाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की बात हो रही है.

निर्दिष्ट क्षेत्र में एक एकल कमांडर सभी परिसंपत्तियों और संसाधनों को कमांड करेगा.

2015 के बाद से, चीन ने अपने सात सैन्य क्षेत्रों को पांच भौगोलिक-ऑपरेशनल थिएटर कमांड में लाकर पुनर्गठित किया है.

दूसरी ओर, संयुक्त राज्य के छह एकीकृत थिएटर कमांड वैश्विक परिचालन को नियंत्रित करते हैं.

भारत में हैं 17 कमांड

इसके विपरीत, भारत में परिचालन और भौगोलिक आवश्यकताओं के आधार पर 17 कमांड हैं. जिनमें छह ऑपरेशनल आर्मी कमांड और एक ट्रेनिंग कमांड, तीन नेवी कमांड, एक ट्रेनिंग कमांड और एक मेंटेनेंस कमांड के अलावा पांच आईएएफ ऑपरेशनल कमांड हैं. हालांकि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और एसएफसी (स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड) ये तीनों सेवाएं शामिल नहीं हैं.

अगर चीन के साथ किसी तरह का कोई संघर्ष होता है तो ऐसी स्थिति में भारतीय सेना के पास चीन को छकाने के लिए उत्तरी, मध्य और पूर्वी कमान होगी. वहीं भारतीय वायुसेना के पास पश्चिमी, मध्य और पूर्वी वायु कमान होगी.

दूसरी तरफ चीन के लिए, संयुक्त पश्चिमी थिएटर की कमान स्ट्राइक फोर्स, ग्राउंड फोर्स, आर्टिलरी, एयर एसेट्स इत्यादि के साथ छह भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के कमांडों को शामिल करेगी.

जनरल बिपिन रावत ने दिए थे संकेत

जनरल बिपिन रावत ने देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनते ही कहा था कि भविष्य में देश में थिएटर कमांड्स बनाए जाएंगे, ताकि युद्ध के दौरान दुश्मन को पस्त करने के लिए रणनीति आसानी से बन सके.

पढ़ें : चीनी राजदूत बोले - हमारे लिए खतरा नहीं, अवसर है भारत

थिएटर कमांड्स की स्थापना आज के समय की मांग है. जहां हमें अलग-अलग तकनीकों की मदद की आवश्यकता होती है. यह युद्ध की दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है.

भारतीय सेना का 'सशस्त्र बलों का संयुक्त सिद्धांत - 2017' भी कहता है कि भविष्य के युद्धों का चरित्र अस्पष्ट, अनिश्चित, तेज, घातक, तीव्र, सटीक और अप्रत्याशित हो सकता है. यही कारण है कि सेना, वायुसेना और नौसेना को एक साथ लाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की बात हो रही है.

नई दिल्ली : भारतीय सेना सितंबर तक थिएटर कमांड के निर्माण से संबंधित 'निष्पादन योग्य' योजनाएं प्रस्तुत कर सकती है. जल, थल और वायु सेना थिएटर कमांड का हिस्सा होंगी.

आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसके लिए तीन स्टार अधिकारी, जिनमें एक भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल, एक नौसेना के वाइस एडमिरल और एक वायुसेना के एयर मार्शल शामिल होंगे.

थिएटर कमांड्स का सबसे सही उपयोग युद्ध के दौरान तब होता है जब बात तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की होती है. जानकारी के मुताबिक चीन से तनाव के बीच थिएटर कमांड बनाने की तैयारी तेज कर दी गई है.

एक अधिकारी ने इस पूरे विषय पर ईटीवी भारत को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर उत्पन्न तनाव के कारण थिएटर कमांड के निर्माण की प्रगति को प्रभावित किया है. अब इससे संबंधित निष्पादन योग्य योजनाएं सितंबर में प्रस्तुत किए जाने की संभावना है.

सेना की कार्यप्रणाली में होंगे व्यापक सुधार

बता दें कि रक्षा सेवाओं के प्रमुख (सीडीएस) के नव-सृजित पद की निगरानी के तहत भारतीय सेना को थिएटर कमांड आर्किटेक्चर के साथ बदलकर सेना की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार किए जाएंगे. यह वास्तव में एक ऐतिहासिक कार्य होगा. क्योंकि इससे सेना की कार्यप्रणाली का आधुनिकीकरण होने की संभावना प्रबल है.

थिएटर कमांड्स का सबसे सही उपयोग लड़ाई के मौके पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगा. यही कारण है कि सेना, वायुसेना और नौसेना को एक साथ लाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की बात हो रही है.

निर्दिष्ट क्षेत्र में एक एकल कमांडर सभी परिसंपत्तियों और संसाधनों को कमांड करेगा.

2015 के बाद से, चीन ने अपने सात सैन्य क्षेत्रों को पांच भौगोलिक-ऑपरेशनल थिएटर कमांड में लाकर पुनर्गठित किया है.

दूसरी ओर, संयुक्त राज्य के छह एकीकृत थिएटर कमांड वैश्विक परिचालन को नियंत्रित करते हैं.

भारत में हैं 17 कमांड

इसके विपरीत, भारत में परिचालन और भौगोलिक आवश्यकताओं के आधार पर 17 कमांड हैं. जिनमें छह ऑपरेशनल आर्मी कमांड और एक ट्रेनिंग कमांड, तीन नेवी कमांड, एक ट्रेनिंग कमांड और एक मेंटेनेंस कमांड के अलावा पांच आईएएफ ऑपरेशनल कमांड हैं. हालांकि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और एसएफसी (स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड) ये तीनों सेवाएं शामिल नहीं हैं.

अगर चीन के साथ किसी तरह का कोई संघर्ष होता है तो ऐसी स्थिति में भारतीय सेना के पास चीन को छकाने के लिए उत्तरी, मध्य और पूर्वी कमान होगी. वहीं भारतीय वायुसेना के पास पश्चिमी, मध्य और पूर्वी वायु कमान होगी.

दूसरी तरफ चीन के लिए, संयुक्त पश्चिमी थिएटर की कमान स्ट्राइक फोर्स, ग्राउंड फोर्स, आर्टिलरी, एयर एसेट्स इत्यादि के साथ छह भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के कमांडों को शामिल करेगी.

जनरल बिपिन रावत ने दिए थे संकेत

जनरल बिपिन रावत ने देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनते ही कहा था कि भविष्य में देश में थिएटर कमांड्स बनाए जाएंगे, ताकि युद्ध के दौरान दुश्मन को पस्त करने के लिए रणनीति आसानी से बन सके.

पढ़ें : चीनी राजदूत बोले - हमारे लिए खतरा नहीं, अवसर है भारत

थिएटर कमांड्स की स्थापना आज के समय की मांग है. जहां हमें अलग-अलग तकनीकों की मदद की आवश्यकता होती है. यह युद्ध की दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है.

भारतीय सेना का 'सशस्त्र बलों का संयुक्त सिद्धांत - 2017' भी कहता है कि भविष्य के युद्धों का चरित्र अस्पष्ट, अनिश्चित, तेज, घातक, तीव्र, सटीक और अप्रत्याशित हो सकता है. यही कारण है कि सेना, वायुसेना और नौसेना को एक साथ लाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की बात हो रही है.

Last Updated : Aug 26, 2020, 5:58 PM IST
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