तिरुपति : तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की 50 अचल संपत्तियों की नीलामी पर आंध्र प्रदेश सरकार ने रोक लगा दी है.
राजनीतिक हलकों में बनाई गई लहरों के अलावा दुनियाभर के भक्तों की गंभीर आलोचना झेलने के बाद, आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार ने अंतत: हस्तक्षेप करते हुए तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड के विवादास्पद प्रस्ताव को रोकने के लिए एक सरकारी आदेश जारी कर दिया.
बता दें कि, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित अपनी 50 अचल संपत्तियों की नीलामी करने का फैसला किया था.
तिरुमला में स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंध करने वाले टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा था कि अचल संपत्तियों की नीलामी की जानी है, जिनमें छोटे घर, जमीन के प्लॉट और खेती की जमीन शामिल है.
सुब्बा रेड्डी ने कहा था कि कई दशक पहले पहाड़ी पर स्थित इस तीर्थ स्थल में भक्तों द्वारा दान की गई संपत्तियां टीटीडी के लिए रखरखाव योग्य नहीं है और न ही इनसे कोई राजस्व सृजित होता है, क्योंकि ये बहुत छोटी हैं.
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उन्होंने जानकारी दी थी कि आंध्र और तमिलनाडु में क्रमश: 26 और 23 संपत्तियां हैं और ऋषिकेश में भूमि है. इन संपत्तियों की नीलामी से लगभग 24 करोड़ रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है.
वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड से 50 अचल संपत्तियों की नीलामी पर रोक लगाने का आग्रह किया था.
टीटीडी बोर्ड के विशेष आमंत्रित सदस्य की हैसियत से राकेश सिन्हा ने टीटीडी चेयरमैन सुब्बा रेड्डी को संबोधित एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने टीटीडी बोर्ड से नीलामी की प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने को कहा था.