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363 सांसद-विधायक अयोग्य घोषित किए जा सकते हैं : एडीआर

देश के कुल 363 सांसदों और विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप लगे हैं. अगर अदालतों में इन लोगों के दोष सिद्ध हो जाते हैं तो इन्हें अयोग्य करार दिया जा सकता है.

विधायक अयोग्य घोषित
विधायक अयोग्य घोषित
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Published : Aug 23, 2021, 6:34 PM IST

Updated : Aug 23, 2021, 6:46 PM IST

नई दिल्ली : जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत देश के 363 विधायक-सांसद अयोग्य करार दिए जा सकते हैं. 542 लोकसभा सदस्यों और 1953 विधायकों के हलफनामों के विश्लेषण से यह बात सामने आई है.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) ने कहा है कि अगर इन 363 सांसदों के खिलाफ लगे आरोपों में अदालतें इन्हें दोषी करार देती हैं, तो इन लोगों को अयोग्य करार दिया जा सकता है.

एडीआर के मुताबिक केंद्र और राज्यों को मिलाकर कुल 39 मंत्रियों ने अपने हलफनामों में आपराधिक आरोप लगने की बात स्वीकार की है. अदालतों में दोष सिद्ध होने पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 के तहत इन लोगों को अयोग्य करार दिए जाने का प्रावधान है.

बता दें कि अधिनियम की धारा 8 की उप-धाराएं (1), (2) और (3) में प्रावधान है कि इनमें से किसी भी उप-धारा में उल्लिखित अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा और वह अयोग्य बना रहेगा. यदि आरोपी को अदालत से रिहाई मिल चुकी हो तो, अयोग्यता रिहाई के बाद से छह साल की अवधि के लिए होगी.

यह भी पढ़ें- बिहार चुनाव के पहले चरण में 328 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले : एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (National Election Watch) ने 2019 से 2021 के बीच 542 लोकसभा सदस्यों और 1,953 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण किया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत देश के 363 विधायक-सांसद अयोग्य करार दिए जा सकते हैं. 542 लोकसभा सदस्यों और 1953 विधायकों के हलफनामों के विश्लेषण से यह बात सामने आई है.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) ने कहा है कि अगर इन 363 सांसदों के खिलाफ लगे आरोपों में अदालतें इन्हें दोषी करार देती हैं, तो इन लोगों को अयोग्य करार दिया जा सकता है.

एडीआर के मुताबिक केंद्र और राज्यों को मिलाकर कुल 39 मंत्रियों ने अपने हलफनामों में आपराधिक आरोप लगने की बात स्वीकार की है. अदालतों में दोष सिद्ध होने पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 के तहत इन लोगों को अयोग्य करार दिए जाने का प्रावधान है.

बता दें कि अधिनियम की धारा 8 की उप-धाराएं (1), (2) और (3) में प्रावधान है कि इनमें से किसी भी उप-धारा में उल्लिखित अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा और वह अयोग्य बना रहेगा. यदि आरोपी को अदालत से रिहाई मिल चुकी हो तो, अयोग्यता रिहाई के बाद से छह साल की अवधि के लिए होगी.

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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (National Election Watch) ने 2019 से 2021 के बीच 542 लोकसभा सदस्यों और 1,953 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण किया है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 23, 2021, 6:46 PM IST
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