नई दिल्ली : जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत देश के 363 विधायक-सांसद अयोग्य करार दिए जा सकते हैं. 542 लोकसभा सदस्यों और 1953 विधायकों के हलफनामों के विश्लेषण से यह बात सामने आई है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) ने कहा है कि अगर इन 363 सांसदों के खिलाफ लगे आरोपों में अदालतें इन्हें दोषी करार देती हैं, तो इन लोगों को अयोग्य करार दिया जा सकता है.
एडीआर के मुताबिक केंद्र और राज्यों को मिलाकर कुल 39 मंत्रियों ने अपने हलफनामों में आपराधिक आरोप लगने की बात स्वीकार की है. अदालतों में दोष सिद्ध होने पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 के तहत इन लोगों को अयोग्य करार दिए जाने का प्रावधान है.
बता दें कि अधिनियम की धारा 8 की उप-धाराएं (1), (2) और (3) में प्रावधान है कि इनमें से किसी भी उप-धारा में उल्लिखित अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा और वह अयोग्य बना रहेगा. यदि आरोपी को अदालत से रिहाई मिल चुकी हो तो, अयोग्यता रिहाई के बाद से छह साल की अवधि के लिए होगी.
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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (National Election Watch) ने 2019 से 2021 के बीच 542 लोकसभा सदस्यों और 1,953 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण किया है.
(पीटीआई-भाषा)