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जालना में 400 करोड़ का आवास घोटाला, बिल्डर गायब

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Published : Feb 3, 2022, 8:51 PM IST

सहकारिता, विपणन और कपड़ा मंत्रालय, मुंबई द्वारा समूह बीमा आवास कंपनियों के माध्यम से राज्य में सरकारी कर्मचारियों को किफायती आवास प्रदान करने के लिए एक परिपत्र जारी किया गया था. जालना समेत नासिक और औरंगाबाद की बिल्डर लॉबी ने जिले में 27 हाउसिंग सोसायटियों की स्थापना कर एक हजार कर्मचारियों के नाम पर कर्ज लिया.

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जालना: राज्य में सरकारी सहकारी श्रमिकों को घर खरीदने के लिए एक समूह बीमा हाउसिंग सोसाइटी के माध्यम से सहकारिता, विपणन एवं कपड़ा मंत्रालय, मुंबई ने ऋण उपलब्ध कराया. हालांकि, आवास समितियों के नाम पर, बिल्डर लॉबी और सहकारिता, विपणन और कपड़ा विभाग ने इस योजना में बड़े पैमाने पर घोटाले की साजिश रची. इस योजना में ठगे गए कर्मचारियों का आरोप है कि यह राज्य का सबसे बड़ा आवास घोटाला है.

पढ़ेंः 44 अपात्रों को दे दिया प्रधानमंत्री आवास, ग्राम विकास अधिकारी निलंबित

सहकारिता, विपणन और कपड़ा मंत्रालय, मुंबई द्वारा समूह बीमा आवास कंपनियों के माध्यम से राज्य में सरकारी कर्मचारियों को किफायती आवास प्रदान करने के लिए एक परिपत्र जारी किया गया था. जालना समेत नासिक और औरंगाबाद की बिल्डर लॉबी ने जिले में 27 हाउसिंग सोसायटियों की स्थापना कर एक हजार कर्मचारियों के नाम पर कर्ज लिया.

ऋण कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में दर्ज किया गया था. आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ है. 40 साल की सेवा और बकाया भुगतान करने के बावजूद उन्हें घर और पेंशन नहीं मिलने से कर्मचारियों को परेशानी हो रही है. इस हाउसिंग सोसाइटी द्वारा की गई धोखाधड़ी को लेकर इन कर्मचारियों के सामने सवाल खड़ा हो गया है. इस बीच, कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि इस घोटाले की गहन जांच की जाए.

जालना: राज्य में सरकारी सहकारी श्रमिकों को घर खरीदने के लिए एक समूह बीमा हाउसिंग सोसाइटी के माध्यम से सहकारिता, विपणन एवं कपड़ा मंत्रालय, मुंबई ने ऋण उपलब्ध कराया. हालांकि, आवास समितियों के नाम पर, बिल्डर लॉबी और सहकारिता, विपणन और कपड़ा विभाग ने इस योजना में बड़े पैमाने पर घोटाले की साजिश रची. इस योजना में ठगे गए कर्मचारियों का आरोप है कि यह राज्य का सबसे बड़ा आवास घोटाला है.

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सहकारिता, विपणन और कपड़ा मंत्रालय, मुंबई द्वारा समूह बीमा आवास कंपनियों के माध्यम से राज्य में सरकारी कर्मचारियों को किफायती आवास प्रदान करने के लिए एक परिपत्र जारी किया गया था. जालना समेत नासिक और औरंगाबाद की बिल्डर लॉबी ने जिले में 27 हाउसिंग सोसायटियों की स्थापना कर एक हजार कर्मचारियों के नाम पर कर्ज लिया.

ऋण कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में दर्ज किया गया था. आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ है. 40 साल की सेवा और बकाया भुगतान करने के बावजूद उन्हें घर और पेंशन नहीं मिलने से कर्मचारियों को परेशानी हो रही है. इस हाउसिंग सोसाइटी द्वारा की गई धोखाधड़ी को लेकर इन कर्मचारियों के सामने सवाल खड़ा हो गया है. इस बीच, कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि इस घोटाले की गहन जांच की जाए.

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