Geeta Sar जो पुरुष कर्म में अकर्म और अकर्म में कर्म देखता है, वह मनुष्यों में

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Published : Aug 22, 2022, 11:09 PM IST

जो पुरुष कर्म में अकर्म और अकर्म में कर्म देखता है, वह मनुष्यों में बुद्धिमान है, वह योगी सम्पूर्ण कर्मों को करने वाला है. जिस भाव से सारे लोग परमात्मा की शरण ग्रहण करते हैं, उसी के अनुरूप परमात्मा उन्हें फल देता है. निस्सन्देह इस संसार में मनुष्यों को सकाम कर्म का फल शीघ्र प्राप्त होता है. कर्मों की सिद्धि चाहने वाले मनुष्य देवताओं की उपासना किया करते हैं. प्रकृति के तीनों गुण और उनसे सम्बद्ध कर्म के अनुसार परमेश्वर के द्वारा मानव समाज के चार विभाग रचे गए हैं. यद्यपि परमेश्वर उसका कर्ता है, फिर भी परमेश्वर अकर्ता और अविनाशी है. Geeta Saar . Tuesday motivational quotes . Geeta Gyan .

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