Positive Bharat Podcast: 'कहीं दूर जब दिन ढल जाए' सदाबहार गाने देने वाले योगेश के संघर्ष की कहानी....
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'हंसता हुआ नूरानी चेहरा' और 'कहीं दूर जब दिन ढल जाए' जैसे सदाबहार गाने देने वाले योगेश गौर भारत के ऐसे गीतकार थे, जिसने फिल्मी गीत तो जरूर रचे, पर उनमें साहित्यिक सामग्री डालकर उन्हें विशिष्ट से विशिष्टतम बना दिया. योगेश गौर का जन्म 19 मार्च 1943 को लखनऊ में हुआ (lyricist Yogesh Gaur) था. जिंदगी के शुरुआती दिन बड़े अच्छे गुजरे, लेकिन अचानक पिता की मृत्यु होने के बाद योगेश के कंधों पर सारी जिम्मेदारियां आ पड़ी थी. जिसके बाद उन्होंने मायानगरी मुंबई जाने का फैसला कर लिया. जहां उनके बचपन के दोस्त सत्यप्रकाश सत्तू ने नौकरी कर उनके सपने को पूरा करने में मदद (Positive Bharat Podcast) की. गीतकार योगेश ने कई बार ये बात स्वीकार भी किया कि इनके दोस्त सत्यप्रकाश अगर साथ न होते तो वे कभी भी मुंबई जैसे बड़े शहर में न टिक पाते. योगेश के संघर्ष की कहानी हमें सीख देती है कि जिंदगी में चाहे कितने भी उतार चढ़ाव आएं, लेकिन हमें हर मुसीबत का सामना डट कर करना चाहिए.