Watch: हिंसा की वजह से वेस्ट इंफाल के गांव से कुकी समुदाय के लोगों का पलायन
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पश्चिमी इंफाल जिले के फेयेंग सबल लेइकाई गांव कुकी और मैतेई दोनों समुदायों के लोगों का घर हुआ करता था, लेकिन मई के पहले हफ्ते में मणिपुर में हुई जातीय झड़पों के बाद कुकी समुदाय के सभी लोग गांव छोड़ चुके हैं. लोगों का कहना है कि दोनों समुदायों के बीच अब गोलीबारी होती रहती है. फेयेंग सबल लेइकाई के निवासियों का आरोप है कि गांव के कई लोगों की जान चली गई है और कई घायल हुए हैं. यहां के निवासी शूराश अंगोम का आरोप है कि उनके पिता अंगोम राकेश की पांच जून को 'कुकी उग्रवादियों' ने हत्या कर दी थी. उनका कहना है कि 'वे मेरे पिता को ले गए और उनकी गर्दन और हाथ में गोली मार दी. उसके बाद उन्होंने मेरे पिता की गर्दन काट दी. फिर उन्होंने मेरे पिता के सिर में गोली मार दी. उन्होंने मेरे पिता की बेरहमी से हत्या कर दी. अब मेरे परिवार में मैं और मेरी मां बचे हैं.' परिवार ने एफआईआर दर्ज करा दी है. शुराश ने बताया कि उनके पिता का शव सीआरपीएफ ने उन्हें सौंपा था. फेयेंग की शांति और सुरक्षा समिति के सदस्य निंगथौजम सुनील सिंह से जब पूछा गया कि कितने ग्रामीण मारे गए हैं? उनका कहना था कि अब तक पांच ग्रामीणों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा घायल हुए हैं. हिंसा को बढ़ने से रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने गांव और कुकी समुदाय के दबदबे वाले इलाकों के बीच बफर जोन बना दिया है.