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बच्चों को खिलाकर पौष्टिक आहार, सेहत सुधारेगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश की मध्याह्न भोजन योजना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष ध्यान दे रहे है. इस बार स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भोजन की सुरक्षा और स्वच्छता पौष्टिकता को विकसित किया जायेगा. इसके तहत 3 लाख से अधिक रसोइयों को प्रशिक्षित किया जायेगा.

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Published : Sep 2, 2020, 4:10 PM IST

Updated : Sep 3, 2020, 9:53 AM IST

Improved mid-day meal
मध्याह्न भोजन में सुधार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब स्कूलों में अच्छी शिक्षा के साथ बच्चों की सेहत का ख्याल रखने के लिए मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) को पौष्टिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. इसके लिए करीब 3 लाख 80 हजार रसोइयों को प्रशिक्षण देने की योजना है.

बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने आईएएनएस से बताया कि मध्याह्न भोजन को स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाने के लिए ट्रेनिंग का प्रारूप तैयार कर लिया गया है. लेकिन कोविड महामारी के कारण अभी इसमें विराम लगा है. कोरोना काल खत्म होते यह शुरू कर दिया जाएगा. फूड सेफ्टी विभाग के साथ मिलकर मिड-डे मील को पौष्टिक बनाया जाएगा. इसके लिए 3 लाख 80 हजार रसोइयों को प्रशिक्षित किया जाएगा.

उन्होंने बताया, 'मिड डे मील बनाते समय न्यूट्रिशन हाइजीन और सुरक्षा का ध्यान रखना है. इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के मास्टर ट्रेनर हैं, जो रसोइयों को प्रशिक्षण में सहयोग करेंगे. प्रशिक्षण का उद्देश्य भोजन की सुरक्षा और स्वच्छता पौष्टिकता की बेहतर समझ विकसित करें. इसके लिए हमने वीडियो बनाया हैं, जो ट्रेंनिंग के दौरान दिखाएं जाएंगे. भोजन की गुणवत्ता अच्छी हो, इस पर पूरा फोकस किया जाएगा.'

किरण ने बताया कि रसोइयों को प्रशिक्षण के दौरान भोजन के रखरखाव, साफ-सफाई के बारे में भी बताया जाएगा, ताकि बच्चों की सेहत के साथ भोजन की पौष्टिकता भी बढ़े. भोजन परोसने का तरीका, सब्जी धुलने का ज्ञान, भोजन ढकने समेत कई चीजों के बारे में बताया जाएगा.

उन्होंने बताया, '1 करोड़ 80 लाख विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार दिया जाना है. हमारे करीब 1 लाख 59 हजार विद्यालयों में उच्च प्राथमिक, राजकीय, सहायता प्राप्त समेत सभी हैं, जिनमें मिड-डे मील की योजना संचालित है.'

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब स्कूलों में अच्छी शिक्षा के साथ बच्चों की सेहत का ख्याल रखने के लिए मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) को पौष्टिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. इसके लिए करीब 3 लाख 80 हजार रसोइयों को प्रशिक्षण देने की योजना है.

बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने आईएएनएस से बताया कि मध्याह्न भोजन को स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाने के लिए ट्रेनिंग का प्रारूप तैयार कर लिया गया है. लेकिन कोविड महामारी के कारण अभी इसमें विराम लगा है. कोरोना काल खत्म होते यह शुरू कर दिया जाएगा. फूड सेफ्टी विभाग के साथ मिलकर मिड-डे मील को पौष्टिक बनाया जाएगा. इसके लिए 3 लाख 80 हजार रसोइयों को प्रशिक्षित किया जाएगा.

उन्होंने बताया, 'मिड डे मील बनाते समय न्यूट्रिशन हाइजीन और सुरक्षा का ध्यान रखना है. इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के मास्टर ट्रेनर हैं, जो रसोइयों को प्रशिक्षण में सहयोग करेंगे. प्रशिक्षण का उद्देश्य भोजन की सुरक्षा और स्वच्छता पौष्टिकता की बेहतर समझ विकसित करें. इसके लिए हमने वीडियो बनाया हैं, जो ट्रेंनिंग के दौरान दिखाएं जाएंगे. भोजन की गुणवत्ता अच्छी हो, इस पर पूरा फोकस किया जाएगा.'

किरण ने बताया कि रसोइयों को प्रशिक्षण के दौरान भोजन के रखरखाव, साफ-सफाई के बारे में भी बताया जाएगा, ताकि बच्चों की सेहत के साथ भोजन की पौष्टिकता भी बढ़े. भोजन परोसने का तरीका, सब्जी धुलने का ज्ञान, भोजन ढकने समेत कई चीजों के बारे में बताया जाएगा.

उन्होंने बताया, '1 करोड़ 80 लाख विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार दिया जाना है. हमारे करीब 1 लाख 59 हजार विद्यालयों में उच्च प्राथमिक, राजकीय, सहायता प्राप्त समेत सभी हैं, जिनमें मिड-डे मील की योजना संचालित है.'

Last Updated : Sep 3, 2020, 9:53 AM IST
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