हैदराबाद : दुनिया को देखने के लिए आंखें जरूरी है. ताउम्र स्वस्थ आंखों के लिए उचित देखभाल और सावधानी सभी के लिए जरूरी है. आखों की सुरक्षा के संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल अक्टूबर महीने के दूसरे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस या वर्ल्ड आई साइट दिवस मनाया जाता है. इस साल अक्टूबर महीने का दूसरा गुरुवार 12 अक्टूबर को है, इसलिए आज के दिन वर्ल्ड साइट डे मनाया जा रहा है.
-
विश्व में कम से कम 220 करोड़ लोग दृष्टिबाधिता से पीड़ित हैं. पर्याप्त नेत्र देखभाल के साथ इनमें से लगभग आधे मामलों की रोकथाम - या उपचार किया जा सकता था.
— UNHindi (@UNinHindi) October 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
विश्व दृष्टि दिवस पर @WHO से और जानें- https://t.co/RmHJ3T4TUe pic.twitter.com/g7PRpaKOKu
">विश्व में कम से कम 220 करोड़ लोग दृष्टिबाधिता से पीड़ित हैं. पर्याप्त नेत्र देखभाल के साथ इनमें से लगभग आधे मामलों की रोकथाम - या उपचार किया जा सकता था.
— UNHindi (@UNinHindi) October 12, 2023
विश्व दृष्टि दिवस पर @WHO से और जानें- https://t.co/RmHJ3T4TUe pic.twitter.com/g7PRpaKOKuविश्व में कम से कम 220 करोड़ लोग दृष्टिबाधिता से पीड़ित हैं. पर्याप्त नेत्र देखभाल के साथ इनमें से लगभग आधे मामलों की रोकथाम - या उपचार किया जा सकता था.
— UNHindi (@UNinHindi) October 12, 2023
विश्व दृष्टि दिवस पर @WHO से और जानें- https://t.co/RmHJ3T4TUe pic.twitter.com/g7PRpaKOKu
वर्ल्ड साइट डे थीम
वर्ल्ड साइट डे 2023 के लिए 'काम के दौरान अपनी आंखों से प्यार करें' (Love Your Eyes At Work) रखा है. इस थीम का उद्देश्य दुनिया भर में कंप्यूटर-मोबाइल आदि गैजेट के माध्यम से रोजाना कई घंटों तक कार्यालय, घर या अन्य जगहों पर काम करने वालों को ऑन स्क्रीन के आंखों की सुरक्षा और सावधानियों के बारे में जागरूक करना है.
वर्ल्ड साइट डे का इतिहास
लायंस क्लब एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है. स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों में आम लोगों के लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर काम करती है. इसी कड़ी में आई साइट के लिए काम करने वाली संस्थाओं के साथ मिलकर लायंस क्लब इंटरनेशनल ने 1998 में पहली बार विश्व दृष्टि दिवस का आयोजन किया. इसके बाद से हर साल अक्टूबर माह के दूसरे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाने लगा.
इस आयोजन के बाद आंखों की देखभाल के लिए 18 फरवरी 1999 में 'विजन 2020' (VISION 2020) की शुरूआत की. यह पहल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (International Agency for The Prevention of Blindness-IAPB) की ओर से संयुक्त रूप से किया गया था. विजन 2020 के तहत दुनिया भर में दृष्टिहीनता या आई साइट के नुकसान कारणों, इसके रोकथाम और इलाज के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए अभियान चलाया जाता है. खासकर आंखों से संबंधित समस्या जैसे लो विजन, ग्लूकोमा, मोतिबिंद, ट्रेकोमा सहित अन्य रोगों के बारे में जागरूकता, मेडिकल कैंप आदि का आयोजन किया जाता रहा है.
-
Stop scrolling! Have you heard of the 20/20/20 rule? For #worldsightday this week it’s time to #love your eyes at work! #eyecare #eyehealth #stopthescroll pic.twitter.com/SmsQEg5xaz
— Eye and Ear Hospital (@EyeandEarHosp) October 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Stop scrolling! Have you heard of the 20/20/20 rule? For #worldsightday this week it’s time to #love your eyes at work! #eyecare #eyehealth #stopthescroll pic.twitter.com/SmsQEg5xaz
— Eye and Ear Hospital (@EyeandEarHosp) October 9, 2023Stop scrolling! Have you heard of the 20/20/20 rule? For #worldsightday this week it’s time to #love your eyes at work! #eyecare #eyehealth #stopthescroll pic.twitter.com/SmsQEg5xaz
— Eye and Ear Hospital (@EyeandEarHosp) October 9, 2023
हेल्दी आई के लिए 20:20 फार्मूले का करें पालन
- दुनिया भर में आंखों की समस्या में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण लैपटॉप या कंप्यूटर, मोबाइल पर उनका बढ़ता स्क्रीन टाइम का बढ़ना है.
- काम के दौरान नियमित अंतराल पर लैपटॉप या कंप्यूटर, मोबाइल स्क्रीन से कुछ समय के लिए दूरी बनाने का प्रयास करें.
- इसके लिए 20:20 फार्मूले का पालन करें. अर्थात हर 20 मिनट के अंतराल पर अपनी आंखों को कम से कम 20 सेकंड के लिए आराम दें.
- आंखें स्वस्थ रहें इसके लिए उचित आहार, साफ-सफाई और सामान्य व्यायाम के साथ आई फोकस व्यायाम जरूरी है.
- आंखों में समस्या होने पर नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लें. वाहन चलाते समय या धूप से आंखों की सुरक्षा के लिए मानक वाला चश्मा का ही उपयोग करें.
-
जग की ख़ूबसूरती दिखाती है आँखें,
— Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) October 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
क़ुदरत के हर प्राणी में नज़र आती हैं आँखें।
विश्व दृष्टि दिवस की शुभकामनाएं। आंखें ईश्वर की दी हुई अनमोल कृति है। मानव सेवा भाव के साथ नेत्रदान का संकल्प लें। pic.twitter.com/i5yDaW3YEE
">जग की ख़ूबसूरती दिखाती है आँखें,
— Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) October 12, 2023
क़ुदरत के हर प्राणी में नज़र आती हैं आँखें।
विश्व दृष्टि दिवस की शुभकामनाएं। आंखें ईश्वर की दी हुई अनमोल कृति है। मानव सेवा भाव के साथ नेत्रदान का संकल्प लें। pic.twitter.com/i5yDaW3YEEजग की ख़ूबसूरती दिखाती है आँखें,
— Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) October 12, 2023
क़ुदरत के हर प्राणी में नज़र आती हैं आँखें।
विश्व दृष्टि दिवस की शुभकामनाएं। आंखें ईश्वर की दी हुई अनमोल कृति है। मानव सेवा भाव के साथ नेत्रदान का संकल्प लें। pic.twitter.com/i5yDaW3YEE
-
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां
- विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया की रिजनल डायरेक्टर डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह दुनिया भर में 2.2 अरब लोग अंधापन या दृष्टि दोष की समस्या से जूझ रहे हैं.
- जागरूकता और समय पर इलाज के माध्यम से 1 अरब लोगों में अंधापन या दृष्टि दोष की समस्या को रोका जा सकता है, जो अभी तक इसके शिकार नहीं हुए हैं.
- दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में विश्व के 30 अंधापन के शिकार या दृष्टिबाधित लोग रहते हैं.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जन-केंद्रित नेत्र देखभाल 2030 के तहत हर जगह, हर किसी को उच्च गुणवत्ता वाली, व्यापक नेत्र स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच के लिए प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत सभी राष्ट्रों को क्षेत्रीय कार्य योजना के तहत काम करने का अनुरोध किया जा रहा है.
- आंखों की स्थिति मानव जीवन के सभी चरणों में प्रभाव डालती है. छोटे बच्चों और वृद्ध लोग आंखों की समस्या को लेकर अधिक असुरिक्षित हैं.
- साल 2020 में पूरी दुनिया में अंधेपन और मध्यम से गंभीर दृष्टि हानि की अनुमानित आर्थिक लागत 411 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी.
- प्रेसबायोपिया (Presbyopia) से पीड़ित लोगों की संख्या 2015 में 1.8 बिलियन से बढ़कर साल 2030 तक 2.1 बिलियन होने का अनुमान है.
- WHO के संशोधित नेत्र देखभाल सेवा मूल्यांकन उपकरण का संचालन भूटान, भारत, मालदीव और थाईलैंड ने किया है. इसका उद्देश्य नेत्र देखभाल कार्यक्रमों को प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल सेवाओं में एकीकृत करना है.