विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस हर साल 6 अक्टूबर को दुनिया भर में मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य सेरेब्रल पाल्सी वाले लोगों की देखभाल करना और उनका समर्थन करना, बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सेरेब्रल पाल्सी (World cerebral palsy day 6 October) वाले लोगों की मदद करने के लिए सामाज में परिवर्तन करना है. सेरेब्रल पाल्सी में 'सेरेब्रल' का अर्थ मस्तिष्क से संबंधित होता है ओर 'पाल्सी' का अर्थ शरीर की कमजोरी या कांपना (Body Trembling) होता है. अमेरिका के रोग नियंत्रण और बचाव विभाग (CDC) के अनुसार, दुनिया भर में किए गए जनसंख्या-आधारित अध्ययनों में सामने आया है कि प्रति 1,000 नवजातों में 1 से लेकर 4 बच्चों में यह समस्या नजर आती है. CDC के ऑटिज्म एंड डेवलपमेंटल डिसेबिलिटी मॉनिटरिंग (ADDM) नेटवर्क के 2010 के अनुमानों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में 345 बच्चों में से लगभग 1 में सीपी (CP) के लक्षण मिले थे. World cerebral palsy day 6 october brain disorder neurological .
सेरेब्रल पाल्सी या प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात जिसे साधारण भाषा में एक तरह का लकवा भी कहा जाता है, एक ऐसा रोग है जो जन्मजात मानसिक विकार या मस्तिष्क में चोट लगने के कारण शरीर में विकलांगता जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं. रोग नियंत्रण और बचाव विभाग (CDC) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पूरी दुनिया में लगभग 17 मिलियन बच्चे और बड़े इस समस्या का शिकार हैं. मेट्रो शहरों को छोड़ दिया जाए, तो हमारे देश के बाकी हिस्सों में इस रोग को लेकर लोगों में ज्यादा जागरूकता नहीं है. चूंकि यह एक वैश्विक समस्या है, इसलिए दुनिया भर में आमजन को सेरेब्रल पाल्सी या प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 6 अक्टूबर को 'विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
क्या है सेरेब्रल पाल्सी : सेरेब्रल पाल्सी एक ऐसा रोग है, जिसमें मस्तिष्क विकार के चलते पीड़ित के शरीर व दिमाग की गतिविधियों पर से उसका नियंत्रण कम होने लगता है. जिससे उसके चलने-फिरने व सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ता हैं. इसके अलावा शरीर की मांसपेशियों में समस्या होने के साथ ही शरीर की लगभग सभी गतिविधियां इस रोग के चलते प्रभावित होती हैं. सेरेब्रल पाल्सी पीड़ित लोगों में मिर्गी, अंधापन या बहरेपन जैसी समस्याएं भी आमतौर पर देखने में आती हैं.
सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण : सेरेब्रल पाल्सी को साधारण जबान में लकवे का एक प्रकार भी माना जाता है. जिसका असर कुछ मामलों में शरीर के एक हिस्से पर ज्यादा होता है, तो कभी पूरा शरीर ही इसके चलते विकलांगता की श्रेणी में आ जाता है. सेरेब्रल पाल्सी के अलग-अलग उम्र के बच्चों तथा वयस्कों में दिखने वाले लक्षण इस प्रकार हैं-
स्तनपान करने वाले या 1 साल से कम उम्र के बच्चों में
- जन्म के समय सेरेब्रल पाल्सी पीड़ित शिशु का शरीर ज्यादा सक्रिय नहीं होता है. जैसे कम रोता है, धीरे-धीरे सांस लेता है और दूसरों को कम प्रतिक्रिया देता है.
- दूसरे सामान्य बच्चों की अपेक्षा इनके शरीर में विकास प्रक्रिया धीमी गति से होती है.
- छः महीने बाद भी गर्दन को नियंत्रित करने में समस्या होती है. ये बच्चे देर से बैठना शुरू करते हैं.
- सेरेब्रल पाल्सी पीड़ित शिशुओं को स्तनपान में भी समस्या होती है.
- इस रोग से पीड़ित बच्चों का शरीर कभी भी अकड़ जाता है.
- इन बच्चों के मुंह से लार टपकती रहती है.
तीन साल से लेकर वयस्कों में देखे जाने वाले लक्षण
- देखने-सुनने में कठिनाई.
- सोचने और समझने में परेशानी.
- शरीर में ज्यादातर दर्द रहना.
- मांसपेशियों में अकड़न और शरीर में संतुलन की कमी.
- बगैर प्रयास के भी लगातार शरीर का हिलते रहना, जिसे अंग्रेजी में ट्रेमर भी कहा जाता है.
- किसी भी कार्य को करने की रफ्तार का कम होना और कार्य करते समय शरीर में दर्द का एहसास होना.
- शरीर के एक हिस्से में सक्रियता का कम होना.
- पेशाब जैसी गतिविधियों पर भी नियंत्रण ना होना.
- चलने में कठिनाई होना, कमर का झुक जाना, लंगड़ाकर या घुटनों को अंदर की तरफ मोड़ कर चलना.
- अत्याधिक लार टपकना या खाना निगलने में कठिनाई होना.
- उंगलियों से चीजों को पकड़ने में भी परेशानी होना.
सेरेब्रल पाल्सी के कारण : माता के गर्भ में किसी तरह के संक्रमण, जन्म के समय या उसके तुरंत उपरांत किसी भी कारण से मस्तिष्क को लगने वाली चोट या अन्य किसी मानसिक विकार के कारण बच्चों में आमतौर पर सेरेब्रल पॉलिसी जैसी समस्या पैदा होती है. जिसके चलते मस्तिष्क के विकास तथा उसके कार्यों में रुकावट या बाधा आने लगती है. हालांकि कई मामलों में इस रोग के सटीक कारणों का पता नहीं चल पाता है, फिर भी कुछ सामान्य अवस्थाएं हैं, जिनको इस रोग के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है. उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
- गर्भावस्था के दौरान माता का स्वास्थ्य -यदि गर्भावस्था के दौरान मां को खसरा जिसे रूबेला भी कहा जाता, चिकन पॉक्स, सिफलिस तथा गंभीर पीलिया जैसा संक्रमण हुए हो, या फिर किसी दुर्घटना या शारीरिक समस्या के चलते बच्चे के मस्तिष्क को सही मात्रा में ऑक्सीजन ना मिल पाया हो, बच्चे में सेरेब्रल पाल्सी का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा 34 सप्ताह से पहले ही जन्म लेने वाले शिशुओं में भी सेरेब्रल पॉलिसी का जोखिम ज्यादा रहता है. वहीं यदि एक साथ 1 से अधिक बच्चों का जन्म हो, उस अवस्था में भी बच्चों में इस बीमारी के होने की आशंका बढ़ जाती है.
- नवजात को होने वाले संक्रमण- कई बार बच्चे को जन्म के तुरंत उपरांत होने वाले बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस, गंभीर वायरल इंफेक्शन या गंभीर पीलिया जैसी बीमारी हुई हो, तो में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
सेरेब्रल पाल्सी के चलते शरीर में होने वाली बीमारियां
इस बीमारी से पीड़ित लोगों का शरीर जैसे-जैसे बढ़ता है, उन्हें मांसपेशियों में कमजोरी, उसकी गतिशीलता में कमी महसूस होती है. वहीं शरीर में संतुलन बनाए रखने में भी उन्हें समस्याएं आती हैं. इस बीमारी के चलते बच्चों को खाना निकलने में काफी समस्याएं होती है, जिसके चलते वह पेट भर कर खाना नहीं खा पाते और कुपोषण का शिकार बन जाते हैं. इसके अलावा शरीर में मांसपेशियों के हद से ज्यादा कस जाने या टाइट हो जाने के कारण मांसपेशियों में सिकुड़न होने लगती है. जिससे हड्डियों का विकास भी रुक जाता है और वह मुड़ने लगती हैं.
इसके अलावा फेफड़ों की बीमारी, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं और अर्थराइटिस जैसी समस्याएं भी सेरेब्रल पाल्सी के पीड़ितों में ज्यादा नजर आने लगती हैं. बहुत जरूरी है कि सही समय पर लक्षणों को पकड़ कर चिकित्सक की मदद ले ली जाए, जिससे दवाइयों और अन्य उपचारों की मदद से पीड़ित का इलाज किया जा सके.
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