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खड़े मसाले बढ़ाते हैं कश्मीरी तड़के की खुशबू और सेहत

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Published : Oct 20, 2021, 5:38 AM IST

भारतीय पारम्परिक भोजन को और भी ज़ायकेदार बनाते हैं तड़के. भिन्न भिन्न प्रदेशों में अनेकों प्रकार के तड़के बनाने के तरीके हैं, जो किसी न किसी रूप से हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं. इसके चलते आज हम आपको कश्मीरी तड़के के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.

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खड़े मसाले

कश्मीर में चारों तरफ नैसर्गिक खूबसूरती भरी हुई है, इसीलिए इसकी तुलना स्वर्ग से की जाती है. लेकिन सिर्फ कश्मीर की सुंदरता ही नहीं बल्कि वहां का भोजन भी बेहद ही लजीज और निराला होता है. कश्मीरी भोजन तथा तड़कों में आमतौर पर खड़े मसालों का इस्तेमाल किया जाता है, जो न सिर्फ भोजन को ज्यादा खुशबूदार बनाते हैं बल्कि वहां के सर्द मौसम में लोगों को गर्मी और ऊर्जा भी प्रदान करते हैं. आइए जानते हैं क्या होती है कश्मीरी तड़के की खूबियां और कौन- कौन से मसाले इस तड़के में इस्तेमाल होते हैं.

कश्मीरी तड़का
कश्मीरी तड़के में आमतौर पर साबुत गरम मसालों जैसे जावित्री, फूल चकरी, काली मिर्च, लौंग, जायफल और बड़ी इलायची का इस्तेमाल होता है. जिनके फायदे इस प्रकार हैं.

जावित्री
छोटी सी दिखने वाली जावित्री न सिर्फ खाने के जायके को 4 गुना बढ़ा देती है, बल्कि यह औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है और इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है. जावित्री में विभिन्न प्रकार के मिनरल्स, फाइबर, मैग्नीज, मैग्नीशियम और कैल्शियम सहित कई पोषक तत्व तथा एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद रहते हैं. जावित्री न सिर्फ किडनी में पथरी को गलाने तथा उसे विभिन्न प्रकार के संक्रमण से दूर रखने का कार्य करने में सक्षम होती हैं. इसके अतिरिक्त जावित्री पाचन बढ़ाने में, अपच तथा पेट की अन्य गड़बड़ियों को दूर करने, अनिद्रा, अस्थमा और तनाव सहित कई बीमारियों में राहत पहुंचाती है. रियल पेसिफिक जनरल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के एक अध्ययन के अनुसार कैंसर के बचाव में भी जावित्री का सेवन अहम भूमिका निभा सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल से रक्षा करते हैं.

फूल चकरी
फूल चकरी ना सिर्फ औषधीय गुणों से भरपूर होती है, बल्कि इसकी खुशबू किसी भी प्रकार के भोजन की सुगंध को बढ़ा देती है. चक्र फूल यानी स्टार एनिस में एनेथॉल नाम का रसायन पाया जाता है. इसके अलावा इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन-ए, विटामिन-सी के साथ कई गुणकारी तत्व पाए जाते हैं. चक्र फूल पेट संबंधी समस्याओं में तो फायदेमंद होता ही है साथ ही यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सक्षम होता है. इसके साथ ही इस में सूजन रोधी गुण भी पाए जाते हैं. चक्र पुल का सेवन करने वालों में मुंह की दुर्गंध आने की समस्या कम हो जाती है और मधुमेह, तनाव, ब्रोंकाइटिस और यहां तक कि महिलाओं में रजोनिवृत्ति जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है.

काली मिर्च
कश्मीरी तड़के में साबुत काली मिर्च का काफी इस्तेमाल किया जाता है. साबुत काली मिर्ची या कालीमिरी के फायदों से तो लगभग सभी लोग वाकिफ हैं. काली मिर्ची में पैपरीन नामक तत्व पाया जाता है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, जिंक, क्रोमियम, विटामिन-ए तथा अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.

काली मिर्च
काली मिर्च

यह सभी जानते हैं कि काली मिर्च का इस्तेमाल सर्दी जुखाम जैसे मौसमी संक्रमण में काफी राहत दिलाता है वहीं कफ और फेफड़ों में संक्रमण होने पर इसका सेवन लाभकारी होता है. इनके अलावा पेट में गैस, उल्टी दस्त, पेट में कीड़े, बदहजमी, याददाश्त कमजोर होने, दांतों में पायरिया, कमजोर दांत तथा कमजोर नजर होने पर भी काली मिर्च का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है.

लौंग
लौंग भोजन को एक अलग तरह का जायका देती है. लौंग में यूजिनॉल नामक एक योगिक होता है जो प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है. यह योगिक पुरानी बीमारियों को बढ़ाने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में सक्षम होता है. यूजिनॉल में एंटी कैंसर प्रॉपर्टी भी पाई जाती हैं, जो शरीर को कैंसर से बचाए रखने में मदद कर सकती हैं.

लोंग का अर्क ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है और कैंसर कोशिकाओं को मारता है. इसके अतिरिक्त लौंग में फाइबर, विटामिन, खनिज तथा एंटीबैक्टीरियल व एंटीमाइक्रोबॉयल गुण पाए जाते हैं. जो दिमाग की सेहत और हड्डियों को मजबूती देने, लिवर को स्वस्थ बनाने तथा रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करने में मदद करते हैं.

इसमें मौजूद एंटीमाइक्रोबॉयल गुण शरीर में बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने का कार्य करते हैं साथ ही इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण दांतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं जो मसूड़ों में होने वाले रोगों को कम करते हैं और दातों को दर्द से मुक्ति दिलाते हैं.

जायफल
इसका इस्तेमाल यूं तो भोजन में काफी कम मात्रा में किया जाता है लेकिन चुटकी भर जायफल खाने का स्वाद सेहत और उसके गुणों को बढ़ाने के लिए काफी रहता है. जायफल में विटामिन, फाइबर और मिनरल्स के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट तथा एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं. जो पाचन तंत्र को बेहतर करने, अनिद्रा को दूर करने और इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ-साथ कैंसर, हृदय रोग तथा मधुमेह तक की समस्या में फायदा करता है.

जायफल
जायफल

इसके अतिरिक्त जायफल मौसमी संक्रमण जैसे सर्दी-खांसी से छुटकारा दिलाने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद माना जाता है.

बड़ी इलायची
यूं तो बड़ी इलायची में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, लेकिन इसमें फाइबर, एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन सी और पोटेशियम ज्यादा मात्रा में मौजूद होते हैं , जो लोगों को कई बीमारियों से बचाने में सक्षम होते हैं.

बड़ी इलायची के सेवन से सांसों से संबंधित समस्याओं में आराम मिलता है, वही यह मानव शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मददगार होती है. बड़ी इलायची डाईयूरिटिक की तरह काम करती है और हमारी पेशाब की प्रक्रिया को नियंत्रित रखती है. इसके साथ ही इसका सेवन त्वचा की चमक तथा स्वस्थ बनाए रखने में सक्षम होता है.

पढ़ें: सिर्फ जायका ही नहीं, भोजन का पोषण भी बढ़ाते हैं तड़के या बघार

कश्मीर में चारों तरफ नैसर्गिक खूबसूरती भरी हुई है, इसीलिए इसकी तुलना स्वर्ग से की जाती है. लेकिन सिर्फ कश्मीर की सुंदरता ही नहीं बल्कि वहां का भोजन भी बेहद ही लजीज और निराला होता है. कश्मीरी भोजन तथा तड़कों में आमतौर पर खड़े मसालों का इस्तेमाल किया जाता है, जो न सिर्फ भोजन को ज्यादा खुशबूदार बनाते हैं बल्कि वहां के सर्द मौसम में लोगों को गर्मी और ऊर्जा भी प्रदान करते हैं. आइए जानते हैं क्या होती है कश्मीरी तड़के की खूबियां और कौन- कौन से मसाले इस तड़के में इस्तेमाल होते हैं.

कश्मीरी तड़का
कश्मीरी तड़के में आमतौर पर साबुत गरम मसालों जैसे जावित्री, फूल चकरी, काली मिर्च, लौंग, जायफल और बड़ी इलायची का इस्तेमाल होता है. जिनके फायदे इस प्रकार हैं.

जावित्री
छोटी सी दिखने वाली जावित्री न सिर्फ खाने के जायके को 4 गुना बढ़ा देती है, बल्कि यह औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है और इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है. जावित्री में विभिन्न प्रकार के मिनरल्स, फाइबर, मैग्नीज, मैग्नीशियम और कैल्शियम सहित कई पोषक तत्व तथा एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद रहते हैं. जावित्री न सिर्फ किडनी में पथरी को गलाने तथा उसे विभिन्न प्रकार के संक्रमण से दूर रखने का कार्य करने में सक्षम होती हैं. इसके अतिरिक्त जावित्री पाचन बढ़ाने में, अपच तथा पेट की अन्य गड़बड़ियों को दूर करने, अनिद्रा, अस्थमा और तनाव सहित कई बीमारियों में राहत पहुंचाती है. रियल पेसिफिक जनरल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के एक अध्ययन के अनुसार कैंसर के बचाव में भी जावित्री का सेवन अहम भूमिका निभा सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल से रक्षा करते हैं.

फूल चकरी
फूल चकरी ना सिर्फ औषधीय गुणों से भरपूर होती है, बल्कि इसकी खुशबू किसी भी प्रकार के भोजन की सुगंध को बढ़ा देती है. चक्र फूल यानी स्टार एनिस में एनेथॉल नाम का रसायन पाया जाता है. इसके अलावा इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन-ए, विटामिन-सी के साथ कई गुणकारी तत्व पाए जाते हैं. चक्र फूल पेट संबंधी समस्याओं में तो फायदेमंद होता ही है साथ ही यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सक्षम होता है. इसके साथ ही इस में सूजन रोधी गुण भी पाए जाते हैं. चक्र पुल का सेवन करने वालों में मुंह की दुर्गंध आने की समस्या कम हो जाती है और मधुमेह, तनाव, ब्रोंकाइटिस और यहां तक कि महिलाओं में रजोनिवृत्ति जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है.

काली मिर्च
कश्मीरी तड़के में साबुत काली मिर्च का काफी इस्तेमाल किया जाता है. साबुत काली मिर्ची या कालीमिरी के फायदों से तो लगभग सभी लोग वाकिफ हैं. काली मिर्ची में पैपरीन नामक तत्व पाया जाता है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, जिंक, क्रोमियम, विटामिन-ए तथा अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.

काली मिर्च
काली मिर्च

यह सभी जानते हैं कि काली मिर्च का इस्तेमाल सर्दी जुखाम जैसे मौसमी संक्रमण में काफी राहत दिलाता है वहीं कफ और फेफड़ों में संक्रमण होने पर इसका सेवन लाभकारी होता है. इनके अलावा पेट में गैस, उल्टी दस्त, पेट में कीड़े, बदहजमी, याददाश्त कमजोर होने, दांतों में पायरिया, कमजोर दांत तथा कमजोर नजर होने पर भी काली मिर्च का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है.

लौंग
लौंग भोजन को एक अलग तरह का जायका देती है. लौंग में यूजिनॉल नामक एक योगिक होता है जो प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है. यह योगिक पुरानी बीमारियों को बढ़ाने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में सक्षम होता है. यूजिनॉल में एंटी कैंसर प्रॉपर्टी भी पाई जाती हैं, जो शरीर को कैंसर से बचाए रखने में मदद कर सकती हैं.

लोंग का अर्क ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है और कैंसर कोशिकाओं को मारता है. इसके अतिरिक्त लौंग में फाइबर, विटामिन, खनिज तथा एंटीबैक्टीरियल व एंटीमाइक्रोबॉयल गुण पाए जाते हैं. जो दिमाग की सेहत और हड्डियों को मजबूती देने, लिवर को स्वस्थ बनाने तथा रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करने में मदद करते हैं.

इसमें मौजूद एंटीमाइक्रोबॉयल गुण शरीर में बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने का कार्य करते हैं साथ ही इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण दांतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं जो मसूड़ों में होने वाले रोगों को कम करते हैं और दातों को दर्द से मुक्ति दिलाते हैं.

जायफल
इसका इस्तेमाल यूं तो भोजन में काफी कम मात्रा में किया जाता है लेकिन चुटकी भर जायफल खाने का स्वाद सेहत और उसके गुणों को बढ़ाने के लिए काफी रहता है. जायफल में विटामिन, फाइबर और मिनरल्स के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट तथा एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं. जो पाचन तंत्र को बेहतर करने, अनिद्रा को दूर करने और इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ-साथ कैंसर, हृदय रोग तथा मधुमेह तक की समस्या में फायदा करता है.

जायफल
जायफल

इसके अतिरिक्त जायफल मौसमी संक्रमण जैसे सर्दी-खांसी से छुटकारा दिलाने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद माना जाता है.

बड़ी इलायची
यूं तो बड़ी इलायची में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, लेकिन इसमें फाइबर, एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन सी और पोटेशियम ज्यादा मात्रा में मौजूद होते हैं , जो लोगों को कई बीमारियों से बचाने में सक्षम होते हैं.

बड़ी इलायची के सेवन से सांसों से संबंधित समस्याओं में आराम मिलता है, वही यह मानव शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मददगार होती है. बड़ी इलायची डाईयूरिटिक की तरह काम करती है और हमारी पेशाब की प्रक्रिया को नियंत्रित रखती है. इसके साथ ही इसका सेवन त्वचा की चमक तथा स्वस्थ बनाए रखने में सक्षम होता है.

पढ़ें: सिर्फ जायका ही नहीं, भोजन का पोषण भी बढ़ाते हैं तड़के या बघार

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