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डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन की फास्ट ट्रैकिंग को लेकर वैक्सीन निमार्ताओं से चर्चा की - WHO discussed fast-tracking

वैक्सीन पंजीकरण, परिनियोजन और विनियमन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन व वैक्सीन निमार्ताओं ने खास चर्चा की. टीकों के निर्माण और विनियमन के लिए विशेष तैनाती पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही कोल्ड चेन आवश्यकता की योजना बनाने पर भी प्रकाश डाला है.

WHO discussed with vaccine manufacturers
डब्ल्यूएचओ की वैक्सीन निमार्ताओं से चर्चा
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Published : Dec 12, 2020, 3:38 PM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण व वैक्सीन निमार्ताओं ने सदस्य देशों में कोविड-19 वैक्सीन रोलआउट पर तेजी से नजर रखने पर चर्चा की. डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, 'वैक्सीन निर्माण और विनियामक क्षेत्रों (रेग्युलेटरी सेक्टर्स) की टीकों की कुशल तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका है.'

कोविड-19 वैक्सीन तैनाती के लिए क्षेत्र में राष्ट्रीय कार्यक्रमों, वैक्सीन उत्पादकों और नियामकों के बीच सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से बैठक ने वैक्सीन पंजीकरण, परिनियोजन और विनियमन के लिए बातचीत और अनुभव साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया.

सिंह के अनुसार, इस क्षेत्र के सभी देश अब कोविड-19 के लिए राष्ट्रीय तैनाती और टीकाकरण योजनाओं को विकसित और अंतिम रूप दे रहे हैं, जिनमें से नियामक तैयारियां एक मुख्य घटक है.

सिंह ने कहा, 'टीके के अनुमोदन के लिए शीघ्र नियामक मार्ग स्थापित करना और विनियामक मार्ग को वैक्सीन के रूप में विकसित करना और अनुमोदन के लिए दायर करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण पूर्ण लाइसेंस प्राप्त करना पसंद करेगा.'

उन्होंने कहा, 'जबकि वैक्सीन लाइसेंस प्रणाली को संशोधित करने की आवश्यकता हो सकती है. मानक परिचालन प्रक्रियाओं और आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए निर्धारित समयसीमा महत्वपूर्ण होगी.' क्षेत्रीय निदेशक ने प्रभावी समन्वय, सहयोग और सूचना-साझाकरण पर जोर दिया.

आर एंड डी से लेकर उत्पादन तक, और देश की तत्परता से लेकर पोस्ट-मार्केटिंग सर्विलांस, निर्माताओं, नियामकों, नीति-निर्माताओं और योजनाकारों तक सभी को टीके की तैनाती को उपयुक्त और परिष्कृत करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए.

बैठक में जीएवीआई और यूनिसेफ जैसे प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय भागीदारों ने भाग लिया.

वैक्सीन निर्माताओं में भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड, बायोलॉजिकल ई लिमिटेड, कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज एंड वॉकहार्ट लिमिटेड, इंडोनेशिया बायो फार्मा लिमिटेड आदि ने इस बैठक में हिस्सा लिया.

विशेषज्ञ समूह ने यह भी सिफारिश की कि सभी देशों को टीकाकरण से संबंधित निर्णय लेने के लिए प्रवासियों और दूरदराज या विस्थापित आबादी सहित सभी जोखिमों पर उच्च-गुणवत्ता के साथ समय पर कोविड-19 निगरानी डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए.

उन्होंने सभी देशों के लिए उपलब्ध कोल्ड चेन स्पेस का आकलन करने और भंडारण, स्टॉक प्रबंधन, वैक्सीन वितरण रणनीति एवं अपशिष्ट प्रबंधन में आवश्यक सुधार सहित कोल्ड चेन आवश्यकता की योजना बनाने पर प्रकाश डाला.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण व वैक्सीन निमार्ताओं ने सदस्य देशों में कोविड-19 वैक्सीन रोलआउट पर तेजी से नजर रखने पर चर्चा की. डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, 'वैक्सीन निर्माण और विनियामक क्षेत्रों (रेग्युलेटरी सेक्टर्स) की टीकों की कुशल तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका है.'

कोविड-19 वैक्सीन तैनाती के लिए क्षेत्र में राष्ट्रीय कार्यक्रमों, वैक्सीन उत्पादकों और नियामकों के बीच सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से बैठक ने वैक्सीन पंजीकरण, परिनियोजन और विनियमन के लिए बातचीत और अनुभव साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया.

सिंह के अनुसार, इस क्षेत्र के सभी देश अब कोविड-19 के लिए राष्ट्रीय तैनाती और टीकाकरण योजनाओं को विकसित और अंतिम रूप दे रहे हैं, जिनमें से नियामक तैयारियां एक मुख्य घटक है.

सिंह ने कहा, 'टीके के अनुमोदन के लिए शीघ्र नियामक मार्ग स्थापित करना और विनियामक मार्ग को वैक्सीन के रूप में विकसित करना और अनुमोदन के लिए दायर करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण पूर्ण लाइसेंस प्राप्त करना पसंद करेगा.'

उन्होंने कहा, 'जबकि वैक्सीन लाइसेंस प्रणाली को संशोधित करने की आवश्यकता हो सकती है. मानक परिचालन प्रक्रियाओं और आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए निर्धारित समयसीमा महत्वपूर्ण होगी.' क्षेत्रीय निदेशक ने प्रभावी समन्वय, सहयोग और सूचना-साझाकरण पर जोर दिया.

आर एंड डी से लेकर उत्पादन तक, और देश की तत्परता से लेकर पोस्ट-मार्केटिंग सर्विलांस, निर्माताओं, नियामकों, नीति-निर्माताओं और योजनाकारों तक सभी को टीके की तैनाती को उपयुक्त और परिष्कृत करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए.

बैठक में जीएवीआई और यूनिसेफ जैसे प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय भागीदारों ने भाग लिया.

वैक्सीन निर्माताओं में भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड, बायोलॉजिकल ई लिमिटेड, कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज एंड वॉकहार्ट लिमिटेड, इंडोनेशिया बायो फार्मा लिमिटेड आदि ने इस बैठक में हिस्सा लिया.

विशेषज्ञ समूह ने यह भी सिफारिश की कि सभी देशों को टीकाकरण से संबंधित निर्णय लेने के लिए प्रवासियों और दूरदराज या विस्थापित आबादी सहित सभी जोखिमों पर उच्च-गुणवत्ता के साथ समय पर कोविड-19 निगरानी डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए.

उन्होंने सभी देशों के लिए उपलब्ध कोल्ड चेन स्पेस का आकलन करने और भंडारण, स्टॉक प्रबंधन, वैक्सीन वितरण रणनीति एवं अपशिष्ट प्रबंधन में आवश्यक सुधार सहित कोल्ड चेन आवश्यकता की योजना बनाने पर प्रकाश डाला.

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