मौसम चाहे जो भी हो पुदीने का जायका और उसकी खुशबू दोनों ही मन को तरोताजा और प्रसन्न कर देते हैं. पुदीना तीव्र खुशबू वाला एक ऐसा हर्ब है जिसका सेवन या इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है जैसे तेल, इत्र, काढ़ा या खाद्य व पेय पदार्थ आदि. आयुर्वेद तथा चिकित्सा की अन्य विधाओं में भी पुदीने के इस्तेमाल को काफी लाभकारी बताया जाता है. यही नहीं इससे बनने वाले या इसकी खुशबू से युक्त मोमबत्ती, टूथपेस्ट, टेल्कम पाउडर, क्रीम व साबुन सहित अन्य सौन्दर्य तथा अन्य प्रकार के उत्पाद भी लोगों को काफी ज्यादा पसंद आते हैं.
क्या कहते हैं चिकित्सक?
आयुर्वेद में पुदीने का इस्तेमाल कई तरह की समस्याओं को दूर करने तथा विभिन्न प्रकार की औषधियों में किया जाता है. भोपाल के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार पुदीना कफ और वात दोष को कम करता है तथा इसकी तासीर गरम होती है. इसके सेवन से भूख बढ़ाने, पेट संबंधी समस्याओं में, बुखार होने तथा लीवर या मूत्र संबंधी समस्याओं सहित कई समस्याओं में काफी लाभ मिलता है. विशेषकर गर्मी के मौसम में लू लगने, हैजे या सिर दर्द जैसी समस्याओं में पुदीने का सेवन काफी फायदे देता है. इसमें शरीर में किसी कीड़े के काटे जाने पर उसके जहर को नष्ट करने का भी गुण होता है.
वहीं दिल्ली की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा भी पुदीने को सेहत के लिए काफी लाभकारी बताती हैं. वह बताती हैं कि नियंत्रित मात्रा में पुदीने का किसी भी माध्यम में सेवन करने से कई शारीरिक समस्याओं में राहत मिलती है.
पुदीने के गुण तथा लाभ
कुछ सालों पहले बोस्टन की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी में पुदीने के फ़ायदों को लेकर किए गए एक शोध में सामने आया था कि इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटीसेप्टिक , एंटीवायरस, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीट्यूमर के साथ ही एंटी-एलर्जेनिक गुण पाए जाते हैं, जो संयुक्त रूप से शरीर को लाभ पहुंचाते हैं.
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डॉ दिव्या बताती हैं कि पुदीने में इन गुणों के अलावा मेंथोल, आयरन, वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मैंगनीज, विटामिन सी, विटामिन-ए, राइबोफ्लेविन और कॉपर आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं. वह बताती हैं कि पुदीने के गुणों के चलते ना सिर्फ आयुर्वेदिक औषधियों में बल्कि प्राकृतिक चिकित्सा व घरेलू नुस्खों में भी सदियों से इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है. हमारे विशेषज्ञों की राय में तथा कुछ शोधों के परिणामों के अनुसार पुदीने से स्वास्थ्य को होने वाले फायदों में से कुछ इस प्रकार हैं-
- पेट संबंधी समस्याओं में फायदे
डॉ दिव्या बताती हैं इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम पेट संबंधी एक आम विकार है जिसमें आमतौर पर पीड़ित को पेट में दर्द, दस्त और कब्ज की समस्या हो जाती है. ऐसे में पुदीने की चाय, उसका काढ़ा या उसके पानी का सेवन काफी लाभकारी होता है. वह बताती हैं कि पुदीने में फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट होते है जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं और गैस, उबकाई, मतली व उल्टी तथा अन्य समस्याओं को दूर रखते हैं. - उल्टी या मतली में राहत
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन यानी एनसीबीआई की वेबसाइट पर पुदीने पर प्रकाशित एक शोध में भी बताया गया है कि पुदीने का तेल भी काफी लाभकारी होता है. शोध के अनुसार इसके तेल का अरोमाथेरेपी में कई समस्याओं में इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिनमें से एक उल्टी व मतली की समस्या भी हैं. वहीं रिसर्च जनरल ऑफ मेडिसिनल प्लांट के एक शोध के में भी बताया गया है कि पुदीने के रस या इसके एसेंशियल ऑयल के इस्तेमाल से सिरदर्द तथा कुछ अन्य प्रकार के दर्द में आराम मिल सकता है क्योंकि इसमें दर्द निवारक गुण भी पाए जाते हैं. - अवसाद और तनाव में फायदेमंद
कुछ साल पहले नॉटिंघम में आयोजित साइकोलॉजिकल सोसाइटी के वार्षिक सम्मेलन में प्रस्तुत एक शोध में माना गया था कि पुदीने की चाय स्वस्थ वयस्कों की याददाश्त में, लंबी अवधि के लिए सुधार कर सकती है. दरअसल इस तुलनात्मक शोध में अध्ययनकर्ताओं ने प्रतिभागियों को पुदीने की चाय, कैमोमाइल (बबूने का फूल) की चाय और गर्म पानी का सेवन कराया था. शोध के नतीजों में सामने आया कि कैमोमिल और गर्म पानी का सेवन करने वालों के मुकाबले पुदीने की चाय का सेवन करने वाले लोगों में दीर्घकालीन स्मरण शक्ति और सतर्कता में महत्वपूर्ण सुधार देखे गए थे. डॉ दिव्या भी बताती हैं कि ना सिर्फ पुदीने की पत्तियों की चाय बल्कि उसकी सुगंध भी मस्तिष्क में तनाव तथा अवसाद जैसी स्थिति के प्रभाव को कम करने में लाभकारी हो सकती है. - त्वचा व बालों के लिए फायदेमंद
पुदीने के सत्त या रस का इस्तेमाल कई प्रकार के सौंदर्य उत्पादों में किया जाता है. त्वचा पर मूल रूप में इसके इस्तेमाल से या फिर किसी फेस पैक, या टोनर आदि के रूप में इसके इस्तेमाल से मुंहासों जैसी कई प्रकार की त्वचा संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है. पुदीने में एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो त्वचा पर उम्र के प्रभाव को कम करने में लाभकारी होते हैं साथ ही फ्री रैडिकल से होने वाले नुकसान को भी कम करते हैं. इसके अलावा पुदीने में वातशामक गुण पाए जाते हैं जिससे इसका सेवन करने से या अन्य माध्यम में इसका इस्तेमाल करने से बालों का रूखेपन तथा उनका बेजान होकर झड़ना या टूटना कम होता है.साथ ही रूसी जैसी समस्या में भी राहत मिलती है. - मुंह की सेहत के लिए फायदेमंद
डॉ राजेश बताते हैं कि पुदीने की पत्तियों को चबाने या उन्हे उबालकर बनाए गए पानी से कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है. इसके अलावा मुंह के छाले तथा दांत दर्द की समस्या में भी पुदीने के पत्तों के चूर्ण से मंजन करने, पुदीने का तेल लगाने तथा उसका काढ़ा बनाकर पीने से राहत मिलती है. - श्वास संबंधी समस्याओं में फायदेमंद
वह बताते हैं कि पुदीने में चूंकि वात-कफ शामक गुण होते हैं और इसकी तासीर भी गर्म होती है, ऐसे में इसके सेवन से फेफड़ों में जमा बलगम पतला होकर बाहर निकलने लगता है. इसलिए आयुर्वेद में श्वास संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा आदि में चिकित्सीय सलाह पर इसका सेवन करने की बात कही जाती है. इसके अलावा मौसम में परिवर्तन होने पर होने वाले संक्रमण विशेषकर बुखार में पुदीना के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से फायदा मिलता है.