ETV Bharat / sukhibhava

कुछ टिप्स से पाएं मेनोपॉज से जुड़ी समस्याओं में राहत

मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का वह दौर है जब उनका मासिक धर्म धीरे-धीरे बंद हो रहा होता है. लेकिन यह समय अपने साथ बहुत सी परेशानियां भी लाता है जो महिलाओं के न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती हैं. आइए जानते हैं कि पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर की राय की कौन से उपायों से महिलायें इस कठिन समय में अपनी परेशानियों को कुछ हद तक कम कर सकती हैं.

menopause,  menstruation,  female health,  menstrual cycle,  women's health,  what is menopause,  what are the symptoms of menopause,  what is perimenopause,  at what age do women have menopause,  is menopause painful,  can i have an early menopause,  what is an early menopause,  osteoporosis,  health after menopause,  life after menopause,  can in have sex after menopause,  sex life after menopause,  menstrual pain,  health, Problems Faced During Menopause, dealing with the symptoms of menopause
मेनोपॉज
author img

By

Published : Nov 20, 2021, 5:39 PM IST

आमतौर पर 40 वर्ष के आस-पास महिलाओं में मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति की शुरुआत होती है. यह एक ऐसी अवस्था जो हर महिला के जीवन में आती ही है. महिलाओं के लिए यह एक ऐसा कठिन दौर होता है जब उनके शरीर में हार्मोनल बदलावों के चलते कई प्रकार की शारीरिक व मानसिक समस्याएं जन्म लेने लगती हैं. ऐसे में पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर का मानना है की कुछ टिप्स या उपायों की मदद से महिलायें इस मुश्किल दौर की समस्याओं को कुछ हद तक कम कर सकती हैं.

मेनोपॉज के दौरान होने वाली समस्याएं
मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. यह कोई बीमारी नहीं है और इसके लक्षण धीरे धीरे शरीर में नजर आते हैं. हर महिला में इस समस्या की अवधि अलग-अलग हो सकती है. इस अवस्था में महिलाओं को कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं, जिसके चलते न सिर्फ उनका शरीर, उनकी मनः स्तिथि, उनका व्यवहार बल्कि दिनचर्या भी प्रभावित होती है. मेनोपॉज की अवस्था में महिलाओं में नजर आने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं.

  • मूड खराब होना या जल्दी जल्दी मूड में बदलाव होना
  • बहुत अधिक भूख लगना, या बार-बार खाने की इच्छा करना
  • बाल टूटना या झड़ना
  • त्वचा पर पिगमेंटेशन यानी झाइयाँ होना
  • ठंडे पसीने आना
  • घबराहट, बेचैनी, डिप्रेशन तट चिड़चिड़ापन महसूस होना
  • हॉट फ्लेशेज
  • वजन कम हो जाना या बढ़ जाना
  • जोड़ों और हड्डियों में दर्द
  • गैस, ब्लोटिंग और पाचन तंत्र से जुड़ी अन्य समस्याएं

कैसे बचे मेनोपॉज के प्रभाव से

रुजुता दिवेकर बताती मेनोपॉज के दौरान शरीर व मन पर पड़ने वाले प्रभावों को कुछ टिप्स की मदद नियंत्रित अवश्य किया जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • सेहतमंद खुराक जरूरी
    रुजुता दिवेकर बताती हैं कि मेनोपॉज के दौरान बहुत जरूरी है महिलाएं स्वस्थ तथा संतुलित खुराक लें. इस अवस्था में शरीर में होने वाले बदलावों का असर सेहत पर ज्यादा न पड़े इस लिए महिलाओं को ऐसे समय में मौसम के अनुसार, मौसमी सब्जियों व फलों से युक्त हल्का तथा सुपाच्य आहार सही समय पर ग्रहण करना चाहिए. साथ ही उन्हे इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि उनके भोजन में दाल, सब्जी, अनाज, डेयरी उत्पाद तथा फल यानी सभी प्रकार का आहार शामिल हो. जिससे सेहत के लिए जरूरी सभी प्रकार के पोषक तत्व उन्हे प्राप्त हो सके. पोषण का अभाव इस दौर में समस्याओं को बढ़ा सकता है वहीं यदि आहार पोषण से भरपूर हो तो मेनोपॉज के लक्षणों में आराम मिलता है. इसके साथ ही इस प्रकार का आहार महिलाओं के मूड को प्रसन्न बनाए रखने तथा वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है.
  • शारीरिक व मानसिक सक्रियता जरूरी
    मेनोपॉज की अवधि के दौरान आमतौर पर महिलायें शरीर में ऊर्जा की कमी, थकान, आलस और कमजोरी भी महसूस करती हैं, ऐसे में नियमित व्यायाम काफी फायदेमंद होता है. रुजुता दिवेकर बताती हैं कि व्यायाम चाहे किसी भी प्रकार का हो, उसका नियमित अभ्यास शरीर को ऊर्जा व ताकत देता है. इससे न सिर्फ सहनशक्ति और शरीर में लचीलापन बढ़ता है बल्कि शारीरिक व मानसिक समस्याएं अपेक्षाकृत कम प्रभावित करती हैं. रुजुता महिलाओं को नियमित रूप से प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट अपनी सुविधानुसार योगा, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियो व्यायाम करने की सलाह देती हैं.
  • आराम भी है ज़रूरी
    रुजुता दिवेकर बताती हैं कि इस अवस्था में महिलायें बहुत जल्दी थकने लगती हैं और थकान के चलते समस्याएं ज्यादा महसूस होती है. ऐसे में महिलाओं को अपने आराम का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए. बहुत जरूरी है कि महिलाएं रात को पूरी नींद लें साथ ही दिन में भी आराम के लिए समय ज़रूर निकालें. वह बताती हैं कि ऐसी अवस्था में दोपहर में भोजन के बाद कम से कम 20 मिनट की पॉवर नैप काफी आराम महसूस करा सकती है. इसके अलावा महिलायें स्लीप हाइजीन का ध्यान रखते हुए रात में समय पर सोने तथा सुबह जल्दी जागने की आदत डालें.

पढ़ें: पुरुषों का मेनोपोज : 'एन्ड्रोपोज'

आमतौर पर 40 वर्ष के आस-पास महिलाओं में मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति की शुरुआत होती है. यह एक ऐसी अवस्था जो हर महिला के जीवन में आती ही है. महिलाओं के लिए यह एक ऐसा कठिन दौर होता है जब उनके शरीर में हार्मोनल बदलावों के चलते कई प्रकार की शारीरिक व मानसिक समस्याएं जन्म लेने लगती हैं. ऐसे में पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर का मानना है की कुछ टिप्स या उपायों की मदद से महिलायें इस मुश्किल दौर की समस्याओं को कुछ हद तक कम कर सकती हैं.

मेनोपॉज के दौरान होने वाली समस्याएं
मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. यह कोई बीमारी नहीं है और इसके लक्षण धीरे धीरे शरीर में नजर आते हैं. हर महिला में इस समस्या की अवधि अलग-अलग हो सकती है. इस अवस्था में महिलाओं को कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं, जिसके चलते न सिर्फ उनका शरीर, उनकी मनः स्तिथि, उनका व्यवहार बल्कि दिनचर्या भी प्रभावित होती है. मेनोपॉज की अवस्था में महिलाओं में नजर आने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं.

  • मूड खराब होना या जल्दी जल्दी मूड में बदलाव होना
  • बहुत अधिक भूख लगना, या बार-बार खाने की इच्छा करना
  • बाल टूटना या झड़ना
  • त्वचा पर पिगमेंटेशन यानी झाइयाँ होना
  • ठंडे पसीने आना
  • घबराहट, बेचैनी, डिप्रेशन तट चिड़चिड़ापन महसूस होना
  • हॉट फ्लेशेज
  • वजन कम हो जाना या बढ़ जाना
  • जोड़ों और हड्डियों में दर्द
  • गैस, ब्लोटिंग और पाचन तंत्र से जुड़ी अन्य समस्याएं

कैसे बचे मेनोपॉज के प्रभाव से

रुजुता दिवेकर बताती मेनोपॉज के दौरान शरीर व मन पर पड़ने वाले प्रभावों को कुछ टिप्स की मदद नियंत्रित अवश्य किया जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • सेहतमंद खुराक जरूरी
    रुजुता दिवेकर बताती हैं कि मेनोपॉज के दौरान बहुत जरूरी है महिलाएं स्वस्थ तथा संतुलित खुराक लें. इस अवस्था में शरीर में होने वाले बदलावों का असर सेहत पर ज्यादा न पड़े इस लिए महिलाओं को ऐसे समय में मौसम के अनुसार, मौसमी सब्जियों व फलों से युक्त हल्का तथा सुपाच्य आहार सही समय पर ग्रहण करना चाहिए. साथ ही उन्हे इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि उनके भोजन में दाल, सब्जी, अनाज, डेयरी उत्पाद तथा फल यानी सभी प्रकार का आहार शामिल हो. जिससे सेहत के लिए जरूरी सभी प्रकार के पोषक तत्व उन्हे प्राप्त हो सके. पोषण का अभाव इस दौर में समस्याओं को बढ़ा सकता है वहीं यदि आहार पोषण से भरपूर हो तो मेनोपॉज के लक्षणों में आराम मिलता है. इसके साथ ही इस प्रकार का आहार महिलाओं के मूड को प्रसन्न बनाए रखने तथा वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है.
  • शारीरिक व मानसिक सक्रियता जरूरी
    मेनोपॉज की अवधि के दौरान आमतौर पर महिलायें शरीर में ऊर्जा की कमी, थकान, आलस और कमजोरी भी महसूस करती हैं, ऐसे में नियमित व्यायाम काफी फायदेमंद होता है. रुजुता दिवेकर बताती हैं कि व्यायाम चाहे किसी भी प्रकार का हो, उसका नियमित अभ्यास शरीर को ऊर्जा व ताकत देता है. इससे न सिर्फ सहनशक्ति और शरीर में लचीलापन बढ़ता है बल्कि शारीरिक व मानसिक समस्याएं अपेक्षाकृत कम प्रभावित करती हैं. रुजुता महिलाओं को नियमित रूप से प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट अपनी सुविधानुसार योगा, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियो व्यायाम करने की सलाह देती हैं.
  • आराम भी है ज़रूरी
    रुजुता दिवेकर बताती हैं कि इस अवस्था में महिलायें बहुत जल्दी थकने लगती हैं और थकान के चलते समस्याएं ज्यादा महसूस होती है. ऐसे में महिलाओं को अपने आराम का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए. बहुत जरूरी है कि महिलाएं रात को पूरी नींद लें साथ ही दिन में भी आराम के लिए समय ज़रूर निकालें. वह बताती हैं कि ऐसी अवस्था में दोपहर में भोजन के बाद कम से कम 20 मिनट की पॉवर नैप काफी आराम महसूस करा सकती है. इसके अलावा महिलायें स्लीप हाइजीन का ध्यान रखते हुए रात में समय पर सोने तथा सुबह जल्दी जागने की आदत डालें.

पढ़ें: पुरुषों का मेनोपोज : 'एन्ड्रोपोज'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.