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समय पर व्यायाम और पौष्टिक खानपान जरूरी

कोरोना महामारी के दौरान दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए बहुत मुश्किल समय है. निष्क्रिय जीवन शैली और खानपान की गलत आदतों के कारण कम उम्र के लोगों में भी हृदय रोग की समस्या देखी जा रही है. इसके लिए हृदय रोगी कोरोना काल के समय डॉक्टर की सलाह लेकर दवाइयों का स्टॉक रखें. वहीं व्यायाम एवं खानपान संबंधी सावधानियां बरतें.

Heart disease and corona
हृदय रोग और कोरोना
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Published : Sep 29, 2020, 5:05 PM IST

29 सितंबर को 'विश्व हृदय दिवस' मनाया जा रहा है. इस दिन का उद्देश्य लोगों को हृदयरोग के बारे में जागरूक करना है. हृदयरोग के मरीजों की संख्या दुनियाभर में लगातार बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना महामारी समय में दिल की बीमारी लोगों को ज्यादा नुकसान पंहुचा रही है, जिसकी वजह से कोविड-19 के डर से दिल के मरीज घर में ही रहने के लिए मजबूर हैं. वहीं मरीज अपने रेगुलर चेकअप के लिए भी नहीं जा पा रहे हैं. गलत खानपान, हर वक्त तनाव में रहना और समय पर एक्सरसाइज ना करने की वजह से ये बीमारी अक्सर होती है. दुनियाभर में अलग-अलग संस्थाएं इस दिन लोगों को जागरूक करती हैं.

35 से ज्यादा उम्र के युवाओं में भी इनएक्टिव लाइफस्टाइल और खाने की खराब आदतों के कारण दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ रहा है. पिछले 5 साल में दिल की समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. इनमें से अधिकांश 30-50 साल आयु वर्ग के पुरुष और महिलाएं हैं. लोगों के पास अपने शरीर और मन को स्वस्थ और शांत रखने के लिए समय ही नहीं है, जिस वजह से लोगों में कई तरह की बीमारियां देखने को मिल रही हैं.

हालांकि अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है, डॉक्टरों का कहना है कि अब लोगों को कम से कम आधे घंटे की एक्सरसाइज करनी चाहिए, थोड़ा बाहर घूमना चाहिए, लेकिन कोविड से बचने के उपाय के साथ. वहीं नमक, चीनी और ट्रांस फैट वाली चीजें खाने से बचें. इससे दिल की बीमारी होने का खतरा कम होता है.

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. डीके झांम्ब ने बताया, 'लॉकडाउन के दौरान, देखा गया कि लोग तरह-तरह के खाना पकाने और खाने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे थे. नतीजतन, उनका वजन भी बढ़ रहा है. चूंकि कोरोनावायरस की वैक्सीन या इलाज आने में अभी कुछ महीने लग सकते हैं, इसलिए हमें आने वाले महीनों में अपने हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए सभी सावधानियों का पालन करना होगा.'

हृदयरोग की गंभीरता को समझते हुए आपको उन आहारों को चुनना चाहिए, जो आपके दिल के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए सही हो. फास्ट फूड, जंक फूड, सिगरेट और शराब से दूरी बनाकर रखना चाहिए.

सीनियर कार्डियोलोजिस्ट डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया, 'हार्ट की बीमारी के लिए कोई विशेष उम्र नहीं होती है, लेकिन हमारी गतिहीन यानी इनएक्टिव लाइफस्टाइल के कारण हमने 22 साल के व्यक्ति में हार्ट अटैक का केस देखा है. लेकिन जो लोग कम उम्र में हार्ट अटैक का सामना करते हैं, उनमें बहुत ज्यादा रिस्क फैक्टर होते हैं. इसलिए हार्ट अटैक को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है, 45 मिनट रोज एरोबिक फिजिकल एक्टिविटी, ताजा फल और सब्जियों से भरपूर डाइट और धूम्रपान से बचने सहित हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं.'

अगर आप हृदयरोग से पीड़ित हैं, तो यह ध्यान दीजिए कि आपके पास हृदय से जुड़ी दवाइयों का स्टॉक हो. जरूरत हो तो अतिरिक्त दवाई मंगाकर रखें. आपको यह ध्यान देने की जरूरत है कि आप दवा डॉक्टर की सलाह से लें और बिना उनकी सलाह के दवा को बंद ना करें.

29 सितंबर को 'विश्व हृदय दिवस' मनाया जा रहा है. इस दिन का उद्देश्य लोगों को हृदयरोग के बारे में जागरूक करना है. हृदयरोग के मरीजों की संख्या दुनियाभर में लगातार बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना महामारी समय में दिल की बीमारी लोगों को ज्यादा नुकसान पंहुचा रही है, जिसकी वजह से कोविड-19 के डर से दिल के मरीज घर में ही रहने के लिए मजबूर हैं. वहीं मरीज अपने रेगुलर चेकअप के लिए भी नहीं जा पा रहे हैं. गलत खानपान, हर वक्त तनाव में रहना और समय पर एक्सरसाइज ना करने की वजह से ये बीमारी अक्सर होती है. दुनियाभर में अलग-अलग संस्थाएं इस दिन लोगों को जागरूक करती हैं.

35 से ज्यादा उम्र के युवाओं में भी इनएक्टिव लाइफस्टाइल और खाने की खराब आदतों के कारण दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ रहा है. पिछले 5 साल में दिल की समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. इनमें से अधिकांश 30-50 साल आयु वर्ग के पुरुष और महिलाएं हैं. लोगों के पास अपने शरीर और मन को स्वस्थ और शांत रखने के लिए समय ही नहीं है, जिस वजह से लोगों में कई तरह की बीमारियां देखने को मिल रही हैं.

हालांकि अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है, डॉक्टरों का कहना है कि अब लोगों को कम से कम आधे घंटे की एक्सरसाइज करनी चाहिए, थोड़ा बाहर घूमना चाहिए, लेकिन कोविड से बचने के उपाय के साथ. वहीं नमक, चीनी और ट्रांस फैट वाली चीजें खाने से बचें. इससे दिल की बीमारी होने का खतरा कम होता है.

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. डीके झांम्ब ने बताया, 'लॉकडाउन के दौरान, देखा गया कि लोग तरह-तरह के खाना पकाने और खाने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे थे. नतीजतन, उनका वजन भी बढ़ रहा है. चूंकि कोरोनावायरस की वैक्सीन या इलाज आने में अभी कुछ महीने लग सकते हैं, इसलिए हमें आने वाले महीनों में अपने हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए सभी सावधानियों का पालन करना होगा.'

हृदयरोग की गंभीरता को समझते हुए आपको उन आहारों को चुनना चाहिए, जो आपके दिल के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए सही हो. फास्ट फूड, जंक फूड, सिगरेट और शराब से दूरी बनाकर रखना चाहिए.

सीनियर कार्डियोलोजिस्ट डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया, 'हार्ट की बीमारी के लिए कोई विशेष उम्र नहीं होती है, लेकिन हमारी गतिहीन यानी इनएक्टिव लाइफस्टाइल के कारण हमने 22 साल के व्यक्ति में हार्ट अटैक का केस देखा है. लेकिन जो लोग कम उम्र में हार्ट अटैक का सामना करते हैं, उनमें बहुत ज्यादा रिस्क फैक्टर होते हैं. इसलिए हार्ट अटैक को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है, 45 मिनट रोज एरोबिक फिजिकल एक्टिविटी, ताजा फल और सब्जियों से भरपूर डाइट और धूम्रपान से बचने सहित हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं.'

अगर आप हृदयरोग से पीड़ित हैं, तो यह ध्यान दीजिए कि आपके पास हृदय से जुड़ी दवाइयों का स्टॉक हो. जरूरत हो तो अतिरिक्त दवाई मंगाकर रखें. आपको यह ध्यान देने की जरूरत है कि आप दवा डॉक्टर की सलाह से लें और बिना उनकी सलाह के दवा को बंद ना करें.

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