Tea lovers दुनिया के हर हिस्से में मिलते हैं. हमारे देश में भी चाय के शौकीनों की कमी नहीं है. ज्यादातर लोग चाय के नाम पर पारंपरिक स्वाद वाली चाय के बारें में ही जानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं हमारे देश में कई राज्यों में नमकीन चाय, केसर व सूखे मेवों से बनी चाय, सूखे खड़े मसालों वाली वाली चाय और यहां तक कि जलजीरे ( Salted tea , saffron tea , dry fruits tea , dry spices tea , unique flavored tea , Jaljeera flavor tea ) के स्वाद जैसी अनोखे स्वाद वाली चाय भी मिलती है! ETV भारत सुखीभव कुछ ऐसे ही चाय के जायकों से आपका परिचय कराने जा रहा है.
चाय हमारे देश में हर घर, होटल, नुक्कड़ और चौराहों पर मिलती है. अलग-अलग लोग अलग-अलग तरह की चाय पसंद करते हैं जैसे कुछ लोग इलायची की चाय पसंद करते हैं तो कुछ तुलसी वाली चाय, कुछ लौंग वाली, कुछ अदरक वाली, कुछ ज्यादा दूध वाली, कुछ कम दूध वाली, तो कई लोग सादी ( काली ) चाय पीना पसंद करते हैं. आमतौर चाय का स्वाद या उसमें पड़ने वाले मसाले काफी हद तक उक्त स्थान की वातावरणीय या मौसमी परिस्थिति पर निर्भर करते हैं. जैसे अदरक लौंग या अन्य मसालों वाली चाय ज्यादातर ठंड के मौसम में या पहाड़ी क्षेत्रों में पसंद की जाती है वहीं ऐसे इलाके जहां उमस ज्यादा होती है वहां लोग बिना दूध वाली या नींबू वाली चाय पीना पसंद करते हैं. लेकिन हमारे देश में चाय के जायके सिर्फ दूध वाली या काली चाय तक ही सीमित नहीं हैं. हमारे देश के कई राज्यों में पारंपरिक चाय से इतर कई अन्य तरह के जायकों वाली चाय भी मिलती हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन से वे अनोखे जायकों वाली चाय तथा उन्हे कैसे बनाया जाता है.
कश्मीरी कहवा : Kashmiri Kahwa
अलग जायकों वाली चाय में कश्मीरी कहवा काफी प्रसिद्ध है. कहवा सिर्फ अपने जायके के लिए ही नहीं बल्कि अपनी खुशबू तथा सेहत के लिए अपने फ़ायदों के लिए भी प्रसिद्ध है. दरअसल Kashmiri Kahwa केसर , इलायची, दालचीनी और अलग-अलग प्रकार की जड़ी-बूटियों तथा सूखे मेवों विशेषकर बादाम के साथ बनाया तथा परोसा जाता है. Kashmiri Kahva प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट गुणों तथा अन्य कई औषधीय गुणों से युक्त होती है.
नून चाय : Noon Chai
सिर्फ कश्मीर का कहवा ही नहीं बल्कि कश्मीर की नून चाय भी लोगों को काफी पसंद आती है. नून यानी नमक, इस (salt tea) चाय का स्वाद चूंकि नमकीन होता है इसलिए इसे नून चाय कहा जाता है. दरअसल नून चाय में पहले पानी को चाय पत्ती, इलायची और अदरक के साथ उबाला जाता है.बाद में उसमें थोड़ी-सी मात्रा में बेकिंग सोडा मिलाया जाता है. जिससे उसका स्वाद नमकीन हो जाता है . इस चाय को बाद में गर्म दूध और चीनी मिलाकर तथा चाय के ऊपर पिस्ता डालकर परोसा जाता है.
बटर टी : Butter Tea
बटर टी यानी मक्खन वाली चाय सिर्फ नेपाल और भूटान में ही नहीं बल्कि भारत के कुछ दूरस्थ हिमालयी क्षेत्रों में भी लोगों द्वारा खूब पसंद की जाती है. तिब्बती भाषा में पोचा के नाम से जानी जाने वाली यह चाय हिमाचल और उत्तराखंड के सुदूर इलाकों में खासकर कुछ विशेष जनजातियों में ज्यादा इस्तेमाल की जाती है. ऐसे इलाके जहां याक होते हैं वहां इसे याक के दूध से बने मक्खन, चाय की पत्ती और नमक से बनाया जाता है. वहीं सामान्य तौर पर इसमें आम मक्खन या कुछ इलाकों में घी का इस्तेमाल करके भी बनाया जाता है. यह चाय भी स्वाद में नमकीन होती है.
लेबू चाय : Lemon Tea
यह बंगाल में काफी प्रचलित है. बिना दूध वाली बंगाल की लेबू चाय को Masala Lemon Tea ( मसाला लेमन चाय ) भी कहा जाता है. इस चाय की खासियत है इसमें पड़ने वाला मसाला. नींबू के अलावा आमतौर पर इसमें जो मसाला पड़ता है उसमें जलजीरा पाउडर, काला नमक और कालीमिर्च जैसे मसाले होते हैं. यह स्वाद में खट्टी मीठी तथा चटपटी होती है.
हाजमोला चाय : Hajmola Tea
बनारस के अस्सी घाट पर मिलने वाली हाजमोला चाय का अनोखा जायका भी लोगों को काफी पसंद आता है. इसमें चीनी में सौंठ, पुदीना, काला नमक, काली मिर्च , हाजमोला की गोलियां तथा लौंग डाल कर उन्हे पीस कर मसाला तैयार किया जाता है. इसे चाय पत्ती के साथ उबले पानी में नींबू के साथ मिलाकर परोसा जाता है.
फुदीना चाय : Peppermint Tea
राजस्थान के तीर्थ स्थल नाथद्वारा में मिलने वाली पुदीने वाली फुदीना चाय ना सिर्फ वहां के स्थानीय निवासियों बल्कि तीर्थयात्रियों को भी काफी पसंद आती है. इस इलाके में पुदीने को फूदीना कहा जाता है इसलिए इस चाय को भी फूदीने वाली चाय कहा जाता है. इस आम चाय में पुदीने का तीखा स्वाद एक अलग ही तरह का जायका देता है. वही इसे ज्यादातर कुल्हड़ में परोसा जाता है जिससे इसका सौंधापन और भी ज्यादा बढ़ जाता है.
ईरानी चाय : Iranian Tea
ईरानी चाय भी भारत में मुंबई तथा हैदराबाद में काफी ज्यादा पसंद की जाती है. इसे दम वाली चाय भी कहते हैं. यानी जिस तरह हैदराबाद की मशहूर बिरयानी को बनाते समय उसके बर्तन को आटे से सील करके दम लगाया जाता है वैसे ही इस चाय में भी दम लगता है. ईरानी चाय को बनाने के लिए पानी व चायपत्ती को एक साथ उबाल जाता है, फिर पतीले और उसके ढक्कन को आटे की लोई से सील करके उसे धीमी आंच पर लगभग आधा घंटा पकाया जाता है. वहीं दूसरी गैस पर दूध को पहले उबाल कर फिर उसमें इलायची डालकर उसे इतना कढ़ाया जाता है की वह आधा हो जाए. इसके बाद उसमें कंडेंस्ड मिल्क डालकर उसे फिर से पकाया जाता है. वहीं कई लोग कंडेंस्ड मिल्क कि जगह खोया या मावा भी डालते हैं. इसमें जब दूध हल्का दानेदार होने लगे तो गैस बंद कर दी जाती है. अब दम लगी हुई चाय का ढक्कन खोल कर उसमें चीनी डालकर उसे और पकाया जाता है. इसे परोसने के लिए पहले ग्लास में दम लगी हुई चाय डाली जाती है और फिर उसमें ऊपर से दूध डाला जाता है.
सुलेमानी चाय : Agate Tea
केरल में मिलने वाली सुलेमानी चाय सिर्फ अपने जायके के लिए ही नहीं बल्कि अपनी खुशबू व सेहत के लिए लाभ के लिए भी जानी जाती है. इस चाय में लौंग, दालचीनी तथा पुदीने की महक तथा स्वाद होता है. इसे ना सिर्फ शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है बल्कि यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने सहित शरीर को और भी कई तरह के फायदे पहुंचाती है. इसे बनाने के लिए पहले एक पैन में पानी में लौंग, दालचीनी, पुदीने की पत्तियां और इलायची डालकर इतना पकाया जाता है की पानी आधा रह जाए. फिर इसमें चाय पत्ती डालकर गैस को बंद कर दिया जाता है. लगभग 3-5 मिनट बाद इसे छान कर तथा इसमें नींबू का रस और शहद मिलाकर इसे परोसा जाता है.
मीटर चाय : Meter Tea
वैसे तो दक्षिण भारत विशेषकर तमिलनाडु को फ़िल्टर काफी के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां की मीटर चाय का जायका भी लोगों को काफी पसंद आता है. मीटर चाय को काफी हद तक उसी तरह से बनाया जाता है जैसे वहां कॉफी को बनाया जाता है लेकिन इसमें कई तरह के मसाले भी डाले जाते हैं. इस चाय को बनाने के लिए पहले पानी में नपे-तुले मसाले तथा चायपत्ती पकाकर एक ऐसा ही घोल तैयार किया जाता हाई जैसा फ़िल्टर कॉफी में किया जाता है. इसे परोसने के लिए पहले गिलास में चाय का घोल डाल जाता है फिर उसमें गरम दूध डाल कर उसे परोसा जाता है.
मसाला चाय : Masala Tea
इलायची , लौंग , दालचीनी और काली मिर्च से बनने वाली मसाला चाय सेहत और शाम दोनों ही बेहतरीन बनाती है . मसाला चाय शरीर की रोग प्रतिरोधक (बॉडी इम्युनिटी) क्षमता बढ़ाने में सहायक है,बारिश के मौसम में छोटी-मोटी बीमारियों से बचने में (Spice tea) चाय से मदद (Strong body immunity) मिल सकती है. चाय के शौकीनों को ये नया स्वाद मसाला चाय जरूर आजमाना चाहिए.