सभी जानते और मानते हैं कि सुबह का नाश्ता किसी भी व्यक्ति की पूरे दिन के उर्जा को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन आज की पीढ़ी जो की रफ्तार के साथ जीती है नाश्ते के नाम पर कॉन्प्लेक्स या ब्रेड पर ज्यादा निर्भर करती है. हालांकि यह नाश्ता भी पेट के लिए हल्का होता है लेकिन दिन की शुरुआत हमेशा ऐसे भोजन से करनी चाहिए जो कि सभी जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर हो. ऐसे में फलों और सब्जियों की स्मूदी एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है. मौसम चाहे कोई भी हो सब्जी और फल हर मौसम में जरूरी होते हैं . ऐसे में फल, सब्जियों या सूखे मेवों से तैयार स्मूदी नाश्ते के रूप में कभी भी ग्रहण की जा सकती है.
दिल्ली की पोषण विशेषज्ञ डॉक्टर दिव्या शर्मा बताती हैं कि दिन की शुरुआत हमेशा पौष्टिक नाश्ते के साथ करनी चाहिए. नाश्ते में स्मूदी का सेवन करने से जरूरी पोषक तत्व शरीर को मिल जाते हैं. साथ ही लंबे समय तक भूख भी नहीं लगती है. मिले-जुले फलों, सब्जियों, ओट्स और सूखे मेवों को मिलाकर तैयार स्मूदी के कई फायदे होते हैं , जिनमें से कुछ इस प्रकार है.
स्मूदी के फायदे
- पोषण से भरपूर होती है
स्मूदी चूंकी कई तरह के फल और सब्जियों के समावेश से बनती है, इसलिए इसमें पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसका सेवन बच्चे तथा बुजुर्ग सभी आराम से कर सकते हैं. कई बार बड़े बुजुर्ग दांत में समस्या होने या दांत ना होने के चलते फल या सब्जी चबाकर नहीं खा पाते हैं ऐसे में फलों तथा सब्जियों की स्मूदी उनके शरीर के पोषक तत्व की कमी को पूरा कर सकती है.
- इम्यूनिटी और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है
चूंकि इसमें सब्जियां और फलों का इस्तेमाल होता है इसलिए इनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स एंटीऑक्सीडेंट तथा ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता तथा मेटाबॉलिज्म को मजबूत बनाने का कार्य करते हैं. जिसके चलते शरीर में संक्रमण होने की आशंका भी काफी हद तक कम हो जाती है.
- ओबेसिटी और कोमोरबीटी से बचा सकती है.
आज की युवा पीढ़ी में अस्वस्थ आहार जैसे जंक फूड के सेवन का चलन ज्यादा है. नतीजतन छोटे बच्चों और युवाओं में भी ओबेसिटी, मधुमेह तथा अन्य कई प्रकार की बीमारियां व समस्याएं देखने में आ रही हैं. स्मूदी एक आधुनिक आहार है और इसे लेकर बच्चों और युवाओं में खासा क्रेज देखने में आता है. ऐसे में न सिर्फ नाश्ते में बल्कि दिन के किसी भी समय वे शौक से स्मूदी का सेवन करते हैं. स्मूदी से लंबे समय तक पेट भरा रहता है जिसके चलते बार-बार चटर-पटर खाने का मन नहीं करता है. इससे वे मोटापे की समस्या से तो बचे रहते ही हैं , साथ ही उनके शरीर की जरूरत अनुसार पोषक तत्वों की पूर्ति भी होती रहती है.
जरूरत अनुसार बनाए स्मूदी
डॉक्टर दिव्या बताती हैं कि स्मूदी की खास बात यह है कि इसका सेवन हर उम्र के लोग कर सकते हैं. स्मूदी को लोग अपनी पसंद और जरूरत के अनुसार अलग-अलग फलों और सब्जियों से बना सकते हैं. जैसे युवाओं और बुजुर्गों के लिए ग्रीन स्मूदी काफी फायदेमंद होती है. ग्रीन स्मूदी दरअसल हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, बथुआ, मेथी या पुदीने को सेब, केले या अनानास के साथ पीसकर बनाई जाती है. क्योंकि इस स्मूदी में फल भी होते हैं इसलिए उनकी मिठास के चलते हरी पत्तेदार सब्जियों का स्वाद पता नहीं चलता है और बच्चे हो या बड़े शौक से इसका सेवन कर सकते हैं.
वहीं केले, पीनट बटर और फ्लेक्स सीड यानी अलसी के साथ बादाम के दूध या दही और शहद को मिलाकर बनाई गई स्मूदी हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ हमारे चेहरे को भी चमकदार बनाती है.
इनके अतिरिक्त केले और ओट्स को मिलाकर बनाई गई स्मूदी, सेव, दालचीनी और चिया सीड्स मिलाकर बनाई गई एप्पल स्मूदी तथा पपाया यानी पपीते की स्मूदी हमारे शरीर को डिटॉक्स कर वजन कम करने में मददगार होती है.
डॉक्टर दिव्या बताती हैं कि नाश्ते के समय ली जाने वाली स्मूदी में ओट्स का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा यदि स्मूदी में ड्राई फ्रूट्स डाले जाए तो स्मूदी का स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही पौष्टिक तत्वों की मात्रा भी बढ़ जाती हैं.
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